वाराणसी: सिक्किम में मंगलवार देर रात बादल फटने के बाद तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई. इसके बाद आसपास के इलाकों में पानी भर गया. बादल फटने के बाद आए सैलाब से वहां पर सड़कें बह गईं और कई पुल बह गए. इस घटना में कई सेना के जवान सहित लोग लापता हो गए. इसी बीच वाराणसी के एक निजी स्कूल के 45 बच्चे सिक्किम और 4 टीचर घूमने के लिए गए थे. ये सभी गंगटोक में घूमने के लिए निकले थे. तभी तीस्ता नदी में आई बाढ़ के कारण बीच रास्ते में फंस गए. छात्रों ने अपने घर वालों को इसकी सूचना दी. जिसपर परिजनों ने सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य (Governor Shri Laxman Prasad Acharya) को इसकी सूचना दी. राज्यपाल ने पुलिस प्रशासन को बच्चों को रेस्क्यू करने के लिए दिशा निर्देश दिए. जिसके बाद बच्चों को रेस्क्यू कर सुरक्षित उनके होटल तक पहुंचाया गया.
वाराणसी से सिक्किम घूमने गए बच्चें दार्जिलिंग के लिए बस से रवाना हुआ था ग्रुप: जानकारी के मुताबिक, वाराणसी के एक निजी स्कूल ने बच्चों को सिक्किम के गंगटोक और दार्जिलिंग सहित कई पर्यटन स्थलों पर ले जाने के लिए एक ग्रुप बनाया था. स्कूल प्रशासन 45 छात्र-छात्राओं और चार अध्यापकों को लेकर बस से 1 अक्टूबर को वाराणसी से सिक्किम के लिए रवाना हुआ था. इनका ग्रुप 2 अक्टूबर की शाम को गंगटोक पहुंच गया. इसके बाद 3 अक्टूबर को उन लोगों ने गंगटोक में जगहों को एक्सप्लोर किया. इसके बाद 4 अक्टूबर को दार्जिलिंग जाने का प्लान था. बस से इनका ग्रुप रवाना हुआ तो कुछ दूर जाने के बाद सड़क पर जाम मिला.
राज्यपाल ने पुलिस-प्रशासन को दिए थे निर्देश: इन छात्रों के ग्रुप को पता चला कि ल्होनाक लेक के ऊपर बादल फटने से रास्ते पर तेज पानी का बहाव आ गया है. जिससे सभी वाहन फंस गए हैं. इसके बाद बच्चों के साथ आए टीचर्स ने स्कूल प्रशासन और उनके अभिभावकों को इस मामले की सूचना दी. इसके बाद अभिभावकों ने सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य को फोन पर इस घटना की जानकारी दी. उन्होंने पुलिस-प्रशासन को इस मामले की जानकारी दी और निर्देश दिया कि बच्चों को वहां से सुरक्षित निकालकर होटल पहुंचाएं. पुलिस प्रशासन ने फंसे बच्चों और टीचर्स को सुरक्षित निकालकर उनके होटल तक पहुंचाया.
7 अक्टूबर तक वापस आ जाएगा बच्चों का ग्रुप: छात्र-छात्राओं और टीचर्स के ग्रुप के सुरक्षित होटल पहुंचने के बाद राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य उनसे मिलने के लिए खुद होटल पहुंचे और उनका हाल जाना. बता दें कि राज्यपाल वाराणसी के ही मूल निवासी हैं. वहीं, स्कूल के डायरेक्टर अनिल जाजौदिया ने बताया कि बच्चों का टूर 7 दिन का था. छात्र-छात्राएं सुरक्षित हैं. उन्हें गंगटोक के होटल में रखा गया है. वे दूसरे मार्ग से दार्जलिंग के लिए निकलेंगे. सभी निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 7 अक्टूबर की रात तक वाराणसी आ जाएंगे.
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