वाराणसी : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी में सोमवार को बड़ा बिखराव हुआ है. सुभासपा के लगभग 100 से अधिक पदाधिकारी और कार्यकर्ता आज पार्टी से अलग होकर राष्ट्रीय समता पार्टी में शामिल हो गए हैं. इस नवगठित पार्टी के संस्थापक सुभासपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह हैं. राष्ट्रीय समता पार्टी के संस्थापक शशि प्रताप सिंह की पार्टी में आज सुभासपा के सैंकड़ों कार्यकर्ता जुड़ गए. शशि प्रताप सिंह लगभग 20 साल पहले सुभासपा में शामिल हुए थे. इस राजनीतिक उथल-पुथल के मौके पर ईटीवी भारत ने शशि प्रताप सिंह से खास बातचीत की.
बातचीत के दौरान शशि प्रताप सिंह ने ओम प्रकाश राजभर पर जमकर भड़ास निकाली. ओपी राजभर के घनिष्ठ रहे और सुभासपा में प्रवक्ता की भूमिका निभाने वाले शशि प्रताप सिंह ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर मुद्दे से भटक चुके हैं. बीस साल पहले उन्होंने महाराजा सुहेलदेव के नाम से पार्टी की स्थापना की. लेकिन अब ओपी राजभर सुहेलदेव का अपमान कर रहे हैं. सावन के महीने में आने वाले कांवरियों को और कुंभ में बैठे संत समाज के लोगों को वह गंजेडी कहकर बुलाते हैं. देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल जैसे पदों के लिए वह गलत बयानबाजी करते हैं. गलत शब्दों का प्रयोग करते हैं.
राष्ट्रीय समता पार्टी के संस्थापक शशि प्रताप सिंह ने कहा कि ओपी राजभर अपने समाज के लोगों को दारूबाज कहते हैं. जबकि राजभर समाज के नाम पर ही उन्होंने अपनी पार्टी की स्थापना की थी. ऐसी स्थिति में ओमप्रकाश राजभर के साथ रहने का कोई मतलब नहीं है. शशि प्रताप सिंह ने कहा कि यही वजह है कि वह ओपी राजभर से दूर हो रहे हैं. इसके अलावा सुभासपा के कई अन्य पदाधिकारी व विधायक हमारे संपर्क में हैं, जो जल्द ही पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय समता पार्टी में शामिल होने वाले हैं.
शशि प्रताप सिंह ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर सिर्फ और सिर्फ पैसे की राजनीति करते हैं. उन्हें पैसे से अत्यधिक प्रेम है, पैसे के बल पर वह टिकट का बंटवारा करते हैं. वह परिवारवाद को बढ़ावा देते हैं. जब चुनाव आता है, तब ओपी राजभर अपनी पत्नी, अपने बेटे, अपने समधी और अन्य लोगों के लिए टिकट की मांग करते हैं. जबकि कार्यकर्ता दिन-रात उनकी पार्टी के लिए जुटे रहते हैं. इसके बाद भी ओमप्रकाश राजभर कार्यकर्ताओं को लोडर कहते हैं और अपने को नेता बुलाते हैं.
इन्ही लोडर कार्यकर्ताओं की वजह से आज वह नेता बने हैं. शशि प्रताप सिंह ने सवाल उठाया कि अगर ओम प्रकाश राजभर पैसा नहीं लेते हैं तो आज उनके पास 6 से 6 फॉर्च्यूनर गाड़ियां कहां से आई हैं. कोई काम धंधा उनका है नहीं, एक पान की दुकान भी नहीं है. फिर भी उनके पास करोड़ों की संपत्ति है. वह 20,000 का जूता पहनते हैं. गरीबों के बीच में महंगी-महंगी गाड़ियों से जाकर उनका मजाक उड़ाते हैं. यह सभी बातें सभी को व्यथित कर रही थीं. इसी वजह से हमने उनसे दूरी बना ली है और अब नई राजनीतिक पार्टी बनाकर हम सर्व समाज के लिए काम करेंगे.
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