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वाराणसी: छठ का महापर्व कल से आरंभ, घाटों पर दुश्वारियों का अंबार - छठ का महा पर्व

कल से छठ का महापर्व शुरु हो जाएगा, लेकिन इसको लेकर वाराणसी में तैयारियां अभी तक पूरी नहीं हो पाईं है. घाटों पर बाढ़ के कारण सिल्ट जमा है, जिससे व्रत रखने वाली महिलाओं को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ सकता है.

घाटों पर दुश्वारियों का अंबार.
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Published : Oct 30, 2019, 5:26 PM IST

वाराणसी: लोकपर्व छठ की छटा अब दिखने लगी है. काशी में महिलाएं छठ की तैयारियों में जुटी हैं, क्योंकि गुरुवार को नहाय खाय से चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत हो जाएगी, लेकिन इस बार काशी में व्रती महिलाएं घाटों पर दुश्वारियों के बीच सूर्य को अर्घ देंगी. गंगा में बाढ़ के बाद घाटों पर जमी सिल्ट अब भी अपने स्थान पर ही है, जो व्रती महिलाओं के लिए परेशानियों का सबब बनेगी.

कल से होगी छठन पर्व की शुरुआत
कल से छठ का महापर्व प्रारंभ होगा कल खाए नहाए के साथ पहला दिन पूजा शुरू हो जाएगा. काशी के सभी घाटों का हाल लगभग एक सा है. हर जगह गन्दगी और गाद का अंबार है. अभी भी गंगा का जलस्तर अपने स्थान से ऊपर है, जिससे लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.

स्थानीय लोगों की मानें तो पानी अभी भी ऊपर है, जिसकी वजह से सिल्ट जमी हुई है और सिल्ट अभी भी पूरी तरीके से गीले हैं. ऐसे में बिहार के बाद पूरे पूर्वांचल में सबसे ज्यादा भीड़ वाराणसी के घाटों पर होती है.

ये भी पढ़ें:- भारतीय मूल के अमेरिकी प्रोफेशनल ने चलाई मुहिम, कमलेश के परिजनों को मिली 51 लाख की आर्थिक सहायता

कल से छठ का महापर्व प्रारंभ होगा कल खाए नहाए के साथ पहला दिन पूजा शुरू हो जाएगा. ऐसे में सरकार को घाटों को साफ कराना चाहिए. जगह-जगह जो मिट्टी के सिल्ट है. जहां पर हम खड़े होते हैं तो हमारा पांव पूरी तरीके से मिट्टी के अंदर चला जाता है. ऐसे में उन्हें उन जगहों पर बालू या बालू से भरी बोरियों को लगाना चाहिए.
-पूनम, श्रद्धालु

वाराणसी: लोकपर्व छठ की छटा अब दिखने लगी है. काशी में महिलाएं छठ की तैयारियों में जुटी हैं, क्योंकि गुरुवार को नहाय खाय से चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत हो जाएगी, लेकिन इस बार काशी में व्रती महिलाएं घाटों पर दुश्वारियों के बीच सूर्य को अर्घ देंगी. गंगा में बाढ़ के बाद घाटों पर जमी सिल्ट अब भी अपने स्थान पर ही है, जो व्रती महिलाओं के लिए परेशानियों का सबब बनेगी.

कल से होगी छठन पर्व की शुरुआत
कल से छठ का महापर्व प्रारंभ होगा कल खाए नहाए के साथ पहला दिन पूजा शुरू हो जाएगा. काशी के सभी घाटों का हाल लगभग एक सा है. हर जगह गन्दगी और गाद का अंबार है. अभी भी गंगा का जलस्तर अपने स्थान से ऊपर है, जिससे लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.

स्थानीय लोगों की मानें तो पानी अभी भी ऊपर है, जिसकी वजह से सिल्ट जमी हुई है और सिल्ट अभी भी पूरी तरीके से गीले हैं. ऐसे में बिहार के बाद पूरे पूर्वांचल में सबसे ज्यादा भीड़ वाराणसी के घाटों पर होती है.

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कल से छठ का महापर्व प्रारंभ होगा कल खाए नहाए के साथ पहला दिन पूजा शुरू हो जाएगा. ऐसे में सरकार को घाटों को साफ कराना चाहिए. जगह-जगह जो मिट्टी के सिल्ट है. जहां पर हम खड़े होते हैं तो हमारा पांव पूरी तरीके से मिट्टी के अंदर चला जाता है. ऐसे में उन्हें उन जगहों पर बालू या बालू से भरी बोरियों को लगाना चाहिए.
-पूनम, श्रद्धालु

Intro:

लोकपर्व छठ की छठा अब दिखने लगी है । काशी में न महिलाएं छठ की तैयारियों में जुटी है क्योंकि गुरुवार को नहाय खाय से चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत हो जाएगी लेकिन इस बार काशी में व्रती महिलाएं घाटों पर दुश्वारियों के बीच सूर्य को अर्घ देंगी क्योंकि बाढ़ के बाद घाटों पर जमे सिल्ट अब भी अपने स्थान पर ही है.जो Body:व्रती महिलाओं के लिए परेशानियों का सबब बनेगी । काशी के सभी घाटो का हॉल लगभग एक सा है हर जगह गन्दगी और गाद का अंबार है। अभी भी गंगा का जलस्तर अपने स्थान से ऊपर है जिससे लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। स्थानीय लोगों की मानें तो पानी अब तक काफी नीचे जा चुकता लेकिन पानी अभी भी ऊपर है जिसकी वजह से सिल्ट जमे हुए हैं और शील्ड अभी भी पूरी तरीके से गीले हैं ऐसे में बिहार के बाद पूरे पूर्वांचल में सबसे ज्यादा भीड़ वाराणसी के घाटों पर होती है।

Conclusion:पूनम ने बताया हम लोग कल से छठ का महापर्व प्रारंभ होगा कल खाए नहाए के साथ पहला दिन पूजा शुरू हो जाएगा ऐसे में सरकार को घाटों को साफ करना चाहिए जगह-जगह जो मिट्टी के सिल्ट है जहां पर हम खड़े होते हैं तो हमारा पाव पूरी तरीके से मिट्टी के अंदर चला जाता है ऐसे में उन्हें उन जगहों पर बालू या बालू से भरी बोरियों को लगाना चाहिए क्योंकि काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और बनारस में छठ पर्व का महत्व की मां गंगा के तट पर पूरे पूर्वांचल से लोग आते हैं

बाईट :-- पूनम श्रद्धालु
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