वाराणसी: आज काशी में सर्व सेवा संघ आश्रम के अधिग्रहण को लेकर एक जन प्रतिरोध सभा का आयोजन हुआ. इसमें शिरकत करने पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने जन प्रतिरोध सभा में अपने संबोधन में कहा कि अगर संविधान बचाना है तो आंदोलन में जाना पड़ेगा. सरकार की गलत पॉलिसियों का मुकाबला आंदोलन से ही होगा. वहीं, इस सभा में राकेश टिकैत के साथ योगेंद्र यादव भी मौजूद रहे. बता दें कि पिछले दिनों रेलवे ने सर्व सेवा संघ आश्रम को खाली कराया था.
मीडिया से बात करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये जो 13 एकड़ जमीन है, उसे छीनने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है. हम उसका विरोध करेंगे. ये समाज की ज़मीन है. वह आंदोलनकारियों का स्थल रहा है. उन्होंने कहा कि ये देश से विचारधाराओं को खत्म करना चाहते हैं. आज इन्होंने एक आश्रम नहीं लिया, बल्कि आने वाले समय में कई आश्रम लेंगे. ये लोग एक नई विचारधारा देश में देना चाहते हैं. हम उसका विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि वे वहां जाएंगे. जो भी मुद्दे देश में इस तरह के होंगे आंदोलनकारी इस तरह की सरकार की नीतियों का विरोध करेंगे.
उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी दे नहीं रही है. ये लोग किसानों की जमीन छीन रहे हैं. किसान बर्बाद हो गए. उन्होंने कहा कि 2013 का जो भूमि अधिग्रहण एक्ट है, उसमें बदलाव कराकर पूरी पॉवर आज स्टेट को दी. स्टेट ने फिर डीएम को. उन्होंने कहा कि जमीन छीनने का काम किया जा रहा है. कहा कि लखनऊ एयरपोर्ट, जिसमें एक रुपया भी मुआवजा नहीं दिया गया. कहा कि अब नए आंदोलन की शुरुआत होगी. एक बड़े आंदोलन की जरूरत फिर से देश में है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने 2024 के आने वाले चुनाव में बीजेपी के साथ आने के सवाल पर कहा कि हम तो इनके विरोध में ही रहेंगे. हम सरकार की गलत पॉलिसियों का विरोध करेंगे. जो भी सरकारें देश में गलत पॉलिसी लेकर आएंगी, उसका हम विरोध करेंगे. विपक्ष को भी इनका मुकाबला करना चाहिए. जिनको चुनाव लड़ना है, उनको आगे आना होगा. हम लोग तो आंदोलन कर रहे हैं. जिस भी सरकार की जो भी गलत पॉलिसी होगी, उसका विरोध करेंगे.
किसानों के समर्थक योगेंद्र यादव ने कहा कि इस जन प्रतिरोध सभा में भाग लेने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक कार्यकर्ता और तमाम गांधी परिवार आए हैं. सिर्फ एक सवाल को लेकर कि बनारस में सर्व सेवा संघ की जमीन पर सरकार ने जिस तरह से कब्ज़ा किया है, वह न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि इस सरकार के गहरे इरादे दिखाता है. सवाल सिर्फ 13 एकड़ जमीन का नहीं है. सवाल गांधी विरासत को नष्ट करने का है. उन्होंने कहा कि जो साबरमती और वर्धा में हुआ है. वही खेल अब यहां करने की कोशिश की जा रही है.
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