वाराणसी: इस बार दीपावली फूल कारोबारियों के लिए थोड़ी फीकी साबित हो रही है. इस बार फूलों का कारोबार मुरझाया हुआ है. हर बार 10 करोड़ का व्यापार करने वाला वाराणसी का फूल कारोबार इस बार लगभग 4 करोड़ में ही सीमित रह गया है. इसकी बड़ी वजह बाजार में फूलों की अधिकता बताई जा रही है. बड़ी बात यह है कि यह कारोबार इस बार किसानों के लिए यह घाटे का साबित हो रहा है तो वहीं आम जनमानस फूल की गिरी हुई कीमतों को लेकर खासा खुश है. यानी कि फूलों की खेती इस बार किसानों के लिए मायूसी लेकर आई है. जबकि, ग्राहकों के लिए यह सस्ता बाजार है.
वाराणसी का फूल कारोबार त्योहारी सीजन में करोड़ों का कारोबार करता है. वाराणसी में लगने वाली फूल मंडी में जिलेभर से ग्राहक आते हैं. कुछ थोक खरीदार होते हैं तो कुछ अपने घरों के लिए खरीद करने आते हैं. इसमें व्रत, त्योहार, मंदिर आदि के लिए फूलों की खरीदारी की जाती है. इस बार दीपावली पर किसानों को अच्छा व्यापार होने की उम्मीद थी. दीपावली के मौके पर घरों में रंगोली, माला और पूजा के लिए फूलों की जरूरत पड़ती ही है. ऐसे में इनकी खूब बिक्री होने की उम्मीद थी. लेकिन, ऐसा होता नहीं दिख रहा. दीपावली है और वाराणसी का फूल मंडी सूना पड़ा है. ग्राहकों की संख्या पिछले साल की तुलना में न के बराबर है.
इस बार 20 का माल 8 रुपये में बिक रहा: फूल के किसान बताते हैं कि इस बार फूल का कारोबार बहुत ही खराब रहा है. इस बार फूल काफी अधिक हो गए हैं. कोई रोजगार का साधन न होने के कारण बहुत से लोग फूल के कारोबार में जुड़ गए हैं. इससे दिक्कत ज्यादा आ रही है. वाराणसी में वायरल की बीमारी फैलने के बाद से ग्राहक भी मंडी में कम आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस बार फूल का कारोबार करने वाला किसान रो रहा है. जो माला पिछले साल 20 रुपये की बिक रही थी. वही माला इस साल 8 रुपये की बिक रही है. महंगाई का भी असर है कि मंडी में ग्राहक नहीं आ रहे हैं. इस बार मुनाफा भी नहीं निकल पाएगा.
वाराणसी मंडी में 3 करोड़ से अधिक का कारोबार: इस बार दीपावली में अगर मंडी की बात करें तो गेंदा और कमल के फूल काफी संख्या में दिखे. कमल के फूलों की डिमांड सबसे ज्यादा रही है. कमल के फूल ग्राहकों ने खूब खरीदे हैं. अभी तक करीब एक लाख से अधिक कमल के फूलों के पीस बिक चुके हैं. यानि कि कुल 30 लाख का कमल के फूलों का कारोबार हो चुका है. वहीं मंडी में फूलों के कुल कारोबार की बात करें तो अभी तक वाराणसी के बाजार में कुल 3 करोड़ से अधिक यानी लगभग 4 करोड़ के फूल बिक चुके हैं. यही कारोबार पिछले साल दीपावली पर लगभग 10 करोड़ का था. हालांकि किसानों के चेहरे पर इस बार मायूसी नजर आ रही है.
मंडी में गेंदे के फूलों की हो गई भरमार: मंडी में आए किसान बताते हैं, 'मंडी में किसानों की संख्या बहुत अधिक हो गई है. ऐसे में फूल भी बहुत अधिक मात्रा में आ रहे हैं. जब व्यापारी अधिक मात्रा में हैं तो फिर जो ग्राहक आ रहे हैं वे अलग-अलग व्यापारियों के पास चले जा रहे हैं. ऐसे में जो खरीद कम व्यापारियों से अधिक मात्रा में होनी थी. वह अधिक व्यापारियों से होते हुए कम खरीद में पहुंच गई है. व्यापारियों को पिछले साल की अपेक्षा काफी नुकसान हो रहा है. इतना ही नहीं गेंदे के फूलों की आवक बाजार में पिछले साल की तुलना में बहुत ही ज्यादा है. लगभग हर व्यापारी के पास गेंदे के फूल आपको देखने को मिल जाएंगे, जबकि कमल के फूलों को मंगाया गया है.
इस बार फूलों की कीमत में भारी गिरावट: अगर बात पिछले साल होने वाले फूल के कारोबार की करें तो इस बार हालात कुछ ठीक नहीं लग रहे हैं. गेंदे और गुलाब की कीमतों में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखी गई थी. जहां आज माला 8 रुपये में बिक रहा है तो वहीं पिछले साल यही माला 15 से 60 रुपये में बिक रहा था. दामों में अच्छी बढ़त देखने को मिली थी. इस बार माला की कीमत लगभग 2500 रुपये सैकड़ा है, जबकि पिछले साल इसकी कीमत 4000 से 5000 रुपये सैकड़ा तक गई थी. वहीं पीले गेंदे के फूल के दाम 15 रुपये से 40 रुपये तक गए थे. इस बार इनकी कीमतों में भारी कमी आई है. इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि बाजार में गेंदे के फूलों की आवक भारी मात्रा हुई है.
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