वाराणसी: काशी की पहचान बन चुके गंगा महोत्सव का आगाज होने जा रहा है. देव दीपावली के पहले 5 नवंबर से 3 दिवसीय गंगा महोत्सव की शुरुआत होगी. जिसमें देश के जाने माले शास्त्रीय कलाकार और सुप्रसिद्ध गायिका अपने सुरों से काशी में समा बांधेंगे. बता दे कि गंगा महोत्सव बनारस की वो अमूल थाती बन चुकी है, जिसमें हर वर्ष यहां की परंपरा संस्कृति की झलक दिखाई देती है. इस वर्ष भी ये महोत्सव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समर्पित काशी के राजघाट पर आयोजित हो रही है.
काशी में आयोजित होने वाले इस सुरीले गंगा महोत्सव का आगाज परंपरागत धुन के साथ होगा. इस कार्यक्रम में बनारस घराने की परंपरा नजर आएगी, तो वहीं डमरुओ की गर्जना से महादेव का उद्घोष किया जाएगा. इस कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों के साथ ठुमरी, चैती जैसे पारंपरिक गीतकार और गायक हिस्सा लेते हैं. 5 नवंबर की शाम इसका शुभारंभ होगा, जो 7 नवंबर तक चलेगा. पर्यटन उपनिदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि यह कार्यक्रम शास्त्रीय संगीत पर आधारित होता है. इसमें शहनाई वादन से शुभारंभ होगा, बांसुरी वादन, गायन, कत्थक के साथ अन्य कार्यक्रम शामिल होंगे.
काशी में देव दीपावली से पहले होगा गंगा महोत्सव का आगाज, 3 देश के प्रसिद्ध कलाकार बांधेंगे समां
काशी में मनाए जाने वाले प्रसिद्ध त्यौहार देव दीपावली से पहले 3 दिवसीय गंगा महोत्सव की शुरुआत होगी. इस महोत्सव में देश के प्रसिद्ध कलाकार प्रस्तुति देंगे.
वाराणसी: काशी की पहचान बन चुके गंगा महोत्सव का आगाज होने जा रहा है. देव दीपावली के पहले 5 नवंबर से 3 दिवसीय गंगा महोत्सव की शुरुआत होगी. जिसमें देश के जाने माले शास्त्रीय कलाकार और सुप्रसिद्ध गायिका अपने सुरों से काशी में समा बांधेंगे. बता दे कि गंगा महोत्सव बनारस की वो अमूल थाती बन चुकी है, जिसमें हर वर्ष यहां की परंपरा संस्कृति की झलक दिखाई देती है. इस वर्ष भी ये महोत्सव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समर्पित काशी के राजघाट पर आयोजित हो रही है.
काशी में आयोजित होने वाले इस सुरीले गंगा महोत्सव का आगाज परंपरागत धुन के साथ होगा. इस कार्यक्रम में बनारस घराने की परंपरा नजर आएगी, तो वहीं डमरुओ की गर्जना से महादेव का उद्घोष किया जाएगा. इस कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों के साथ ठुमरी, चैती जैसे पारंपरिक गीतकार और गायक हिस्सा लेते हैं. 5 नवंबर की शाम इसका शुभारंभ होगा, जो 7 नवंबर तक चलेगा. पर्यटन उपनिदेशक प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि यह कार्यक्रम शास्त्रीय संगीत पर आधारित होता है. इसमें शहनाई वादन से शुभारंभ होगा, बांसुरी वादन, गायन, कत्थक के साथ अन्य कार्यक्रम शामिल होंगे.