वाराणसीः सेना भर्ती के नए प्रारूप अग्निपथ के विरोध में जनपद में खूब तोड़फोड़ के साथ विरोध हुआ था. पुलिस ने इस मामले में 27 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इसके बाद से पुलिस की अब तक लगातार कार्रवाई जारी है. पुलिस सीसीटीवी की सहायता से उपद्रियों को चिन्हित कर रही है. वहीं उपद्रव में शामिल लोगों के विरूद्ध हत्या का प्रयास और लूट जैसे गंभीर आपराधिक आरोपों में कैण्ट, सिगरा और जैतपुरा थाने में 8 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं.
आपको बता दें कि 17 जून को वाराणसी में काफी संख्या में छात्रोंं ने जमकर उपद्रव किया था. जो बड़ी संख्या में होने के बाद इलाकों में तोड़फोड़ मचा दिए थे. इसके बाद कैंट, सिगरा और जैतपुरा, चौकाघाट में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी. जिसे शांत कराने में पुलिस बल के पसीने छूट गए थे. पुलिस ने मामले में 28 नामजद और 250 से ज्यादा अज्ञात के खिलाफ 4 मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं 18 जून की रात सिगरा थाने में 4 और मुकदमे दर्ज कर 150 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर लिए गए.
वहीं सरस्वती नगर निवासी संजय चौबे और रमना निवासी भूतपूर्व सैनिक दिनेश कुमार केशरी ने अपने निजी वाहन क्षतिग्रस्त करने के आरोप में अज्ञात उपद्रवियों पर दो मुकदमे दर्ज कराए. इसके अलावा यूपी रोडवेज के वाराणसी ग्रामीण डिपो के एआरएम ओम प्रकाश ओझा और सिटी ट्रांसपोर्ट के डिपो मैनेजर संजीत कुमार सिंह की तहरीर के आधार पर 150 से ज्यादा अज्ञात उपद्रियों पर बलवा, लूटपाट और सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने सहित अन्य आरोपों में दो मुकदमे दर्ज कराए गए.
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मामले में पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने तत्काल सभी थानेदारों और एसीपी को मामले में एलर्ट रहने को कहा. उन्होंने माहौल पूरी तरह से सामान्य होने तक अतिरिक्त सतर्कता के साथ ड्यूटी करने का आदेश दिया. कमिश्नर ने क्षेत्र में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया. इस मामले में उन्होंने कहा कि भीड़ कहीं भी न इकट्ठा होने पाए. यह जिम्मेदारी पुलिस की है.
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