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मिट्टी की सेहत बचाएं, जैविक खेती की करें शुरुआत - वाराणसी न्यूज

वाराणसी जिले के चिरईगांव विकास खण्ड के खरगीपुर ग्राम पंचायत में सोमवार को नमामि गंगे योजना के अंतर्गत जैविक मेले का आयोजन किया गया. मेले में भूमि संरक्षण अधिकारी ने किसानों से जैविद खाद का प्रयोग करने को कहा. साथ ही साथ जैविद खाद के गुण भी बताए.

जैविक मेले का आयोजन
जैविक मेले का आयोजन
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Published : Mar 16, 2021, 5:34 PM IST

वाराणसी: जिले के चिरईगांव विकास खण्ड के खरगीपुर ग्राम पंचायत में सोमवार को नमामि गंगे योजना अंतर्गत सर्विस प्रोवाइडर सिम फेंड के द्वारा जैविक मेले का आयोजन किया गया, जिसमें भूमि संरक्षण अधिकारी ने किसानों के हित बात कही और बताया कि कैसे मिट्टी की उर्वरकता खत्म होती जा रही है.

इस मेले में उपस्थित किसानों को जैविक खेती से होने वाले लाभ व गुणवत्ता के बारे में जानकारी देते हुए भूमि संरक्षण अधिकारी अमित मिश्रा ने बताया कि रासायनिक खादों के अधिक प्रयोग करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति का क्षरण हो रहा है. उपजाऊ भूमि में कार्बनिक अंश धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं और भूमि पूरी तरह से बंजर होती जा रही है, जिसका असर फसलों के उत्पादन पर पड़ता है.

रासायनिक उर्वरकों का प्रायोग करना बद करें
भूमि संरक्षण अधिकारी अमित मिश्रा ने बताया कि इसके साथ ही साथ मानव जीवन भी प्रभावित हो रहा है. इसलिए रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग बंद करके जैविक खाद का प्रयोग करें. उन्होंने कहा कि फसल चक्र अपनाते हुए किसान हरी खाद, वर्मी कंपोस्ट खाद का प्रयोग करें, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी और कम लागत में उत्पादन भी अधिक होगा और इससे किसान भाइयों की आय भी बढ़ेगी.

वाराणसी: जिले के चिरईगांव विकास खण्ड के खरगीपुर ग्राम पंचायत में सोमवार को नमामि गंगे योजना अंतर्गत सर्विस प्रोवाइडर सिम फेंड के द्वारा जैविक मेले का आयोजन किया गया, जिसमें भूमि संरक्षण अधिकारी ने किसानों के हित बात कही और बताया कि कैसे मिट्टी की उर्वरकता खत्म होती जा रही है.

इस मेले में उपस्थित किसानों को जैविक खेती से होने वाले लाभ व गुणवत्ता के बारे में जानकारी देते हुए भूमि संरक्षण अधिकारी अमित मिश्रा ने बताया कि रासायनिक खादों के अधिक प्रयोग करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति का क्षरण हो रहा है. उपजाऊ भूमि में कार्बनिक अंश धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं और भूमि पूरी तरह से बंजर होती जा रही है, जिसका असर फसलों के उत्पादन पर पड़ता है.

रासायनिक उर्वरकों का प्रायोग करना बद करें
भूमि संरक्षण अधिकारी अमित मिश्रा ने बताया कि इसके साथ ही साथ मानव जीवन भी प्रभावित हो रहा है. इसलिए रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग बंद करके जैविक खाद का प्रयोग करें. उन्होंने कहा कि फसल चक्र अपनाते हुए किसान हरी खाद, वर्मी कंपोस्ट खाद का प्रयोग करें, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी और कम लागत में उत्पादन भी अधिक होगा और इससे किसान भाइयों की आय भी बढ़ेगी.

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