वाराणसी: इस साल भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि इस बार जी-20 सम्मेलन की भारत मेजबानी कर रहा है. सम्मेलन का आयोजन भारत के अलग-अलग शहरों में होग. इस लिस्ट में धर्मनगरी वाराणसी भी शामिल है. वाराणसी में अप्रैल और अगस्त के महीने में अलग-अलग लगभग 6 बैठकें होने वाली हैं. इसे लेकर एक तरफ जहां पूरे शहर को सजाने की तैयारी की जा रही है तो वहीं कुछ ऐसी गतिविधियां भी हैं, जिनको अभी से पूरी तरह से क्रियान्वित कर छोटी-छोटी समस्याओं के निराकरण की भी तैयारी की जा रही है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है इन देशों से आने वाले अलग-अलग भाषा के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत और उन्हें हिंदी और इंग्लिश बातों को उनकी लैंग्वेज में बताना, जिसके लिए खास गाइड तैयार किए जा रहे हैं.
नगर आयुक्त प्रणय सिंह का कहना है कि वाराणसी में जी-20 सम्मेलन को लेकर छोटे-छोटे स्तर पर प्लानिंग की जा रही है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण अलग-अलग देशों की भाषा के जानकारों का होना बेहद जरूरी है, क्योंकि अभी मौजूद गाइड इंग्लिश हिंदी में तो परफेक्ट होते हैं लेकिन स्पेनिश, रशियन, जापानी चाइनीस समेत अन्य भाषाओं में उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ता है. हालांकि रजिस्टर टूरिस्ट गाइड के जरिए इन समस्याओं के निराकरण की कोशिश की जा रही है.
नगर आयुक्त का कहना है कि पहले से ही जयपुर समेत दिल्ली और अन्य शहरों में अलग-अलग चीजों की ट्रेनिंग हो रही है और एक विशेष इंस्टिट्यूट जो खास तौर पर गाइड ट्रेनिंग के लिए संचालित होता है वहां पर 50 से ज्यादा टूरिस्ट गाइड को भेजने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए लिस्टिंग हो गई है और इन्हें इस महीने के अंत तक ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा.
नगर आयुक्त का कहना है कि पर्यटन विभाग के साथ मिलकर अन्य विभागों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके अतिरिक्त अलग-अलग भाषाओं की ट्रेनिंग देने के साथ ही इन टूरिस्ट गाइड्स को शहर से जुड़ी तमाम जानकारियों से भी अपडेट करवाने के अलावा साफ-सफाई के प्रति जागरूक करने और बनारस की एक सुंदर छवि को उन मेहमानों के सामने प्रस्तुत करने के लिए ट्रेंड किया जाएगा जो अन्य देशों से बनारस आएंगे.