वाराणसी: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से देश के हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं, जहां एक तरफ गिरती अर्थव्यवस्था में लोगों को अपनी नौकरियां जाने का डर सता रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ व्यापार भी चौपट हो रहे हैं. इनमे एक फूल व्यापारी भी हैं, जिन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं.
लॉकडाउन से फूल व्यापारी परेशान
लॉकडाउन के चलते लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है. उद्योग धंधे बंद होने से व्यापारी खासा परेशान है. अगर वाराणसी जिले की ही बात करें तो लॉकडाउन के चलते फूल व्यापारियों को प्रतिदिन 15 से 20 लाख का घाटा हो रहा है. जिले में फूलों की दो मंडिया हैं. मलदहिया स्थित किसान फूल मंडी और बांसफाटक स्थित दूसरी फूल मंडी. इन मंडियों से बनारस के बड़े मंदिरों से लेकर शादी विवाह और अन्य आयोजनों में फूलों का सप्लाए बड़े पैमाने पर होता है. सिर्फ बनारस ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों में भी यहीं से फूल सप्लाई किए जाते हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से यहां किसान खासा परेशान हैं. मंडियों में आकर डंप पड़ा माल (फूल) अब सड़ने के बाद कूड़े में फेंका जा रहा है.
कूडे़ का ढ़ेर बना भगवान को चढ़ने वाला फूल
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर संकट मोचन मंदिर, मानस मंदिर, दुर्गा मंदिर, काल भैरव मंदिर के अलावा अन्य छोटे-बड़े सभी मंदिर 20 मार्च से ही बंद कर दिए गए हैं. इन मंदिरों के बंद होने के बाद राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लग गया है, जिसकी वजह से मार्च में होली के बाद शुरू होने वाले वैवाहिक कार्यक्रम पूरी तरह से बंद हो गए हैं. शादियों के सीजन में लॉन, गेस्ट हाउस, होटल पर होने वाली शादियां या तो कैंसिल हो गई हैं. या उनकी तारीखें बदल गई हैं. इन सभी जगहों पर इस्तेमाल होने वाले फूलों की मांग ठप हो गई है, जिसका सीधा असर फूल व्यापारियों पर पड़ रहा है तो वहीं फूलों की खेती करनेवाले किसानों की हालत भी खस्ता है. वहीं मंडियों में आकर डंप पड़ा माल (फूल) अब सड़ने के बाद कूड़े में फेंका जा रहा है.
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मंडी मालिकों का कहना है कि वाराणसी में लॉकडाउन के चलते 1 दिन में 15 से 20 लाख के कारोबार को नुकसान पहुंच रहा है. लॉकडाउन से लोगों की जिंदगी को महकाने वाले फूलों पर इसका गहरा असर पड़ा है. फूल व्यापारी के साथ-साथ किसान भी बुरी तरह से प्रभावित हैं.