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व्यापारी को धमकी देने का मामलाः वाराणसी की कोर्ट में व्हील चेयर पर पेश हुए पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति

वाराणसी पुलिस ने सपा नेता और पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को लखनऊ से लाकर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अदालत में व्‍हील चेयर पर पेश किया. जेल से ही वाराणसी के व्यापारी को धमकी देने के मामले में गायत्री प्रजापति की सुनवाई के लिए कोर्ट में पेशी हुई.

पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति
पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति
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Published : Aug 12, 2021, 10:13 PM IST

वाराणसीः सपा नेता और पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को वाराणसी पुलिस ने लखनऊ से लाकर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अदालत में गुरुवार को व्‍हील चेयर पर पेश किया. जेल से ही वाराणसी के एक व्यापारी को फोन पर धमकी देने के आरोपी पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को लखनऊ जेल से वाराणसी जिला कारागार लाने के प्रयास लंबे समय से किए जा रहे हैं. इसके तहत बी वारंट लखनऊ जिला जेल में पूर्व में भेजा गया था और चार्जशीट भी दाखिल हुई थी. अब इस प्रकरण को लेकर गायत्री प्रजापति को वाराणसी के अपर मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (प्रथम) की अदालत में पेश किया गया. दोपहर बाद इस मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्‍ता मौजूद रहे. इसके बाद गायत्री प्रजापति को लखनऊ जेल में दाखिल करने के लिए पुलिस टीम अपने साथ ले गई. इस दौरान गायत्री प्रजापति के समर्थक और उनके अधिवक्‍ता भी मौजूद रहे.

गायत्री प्रजापति के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने बताया कि गायत्री प्रजापती को 384 के मामले में गुरुवार को रिमांड लेने के लिए पेश किया गया था. रिमांड न दिया जाए इसके लिए हम लोगों ने बहस की है और यह भी तर्क दिया है कि आरोप लगाने वालों के पास कोई कनेक्टिंग एविडेंस नहीं है. जेल से न तो जेलर का बयान लिया गया और न ही इसका कोई साक्ष्य है कि जेल से कैसे बात हुई. उन्होंने कहा कि मोबाइल और सिम जिसके नाम पर बताया जा रहा है वह खुद कह रहा कि मोबाइल और सिम उसका है ही नहीं. बिना किसी साक्ष्य के सिर्फ राजनीतिक कारणों से आरोप लगाए गए हैं. श्रीनाथ त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रखा है.

इसे भी पढ़ें-गायत्री प्रजापति को राहत : धोखाधड़ी के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने की जमानत मंजूर

बता दें कि लखनऊ जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर 9 जून 2018 को जंगमबाड़ी निवासी फर्नीचर कारोबारी अरविंद तिवारी को जेल से ही फोन पर धमकी देकर ठेके के कमीशन मांगने का आरोप लगा था. गायत्री प्रजापति को दुष्कर्म के एक मामले में लखनऊ पुलिस ने वर्ष 2017 में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. गायत्री प्रजापति के खिलाफ गाजीपुर और गोमती नगर विस्तार थाने में जालसाजी समेत कई और मुकदमे भी दर्ज हैं. विजिलेंस ने भी आय से छह गुना अधिक संपत्ति के मामले में गायत्री प्रजापति पर मुकदमा दर्ज किया है. वहीं प्रवर्तन निदेशालय यूपी में खनन पट्टे को लेकर हुए घोटाले के मामले में भी जांच कर रही है.

वाराणसीः सपा नेता और पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को वाराणसी पुलिस ने लखनऊ से लाकर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अदालत में गुरुवार को व्‍हील चेयर पर पेश किया. जेल से ही वाराणसी के एक व्यापारी को फोन पर धमकी देने के आरोपी पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को लखनऊ जेल से वाराणसी जिला कारागार लाने के प्रयास लंबे समय से किए जा रहे हैं. इसके तहत बी वारंट लखनऊ जिला जेल में पूर्व में भेजा गया था और चार्जशीट भी दाखिल हुई थी. अब इस प्रकरण को लेकर गायत्री प्रजापति को वाराणसी के अपर मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (प्रथम) की अदालत में पेश किया गया. दोपहर बाद इस मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्‍ता मौजूद रहे. इसके बाद गायत्री प्रजापति को लखनऊ जेल में दाखिल करने के लिए पुलिस टीम अपने साथ ले गई. इस दौरान गायत्री प्रजापति के समर्थक और उनके अधिवक्‍ता भी मौजूद रहे.

गायत्री प्रजापति के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने बताया कि गायत्री प्रजापती को 384 के मामले में गुरुवार को रिमांड लेने के लिए पेश किया गया था. रिमांड न दिया जाए इसके लिए हम लोगों ने बहस की है और यह भी तर्क दिया है कि आरोप लगाने वालों के पास कोई कनेक्टिंग एविडेंस नहीं है. जेल से न तो जेलर का बयान लिया गया और न ही इसका कोई साक्ष्य है कि जेल से कैसे बात हुई. उन्होंने कहा कि मोबाइल और सिम जिसके नाम पर बताया जा रहा है वह खुद कह रहा कि मोबाइल और सिम उसका है ही नहीं. बिना किसी साक्ष्य के सिर्फ राजनीतिक कारणों से आरोप लगाए गए हैं. श्रीनाथ त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रखा है.

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बता दें कि लखनऊ जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर 9 जून 2018 को जंगमबाड़ी निवासी फर्नीचर कारोबारी अरविंद तिवारी को जेल से ही फोन पर धमकी देकर ठेके के कमीशन मांगने का आरोप लगा था. गायत्री प्रजापति को दुष्कर्म के एक मामले में लखनऊ पुलिस ने वर्ष 2017 में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. गायत्री प्रजापति के खिलाफ गाजीपुर और गोमती नगर विस्तार थाने में जालसाजी समेत कई और मुकदमे भी दर्ज हैं. विजिलेंस ने भी आय से छह गुना अधिक संपत्ति के मामले में गायत्री प्रजापति पर मुकदमा दर्ज किया है. वहीं प्रवर्तन निदेशालय यूपी में खनन पट्टे को लेकर हुए घोटाले के मामले में भी जांच कर रही है.

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