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काशी में अनोखा चर्च, विश्व को दे रहा सर्वधर्म का संदेश - Cathedral church was built by Pt. Krishna Memon and Jyoti Shahi

धर्मनगरी काशी में स्थित एक चर्च विश्व को एकता का संदेश दे रहा है. कैंटोंमेंट क्षेत्र में स्थित सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च दीवारें भी गीता के श्लोक लिखे हुए हैं. इस अनोखे चर्च के बारे में विस्तार से जानें...

काशी में स्थित सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.
काशी में स्थित सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.
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Published : Dec 24, 2020, 5:31 PM IST

Updated : Dec 24, 2020, 6:20 PM IST

वाराणसीः मंदिरों का शहर कहे जाने वाला काशी बेहद ही खास है. यही वजह है कि इस शहर को देखने के लिए सात समंदर से पार भी लोग खींचे चले आते हैं. मंदिरों के शहर में आज हम एक ऐसे चर्च के बारे में आपको बताएंगे जो दुनिया के हर चर्च से बिल्कुल अलग है. कैंटोंमेंट क्षेत्र में स्थित सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च विश्व को एकता का संदेश दे रहा है. चर्च की दीवारें भी गीता का संदेश दे रही है. यहां के लोग इसे अनोखा चर्च भी कहते हैं.

काशी का अनोखा चर्च.

चर्च की दीवारों पर लिखे हैं गीता के श्लोक
सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च की दीवारों पर ॐ (ओम), कलश, आम के पत्ते, लताएं और ईशा मसीह का संदेश लिखे गए हैं. इस चर्च में बाइबिल के संदेश के साथ गीता के श्लोक "सेवाधर्मः परमगहनो योगिनामप्यगम्य:" भी संस्कृत में बड़े- बड़े पीतल के धातु से बने अक्षरों से लिखे गए हैं. चर्च को जाने माने पंडित आर्किटेक्ट कृष्ण मेनन और अपनी रचनात्मकता व भारतीयता के लिए जाने-जाने वाले आर्टिस्ट ज्योति शाही थे. यह चर्च सर्वधर्म के लोगों को एकता के एक सूत्र में बंधे रहने का संदेश देता है.

काशी में स्थित सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.
काशी में स्थित सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.

भारतीय कला वास्तु शास्त्र के अनुसार बना है चर्च
डॉ. यूजीन जोशेफ बिशप बताते हैं कि काशी सभी धर्मों का केंद्र बिंदु है. हमारे पूर्वजों ने ऐसा सोचा कि एक ऐसा मंदिर बने जो सबके दिल को भाये. भारतीय वास्तु शास्त्र मंडला कांसेप्ट पर सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च बना है. चर्च के आस-पास के वातावरण में हरियाली व शांति है. यही वजह है कि यह चर्च सर्वधर्म का संदेश दे रही है. इस चर्च में हिंदू, मुस्लिम, सिख सभी खिंचे चले आते हैं. यह चर्च ईसा मसीह के उन्हीं संदेशों को दर्शाता है.

सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.
सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.

पं. कृष्ण मेमन और ज्योति शाही ने बनाया था चर्च
सेंट मैरी महागिरजाघर के फादर विजय शांति राज ने बताया कि काशी नगरी अपनी सभ्यता और विचारों को लिए सारी दुनिया में जानी जाती है. काशी की पवित्रता को बनाए रखना हर धर्म का फर्ज है. हमने इस चर्च को यह सोचकर बनाया कि यह चर्च भी लगे और मंदिर भी. इस चर्च की भरतीय संस्कृति से जोड़ते हुए, इसका निचला हिस्सा अष्टकमल के फूल के आकार का बनाया है. यानि भारतीय वास्तुकला में इसे अष्टकोणीय कहा जाता है. चर्च के अंदर संस्कृति के श्लोक, उर्दू के अल्फाज और हिंदी के वचन भी लिखे गए हैं. फादर ने बताया कि चर्च की दीवार पर ओम बना है, जो शांति का प्रतीक है. इस चर्च को पंडित आर्किटेक कृष्ण मेमन और रचनात्मक कला के लिए जाने जाने वाले आर्किटेक्ट ज्योति शाही ने बनाया था.

सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.
सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.

चर्च में आते हैं सभी धर्मों के लोग
फादर ने बताया वैसे तो चर्च हमेशा निश्ति समय खुला रहता है. लेकिन रविवार को विशेष का खोला जाता है. जिसमें सभी धर्मों के लोग आते हैं. 25 दिसंबर बड़ा दिन क्रिसमस डे को काफी लोग आते हैं. इस बार कोविड 19 की वजह से कार्यक्रम आयोजन नहीं किया जा रहा है. बाकी जो पारंपरिक अनुष्ठान होते हैं, वह होंगे.

