वाराणसी: स्वतंत्रता सेनानी धन्य कुमार जैन (99) का शनिवार सुबह निधन हो गया. अंग्रेजी हुकूमतों से लोहा लेने वाले धन्य कुमार जैन वाराणसी के भदैनी स्थित अपने आवास पर रहते थे. शुक्रवार को उनकी तबीयत अचानक खराब होने की खबर जैसे ही पता चली डीएम कौशलराज शर्मा और पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया. उनकी तबीयत लगातार बिगड़ने से उनका निधन हो गया.
सभी ने स्वतंत्रा सेनानी को किया नमन
स्वतंत्रता सेनानी की निधन की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी. इस मौके पर जिले के तमाम अधिकारी मौजूद रहे. सभी ने स्वतंत्रा सेनानी को नमन किया.
चार महीने तक जेल में रहे
जानकारों ने बताया कि 1942 में अंग्रेजी सरकार द्वारा प्रेस पर पाबंदी लगा दी गई. इसके बाद उन्होंने मुल्तानी मिट्टी से पैड बनाया और स्याही से उस पर अंग्रेजी सरकार के तानाशाह रवैये को छापकर पंपलेट बांटे. इसके लिए उन्हें चार महीने जेल भेज दिया गया. जेल में सुभाष चंद्र बोस के सिपाहियों से उनकी मुलाकात हुई और वहां पर भी उन्होंने कैदी के वस्त्र को फाड़कर तिरंगा बनाया था.
जीवनभर गांधीजी के आदर्शों पर चले
गांधीजी के स्वतंत्रता आंदोलन से प्रेरित होकर अगस्त क्रांति में भाग लेकर उन्होंने देश की आजादी में अपना योगदान दिया. तो उसके साथ ही वे जीवनभर गांधी के आदर्शों पर चलते रहे. वे गांधीवादी टोपी पहनते थे.
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पोते ने लगाए आरोप
धन्य कुमार जैन के पोते अमन जैन ने बताया कि हमने कई बार इसकी शिकायत की और कई बार लोगों को फोन किया, लेकिन मदद नहीं मिली. दादाजी बनारस के एकमात्र स्वतंत्रा सेनानी थे, लेकिन उसके बाद भी कोई मदद नहीं मिली. मैं अपने दोस्त के ट्विटर अकाउंट से लोगों से सहायता मांगता रहा. सीएमओ को भी मैंने मैसेज किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. धन्य कुमार जैन के 5 पुत्र और एक पुत्री है.