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ऑर्गेनिक खेती से पैदा हुई 7 फुट लंबी लौकी, बाबा भोलेनाथ को चढ़ाने पहुंचा ये भक्त - etv bharat up news

वाराणसी में रंगभरी एकादशी के मौके पर एक भक्त ने बाबा विश्वनाथ को सात फुट से अधिक लंबी लौकी अर्पित की है.

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Published : Mar 14, 2022, 10:14 PM IST

वाराणसी: काशी में रंगभरी एकादशी के मौके पर सोमवार को बाबा विश्वनाथ के दरबार में सात फुट से अधिक लंबी लौकी लेकर पहुंचा एक भक्त को देखकर हर कोई हैरान रह गया. बताया जा रहा है कि यह भक्त और कोई नहीं मिर्जामुराद इलाके के रहने वाले प्रकाश सिंह रघुवंशी किसान है, जो कि ऑर्गेनिक खेती का काम करते हैं और देशी तरीके से बीजों को तैयार कर अपनी खेती बाड़ी को आगे बढ़ाते हैं. जबकि बाबा विश्वनाथ को अर्पित यह लौकी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.

वहीं, ETV BHARAT से खास बातचीत में किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी ने कहा कि बाबा की ही देन है कि मैं आज अपने पैरों पर खड़ा हो पाया हूं. बाबा की वजह से विश्वनाथ मंदिर से आने वाली माला फूल से तैयार खाद का प्रयोग करके अपने कार्य को बेहतर तरीके से आगे बढ़ा रहा हूं. इसलिए पहली फसल बाबा के चरणों में अर्पित करके अपने पूरे वर्ष की फसल अच्छी होने की कामना करने के लिए यहां आया हूं. उन्होंने बताया कि बाबा विश्वनाथ के चरणों में अर्पित करने के लिए तीन अलग-अलग साइज की लौकी तैयार की थी. इसमें सबसे लंबी लौकी का साइज 8.5 फीट था, लेकिन यहां आते-याते वह 7.2 फीट लंबी लौकी लेकर बाबा के दरबार में पहुंचे थे.

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यह भी पढ़ें- वाराणसी में तैनात दारोगा को संदिग्ध परिस्थितियों में लगी गोली, ट्रॉमा सेंटर में भर्ती

गौरतलब है कि काशी में 358 सालों से रंगभरी एकादशी की परंपरा का निर्वहन होता आ रहा है और हर साल इस मौके पर बाबा भोलेनाथ के भक्त अपने सामर्थ्य के अनुसार एक से बढ़कर कई चीजें लाते है और बाबा को अर्पित करते है.

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वाराणसी: काशी में रंगभरी एकादशी के मौके पर सोमवार को बाबा विश्वनाथ के दरबार में सात फुट से अधिक लंबी लौकी लेकर पहुंचा एक भक्त को देखकर हर कोई हैरान रह गया. बताया जा रहा है कि यह भक्त और कोई नहीं मिर्जामुराद इलाके के रहने वाले प्रकाश सिंह रघुवंशी किसान है, जो कि ऑर्गेनिक खेती का काम करते हैं और देशी तरीके से बीजों को तैयार कर अपनी खेती बाड़ी को आगे बढ़ाते हैं. जबकि बाबा विश्वनाथ को अर्पित यह लौकी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.

वहीं, ETV BHARAT से खास बातचीत में किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी ने कहा कि बाबा की ही देन है कि मैं आज अपने पैरों पर खड़ा हो पाया हूं. बाबा की वजह से विश्वनाथ मंदिर से आने वाली माला फूल से तैयार खाद का प्रयोग करके अपने कार्य को बेहतर तरीके से आगे बढ़ा रहा हूं. इसलिए पहली फसल बाबा के चरणों में अर्पित करके अपने पूरे वर्ष की फसल अच्छी होने की कामना करने के लिए यहां आया हूं. उन्होंने बताया कि बाबा विश्वनाथ के चरणों में अर्पित करने के लिए तीन अलग-अलग साइज की लौकी तैयार की थी. इसमें सबसे लंबी लौकी का साइज 8.5 फीट था, लेकिन यहां आते-याते वह 7.2 फीट लंबी लौकी लेकर बाबा के दरबार में पहुंचे थे.

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गौरतलब है कि काशी में 358 सालों से रंगभरी एकादशी की परंपरा का निर्वहन होता आ रहा है और हर साल इस मौके पर बाबा भोलेनाथ के भक्त अपने सामर्थ्य के अनुसार एक से बढ़कर कई चीजें लाते है और बाबा को अर्पित करते है.

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