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वाराणसी के चर्च की दीवारों पर गीता के श्लोक, विश्व को दे रहा एकता का संदेश - चर्च की दीवारों पर गीता के श्लोक

वाराणसी में सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च (St Mary Cathedral Church in Varanasi) विश्व को एकता का संदेश दे रहा है. वाराणसी के चर्च की दीवारों पर गीता के श्लोक लिखे हैं. (Gita verses written on walls of Church in Varanasi)

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Published : Dec 23, 2022, 12:59 PM IST

वाराणसी में सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च दे रहा एकता का संदेश

वाराणसी: मंदिरों का शहर कहे जाने वाला काशी बेहद ही खास है. यही वजह है कि इस शहर को देखने के लिए सात समंदर से पार भी लोग खिंचे चले आते हैं. मंदिरों के शहर में आज हम एक ऐसे चर्च के बारे में आपको बताएंगे जो दुनिया के हर चर्च से बिल्कुल अलग है. वाराणसी में सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च की दीवारें भी गीता का संदेश (St Mary Cathedral Church in Varanasi) दे रही हैं. यहां के लोग इसे अनोखा चर्च भी कहते हैं. जिले के कैंटोनमेंट क्षेत्र में यह बड़े चर्च के नाम से जाना जाता है.

चर्च की दीवारों पर लिखे हैं गीता के श्लोक: सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च की दीवारों पर ॐ (ओम), कलश, आम के पत्ते, लताएं और ईशा मसीह का संदेश लिखे गए हैं. इस चर्च में बाइबिल के संदेश के साथ गीता के श्लोक सेवाधर्मः परमगहनो योगिनामप्यगम्य: भी संस्कृत में बड़े- बड़े पीतल के धातु से बने अक्षरों से लिखा गया है. चर्च को जाने माने पंडित आर्किटेक्ट कृष्ण मेनन और अपनी रचनात्मकता और भारतीयता के लिए जाने-जाने वाले आर्टिस्ट ज्योति शाही थे. यह चर्च सर्वधर्म के लोगों को एकता के एक सूत्र में बंधे रहने का संदेश देता है.

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चर्च की दीवारों पर गीता के श्लोक



पंडित कृष्ण मेमन और ज्योति शाही ने बनाया था चर्च: काशी नगरी अपनी सभ्यता और विचारों को लिए सारी दुनिया में जानी जाती है. काशी की पवित्रता को बनाए रखना हर धर्म का फर्ज है. इस चर्च को यह सोचकर बनाया कि यह चर्च भी लगे और मंदिर भी. इस चर्च की भरतीय संस्कृति से जोड़ते हुए, इसका निचला हिस्सा अष्टकमल के फूल के आकार का बनाया है. यानि भारतीय वास्तुकला में इसे अष्टकोणीय कहा जाता है. चर्च के अंदर संस्कृति के श्लोक, उर्दू के अल्फाज और हिंदी के वचन भी लिखे गए हैं. इस चर्च को पंडित आर्किटेक कृष्ण मेमन और रचनात्मक कला के लिए जाने जाने वाले आर्किटेक्ट ज्योति शाही ने बनाया था.

भारतीय कला वास्तु शास्त्र के अनुसार बना है चर्च: डॉ. यूजीन जोशेफ बिशप बताते हैं कि काशी सभी धर्मों का केंद्र बिंदु है. हमारे पूर्वजों ने ऐसा सोचा कि एक ऐसा मंदिर बने जो सबके दिल को भाये. भारतीय वास्तु शास्त्र मंडला कांसेप्ट पर सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च बना है. चर्च के आस-पास के वातावरण में हरियाली व शांति है. यही वजह है कि यह चर्च सर्वधर्म का संदेश दे रही है. इस चर्च में हिंदू, मुस्लिम, सिख सभी खिंचे चले आते हैं. यह चर्च ईसा मसीह के उन्हीं संदेशों को दर्शाता है. (Gita verses written on walls of Church in Varanasi )

चर्च में आते हैं सभी धर्मों के लोग: फादर ने बताया वैसे तो चर्च हमेशा निश्ति समय खुला रहता है. लेकिन रविवार को विशेष का खोला जाता है. जिसमें सभी धर्मों के लोग आते हैं. 25 दिसंबर बड़ा दिन क्रिसमस डे को काफी लोग आते हैं. इस बार चर्च कंपाउंड में किसी प्रकार की दुकानें नहीं लगाई जाएंगी सभी बाहर लगेंगे और जो भी कोविड-19 के प्रोटोकाल होंगे उन्हें हम सब पालन करेंगे.

