वाराणसी: लोकपर्व छठ की छटा अब दिखने लगी है. काशी में महिलाएं छठ की तैयारियों में जुटी हैं, क्योंकि गुरुवार को नहाय खाय से चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत हो जाएगी, लेकिन इस बार काशी में व्रती महिलाएं घाटों पर दुश्वारियों के बीच सूर्य को अर्घ देंगी. गंगा में बाढ़ के बाद घाटों पर जमी सिल्ट अब भी अपने स्थान पर ही है, जो व्रती महिलाओं के लिए परेशानियों का सबब बनेगी.
कल से होगी छठन पर्व की शुरुआत
कल से छठ का महापर्व प्रारंभ होगा कल खाए नहाए के साथ पहला दिन पूजा शुरू हो जाएगा. काशी के सभी घाटों का हाल लगभग एक सा है. हर जगह गन्दगी और गाद का अंबार है. अभी भी गंगा का जलस्तर अपने स्थान से ऊपर है, जिससे लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
स्थानीय लोगों की मानें तो पानी अभी भी ऊपर है, जिसकी वजह से सिल्ट जमी हुई है और सिल्ट अभी भी पूरी तरीके से गीले हैं. ऐसे में बिहार के बाद पूरे पूर्वांचल में सबसे ज्यादा भीड़ वाराणसी के घाटों पर होती है.
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कल से छठ का महापर्व प्रारंभ होगा कल खाए नहाए के साथ पहला दिन पूजा शुरू हो जाएगा. ऐसे में सरकार को घाटों को साफ कराना चाहिए. जगह-जगह जो मिट्टी के सिल्ट है. जहां पर हम खड़े होते हैं तो हमारा पांव पूरी तरीके से मिट्टी के अंदर चला जाता है. ऐसे में उन्हें उन जगहों पर बालू या बालू से भरी बोरियों को लगाना चाहिए.
-पूनम, श्रद्धालु