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फल सब्जियों के निर्यात का हब बना वाराणसी, कमिश्नर ने कही ये बात

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Published : Sep 20, 2020, 1:22 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का कृषि निर्यात का हब बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है. शनिवार को कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने मंडल के सभी जिलों में सब्जी, फलों के मॉडल फार्म किसानों के खेतों पर तैयार कर वहां अन्य किसानों को विजिट कराकर अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप उत्पादन के प्रशिक्षण पर जोर देने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया.

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पूर्वांचल के कृषि एक्‍सपोर्ट का हब बना बनारस.

वाराणसी: बनारस को पूर्वी उत्तर प्रदेश का कृषि निर्यात का हब बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है. एपीडा का कार्यालय स्थापित कर किसानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुरूप फल सब्जियों के उत्पादन के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, ईरी व अन्य विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण व उन्नतशील बीजों की उपलब्धता, पैकेज हाउस की स्थापना, ट्रांसपोर्ट सब्सिडी आदि का कार्य किया जा रहा है.

मंडलीय सभागार में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने विभिन्न विभागों के साथ बैठक कर कृषि निर्यात को बढ़ावा देने पर विस्तार से चर्चा मंथन कर किए जा रहे कार्यो की समीक्षा की. फल-सब्जी के ठीक से निर्यात के लिए एक पैक हाउस के निर्माण की कार्रवाई हो रही है. लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक छोटे पैक हाउस स्थापना की जा रही है. देश के किसी हवाई अड्डे पर यह पहला पैक हाउस होगा. इसके साथ ही कार्गो फैसिलिटी राजा तालाब को अपग्रेट किया जाएगा.

प्रसिद्ध बनारसी लंगड़ा आम का जनपद में इस बार 70 हेक्टेयर भूमि में उत्पादन करने की तैयारी है. सेवापुरी ब्लाक में 1,740 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. इंदु वैरायटी की मिर्च के उत्पादन क्षेत्र बढ़ाया जा रहा है. किसानों के फार्म पर ऑन फार्म पैक हाउस निर्माण की योजना बनाई जा रही है, जिसमें दो लाख रुपये तक सब्सिडी है.

बैठक में ड्रिप सिंचाई के लाभार्थी किसान ने बताया कि इससे पैदावार व क्वालिटी दोनों में बढ़ोतरी हुई है. गाजीपुर के रेवतीपुर और जमानिया में किसान केले की खेती में ड्रिप सिंचाई का उपयोग कर लाभ ले रहे हैं. वहीं चंदौली में काला धान में गुणवत्ता व पैदावार बढ़ोतरी के लिए ईरी संस्थान ने रिसर्च शुरू कर दी है. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने मंडल के सभी जिलों में सब्जी, फलों के माडल फार्म किसानों के खेतों पर तैयार कर वहां अन्य किसानों को विजिट कराकर अंतरराष्ट्रीय मानक अनुरूप उत्पादन के प्रशिक्षण पर जोर दिया.

वाराणसी: बनारस को पूर्वी उत्तर प्रदेश का कृषि निर्यात का हब बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है. एपीडा का कार्यालय स्थापित कर किसानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुरूप फल सब्जियों के उत्पादन के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, ईरी व अन्य विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण व उन्नतशील बीजों की उपलब्धता, पैकेज हाउस की स्थापना, ट्रांसपोर्ट सब्सिडी आदि का कार्य किया जा रहा है.

मंडलीय सभागार में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने विभिन्न विभागों के साथ बैठक कर कृषि निर्यात को बढ़ावा देने पर विस्तार से चर्चा मंथन कर किए जा रहे कार्यो की समीक्षा की. फल-सब्जी के ठीक से निर्यात के लिए एक पैक हाउस के निर्माण की कार्रवाई हो रही है. लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक छोटे पैक हाउस स्थापना की जा रही है. देश के किसी हवाई अड्डे पर यह पहला पैक हाउस होगा. इसके साथ ही कार्गो फैसिलिटी राजा तालाब को अपग्रेट किया जाएगा.

प्रसिद्ध बनारसी लंगड़ा आम का जनपद में इस बार 70 हेक्टेयर भूमि में उत्पादन करने की तैयारी है. सेवापुरी ब्लाक में 1,740 किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. इंदु वैरायटी की मिर्च के उत्पादन क्षेत्र बढ़ाया जा रहा है. किसानों के फार्म पर ऑन फार्म पैक हाउस निर्माण की योजना बनाई जा रही है, जिसमें दो लाख रुपये तक सब्सिडी है.

बैठक में ड्रिप सिंचाई के लाभार्थी किसान ने बताया कि इससे पैदावार व क्वालिटी दोनों में बढ़ोतरी हुई है. गाजीपुर के रेवतीपुर और जमानिया में किसान केले की खेती में ड्रिप सिंचाई का उपयोग कर लाभ ले रहे हैं. वहीं चंदौली में काला धान में गुणवत्ता व पैदावार बढ़ोतरी के लिए ईरी संस्थान ने रिसर्च शुरू कर दी है. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने मंडल के सभी जिलों में सब्जी, फलों के माडल फार्म किसानों के खेतों पर तैयार कर वहां अन्य किसानों को विजिट कराकर अंतरराष्ट्रीय मानक अनुरूप उत्पादन के प्रशिक्षण पर जोर दिया.

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