वाराणसीः मंदिरों का शहर कहे जाने वाला काशी बेहद ही खास है. यही वजह है कि इस शहर को देखने के लिए सात समंदर से पार भी लोग खींचे चले आते हैं. मंदिरों के शहर में आज हम एक ऐसे चर्च के बारे में आपको बताएंगे जो दुनिया के हर चर्च से बिल्कुल अलग है. कैंटोंमेंट क्षेत्र में स्थित सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च विश्व को एकता का संदेश दे रहा है. चर्च की दीवारें भी गीता का संदेश दे रही है. यहां के लोग इसे अनोखा चर्च भी कहते हैं.

काशी का अनोखा चर्च.

चर्च की दीवारों पर लिखे हैं गीता के श्लोक
सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च की दीवारों पर ॐ (ओम), कलश, आम के पत्ते, लताएं और ईशा मसीह का संदेश लिखे गए हैं. इस चर्च में बाइबिल के संदेश के साथ गीता के श्लोक "सेवाधर्मः परमगहनो योगिनामप्यगम्य:" भी संस्कृत में बड़े- बड़े पीतल के धातु से बने अक्षरों से लिखे गए हैं. चर्च को जाने माने पंडित आर्किटेक्ट कृष्ण मेनन और अपनी रचनात्मकता व भारतीयता के लिए जाने-जाने वाले आर्टिस्ट ज्योति शाही थे. यह चर्च सर्वधर्म के लोगों को एकता के एक सूत्र में बंधे रहने का संदेश देता है.

काशी में स्थित सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.
काशी में स्थित सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.

भारतीय कला वास्तु शास्त्र के अनुसार बना है चर्च
डॉ. यूजीन जोशेफ बिशप बताते हैं कि काशी सभी धर्मों का केंद्र बिंदु है. हमारे पूर्वजों ने ऐसा सोचा कि एक ऐसा मंदिर बने जो सबके दिल को भाये. भारतीय वास्तु शास्त्र मंडला कांसेप्ट पर सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च बना है. चर्च के आस-पास के वातावरण में हरियाली व शांति है. यही वजह है कि यह चर्च सर्वधर्म का संदेश दे रही है. इस चर्च में हिंदू, मुस्लिम, सिख सभी खिंचे चले आते हैं. यह चर्च ईसा मसीह के उन्हीं संदेशों को दर्शाता है.

सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.
सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.

पं. कृष्ण मेमन और ज्योति शाही ने बनाया था चर्च
सेंट मैरी महागिरजाघर के फादर विजय शांति राज ने बताया कि काशी नगरी अपनी सभ्यता और विचारों को लिए सारी दुनिया में जानी जाती है. काशी की पवित्रता को बनाए रखना हर धर्म का फर्ज है. हमने इस चर्च को यह सोचकर बनाया कि यह चर्च भी लगे और मंदिर भी. इस चर्च की भरतीय संस्कृति से जोड़ते हुए, इसका निचला हिस्सा अष्टकमल के फूल के आकार का बनाया है. यानि भारतीय वास्तुकला में इसे अष्टकोणीय कहा जाता है. चर्च के अंदर संस्कृति के श्लोक, उर्दू के अल्फाज और हिंदी के वचन भी लिखे गए हैं. फादर ने बताया कि चर्च की दीवार पर ओम बना है, जो शांति का प्रतीक है. इस चर्च को पंडित आर्किटेक कृष्ण मेमन और रचनात्मक कला के लिए जाने जाने वाले आर्किटेक्ट ज्योति शाही ने बनाया था.

सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.
सेंट मैरी कैथिड्रेल चर्च.

चर्च में आते हैं सभी धर्मों के लोग
फादर ने बताया वैसे तो चर्च हमेशा निश्ति समय खुला रहता है. लेकिन रविवार को विशेष का खोला जाता है. जिसमें सभी धर्मों के लोग आते हैं. 25 दिसंबर बड़ा दिन क्रिसमस डे को काफी लोग आते हैं. इस बार कोविड 19 की वजह से कार्यक्रम आयोजन नहीं किया जा रहा है. बाकी जो पारंपरिक अनुष्ठान होते हैं, वह होंगे.

Last Updated : Dec 24, 2020, 6:20 PM IST
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