ये भी पढ़ें- अब सरकारी स्कूलों में भी एक्सट्रा क्लास होगी, ये है वजह

वाराणसी में सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च दे रहा एकता का संदेश

वाराणसी: मंदिरों का शहर कहे जाने वाला काशी बेहद ही खास है. यही वजह है कि इस शहर को देखने के लिए सात समंदर से पार भी लोग खिंचे चले आते हैं. मंदिरों के शहर में आज हम एक ऐसे चर्च के बारे में आपको बताएंगे जो दुनिया के हर चर्च से बिल्कुल अलग है. वाराणसी में सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च की दीवारें भी गीता का संदेश (St Mary Cathedral Church in Varanasi) दे रही हैं. यहां के लोग इसे अनोखा चर्च भी कहते हैं. जिले के कैंटोनमेंट क्षेत्र में यह बड़े चर्च के नाम से जाना जाता है.

चर्च की दीवारों पर लिखे हैं गीता के श्लोक: सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च की दीवारों पर ॐ (ओम), कलश, आम के पत्ते, लताएं और ईशा मसीह का संदेश लिखे गए हैं. इस चर्च में बाइबिल के संदेश के साथ गीता के श्लोक सेवाधर्मः परमगहनो योगिनामप्यगम्य: भी संस्कृत में बड़े- बड़े पीतल के धातु से बने अक्षरों से लिखा गया है. चर्च को जाने माने पंडित आर्किटेक्ट कृष्ण मेनन और अपनी रचनात्मकता और भारतीयता के लिए जाने-जाने वाले आर्टिस्ट ज्योति शाही थे. यह चर्च सर्वधर्म के लोगों को एकता के एक सूत्र में बंधे रहने का संदेश देता है.

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चर्च की दीवारों पर गीता के श्लोक



पंडित कृष्ण मेमन और ज्योति शाही ने बनाया था चर्च: काशी नगरी अपनी सभ्यता और विचारों को लिए सारी दुनिया में जानी जाती है. काशी की पवित्रता को बनाए रखना हर धर्म का फर्ज है. इस चर्च को यह सोचकर बनाया कि यह चर्च भी लगे और मंदिर भी. इस चर्च की भरतीय संस्कृति से जोड़ते हुए, इसका निचला हिस्सा अष्टकमल के फूल के आकार का बनाया है. यानि भारतीय वास्तुकला में इसे अष्टकोणीय कहा जाता है. चर्च के अंदर संस्कृति के श्लोक, उर्दू के अल्फाज और हिंदी के वचन भी लिखे गए हैं. इस चर्च को पंडित आर्किटेक कृष्ण मेमन और रचनात्मक कला के लिए जाने जाने वाले आर्किटेक्ट ज्योति शाही ने बनाया था.

भारतीय कला वास्तु शास्त्र के अनुसार बना है चर्च: डॉ. यूजीन जोशेफ बिशप बताते हैं कि काशी सभी धर्मों का केंद्र बिंदु है. हमारे पूर्वजों ने ऐसा सोचा कि एक ऐसा मंदिर बने जो सबके दिल को भाये. भारतीय वास्तु शास्त्र मंडला कांसेप्ट पर सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च बना है. चर्च के आस-पास के वातावरण में हरियाली व शांति है. यही वजह है कि यह चर्च सर्वधर्म का संदेश दे रही है. इस चर्च में हिंदू, मुस्लिम, सिख सभी खिंचे चले आते हैं. यह चर्च ईसा मसीह के उन्हीं संदेशों को दर्शाता है. (Gita verses written on walls of Church in Varanasi )

चर्च में आते हैं सभी धर्मों के लोग: फादर ने बताया वैसे तो चर्च हमेशा निश्ति समय खुला रहता है. लेकिन रविवार को विशेष का खोला जाता है. जिसमें सभी धर्मों के लोग आते हैं. 25 दिसंबर बड़ा दिन क्रिसमस डे को काफी लोग आते हैं. इस बार चर्च कंपाउंड में किसी प्रकार की दुकानें नहीं लगाई जाएंगी सभी बाहर लगेंगे और जो भी कोविड-19 के प्रोटोकाल होंगे उन्हें हम सब पालन करेंगे.

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