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सावन स्पेशल: विदेशी महिलाओं पर भी चढ़ा बनारसी मेहंदी का रंग

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Published : Jul 14, 2019, 3:11 PM IST

सावन के महीने में पूरा बनारस भगवान शिव की भक्ति में रम जाता है. भारतीय संस्कृति को पहचानने के लिए भारत आने वाली विदेशी महिलाएं भी पूरी तरह से भक्ति भाव में डूब जाती हैं.

विदेशी पर्यटकों पर छाया मेहंदी का रंग.

वाराणसी: धर्म की नगरी काशी में हर त्यौहार का अपना एक अलग ही रंग होता है. यहां हर त्यौहार को काशीवासी कुछ अलग अंदाज में मनाते हैं, जिसे देखने के लिए सैलानी सात समुंदर पार से खींचे चले आते हैं. काशी में सावन महीने का अलग ही महत्तव है. सावन के महीने में मौसम की तरह महिलाएं भी विशेष श्रृंगार करती हैं. महिलाओं का यह श्रृंगार बिना मेहंदी के अधूरा होता है. काशी में भारतीय महिलाओं के साथ-साथ विदेशी महिलाओं पर भी मेहंदी का रंग चढ़ रहा है.

विदेशी पर्यटकों पर छाया मेहंदी का रंग.

सावन के महीने को सेलिब्रेट करने के लिए सात समुंदर पार से बनारस आए विदेशी मेहमान भी यहां के पारंपरिक रीति-रिवाज में ढ़लते नजर आ रहे हैं. सावन का महीना शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं, ऐसे में हर तरफ सावन की तैयारियां जोरों पर हैं. महिलाएं श्रृंगार के लिए हाथों में मेहंदी लगा रही हैं, तो वहीं सावन को सेलिब्रेट करने के लिए आई विदेशी महिला पर्यटक भी हर्षोल्लास के साथ इस त्यौहार को मना रही हैं.

विदेशी महिला पर्यटक भारतीय संस्कृति और परंपरा को समझते हुए अपने हाथों पर मेहंदी लगवा रही हैं. विदेशी महिला सैलानियों का कहना है कि हम हिंदुस्तान की संस्कृति को देखने और समझने के लिए आए हैं. ये महिलाएं हाथों पर मेहंदी लगाकर बेहद खुश हो रही हैं. विदेशी महिला पर्यटकों का कहना है कि हम इस वक्त भारत में हैं और यहां की संस्कृति से रूबरू हो रहे हैं. हमें यहां का खान-पान, जगह और परंपराएं बेहद पसंद आ रही हैं. हमारा पूरा ग्रुप इस पल को बेहद इंजॉय कर रहा है.

वाराणसी: धर्म की नगरी काशी में हर त्यौहार का अपना एक अलग ही रंग होता है. यहां हर त्यौहार को काशीवासी कुछ अलग अंदाज में मनाते हैं, जिसे देखने के लिए सैलानी सात समुंदर पार से खींचे चले आते हैं. काशी में सावन महीने का अलग ही महत्तव है. सावन के महीने में मौसम की तरह महिलाएं भी विशेष श्रृंगार करती हैं. महिलाओं का यह श्रृंगार बिना मेहंदी के अधूरा होता है. काशी में भारतीय महिलाओं के साथ-साथ विदेशी महिलाओं पर भी मेहंदी का रंग चढ़ रहा है.

विदेशी पर्यटकों पर छाया मेहंदी का रंग.

सावन के महीने को सेलिब्रेट करने के लिए सात समुंदर पार से बनारस आए विदेशी मेहमान भी यहां के पारंपरिक रीति-रिवाज में ढ़लते नजर आ रहे हैं. सावन का महीना शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं, ऐसे में हर तरफ सावन की तैयारियां जोरों पर हैं. महिलाएं श्रृंगार के लिए हाथों में मेहंदी लगा रही हैं, तो वहीं सावन को सेलिब्रेट करने के लिए आई विदेशी महिला पर्यटक भी हर्षोल्लास के साथ इस त्यौहार को मना रही हैं.

विदेशी महिला पर्यटक भारतीय संस्कृति और परंपरा को समझते हुए अपने हाथों पर मेहंदी लगवा रही हैं. विदेशी महिला सैलानियों का कहना है कि हम हिंदुस्तान की संस्कृति को देखने और समझने के लिए आए हैं. ये महिलाएं हाथों पर मेहंदी लगाकर बेहद खुश हो रही हैं. विदेशी महिला पर्यटकों का कहना है कि हम इस वक्त भारत में हैं और यहां की संस्कृति से रूबरू हो रहे हैं. हमें यहां का खान-पान, जगह और परंपराएं बेहद पसंद आ रही हैं. हमारा पूरा ग्रुप इस पल को बेहद इंजॉय कर रहा है.

Intro:वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में हर त्यौहार का एक अपना ही अलग रंग होता है। काशी एक ऐसी नगरी है जहां हर त्यौहार को काशीवासी कुछ ऐसे अंदाज मनाते हैं। जिसे देखने सात समुंदर पार से विदेशी सैलानी खींचे चले जाते है। अगर बात करें सावन की तो यह महीना बेहद खास होता है। इस महीने में जिस तरीके से मौसम सुहाना होता है और बारिश होती है वैसे ही महिला श्रृंगार भी इस महीने में विशेष करती हैं और महिलाओं का ये श्रृंगार बिना मेहंदी के अधूरा होता है। भारतीय महिलाओं के साथ साथ विदेशी महिलाओ को भी इस वक्त भारतीय मेहंदी खूब भा रही हैं।




Body:VO 1:- वाराणसी में सावन के महीने को सेलिब्रेट करने के लिए सात समुंदर पार से आए विदेशी मेहमान भी यहां के पारंपरिक रीति-रिवाज में डालते नजर आ रहे हैं। सावन महीना शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं ऐसे में हर तरफ सावन के तैयारियां जोरों पर हैं। महिलाएं श्रृंगार के लिए हाथों में मेहंदी लगा रही है तो इन त्यौहार को सेलिब्रेट करने के लिए आए विदेशी महिला पर्यटक भी हर्षोल्लास के साथ भारतीय संस्कृति और परंपरा को समझते हुए अपने हाथों पर मेरी लगवा रहे हैं। विदेशी महिला सैलानियों का कहना है कि हम हिंदुस्तान की संस्कृति को देखने और समझने के लिए आए हैं और हाथ पर मेहंदी लगाकर बेहद खुशी हो रही है। हम इस वक्त भारत में है और यहां की संस्कृति से रूबरू हो रहे हैं। हमें यहां का खानपान जगह और परंपराएं बेहद पसंद आ रही है और हमारा पूरा ग्रुप इस पल को बेहद इंजॉय कर रहा है।

बाइट: बलरे, न्यूयॉर्क (सैलानी)
बाइट: मयिनेल, कैलिफ़ोर्निया (सैलानी)


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