वाराणसी: जिले के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में 'पर्यावरण संरक्षण: चुनौतियां एवं समाधान' विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया. यह आयोजन पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ, राष्ट्रीय सेवा योजना वाराणसी, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संयुक्त तत्वाधान में हुआ.
मुख्य अतिथि रहे कैबिनेट मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह
इस राष्ट्रीय वेबिनार के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश जलशक्ति मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री डॉक्टर महेन्द्र सिंह रहे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे वेदों में भी पर्यावरण संरक्षण का विशेष उल्लेख मिलता है. हमारे जीवन का प्रमुख आधार पर्यावरण है इसलिए हमें पर्यावरण का संरक्षण करना चाहिए.
'जल एवं जीवन परस्पर एक दूसरे पर निर्भर'
वहीं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के समन्वयक और दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के सह संयोजक डॉक्टर कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि जल एवं जीवन परस्पर एक दूसरे पर निर्भर हैं. हमें जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए. इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का संचालन सह आयोजन सचिव डॉ. मुकेश पंत ने किया वहीं धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉक्टर पारिजात सौरभ ने किया.
गिलोय के एक हजार पौधों का वितरण
इसी क्रम में पर्यावरण दिवस के अवसर पर काशी विद्यापीठ के मुख्य परिसर और डॉक्टर विभूति नारायण सिंह परिसर, गंगापुर में भी वृक्षारोपण किया गया. इसके साथ ही दोनों परिसर के कर्मचारियों के साथ ही स्थानीय लोगों को वृक्षारोपण का महत्व भी बताया गया. कुलसचिव डॉक्टर साहब लाल मौर्या के नेतृत्व में गिलोय के एक हजार पौधों का वितरण भी किया गया.
हमने विश्वविद्यालय से संबंधित सभी महाविद्यालयों में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया है. इस बार हमने गिलोय के पौधे को लगाने पर बल दिया है. हम सभी जानते हैं कि यह कोरोना वायरस का दौर चल रहा है, ऐसे में गिलोय का पौधा है एक औषधात्मक पौधा है. इसे लगाने से हमें बहुत सारे फायदे होते हैं.
-टीएन सिंह, कुलपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