वाराणसी: यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी विश्वविद्यालयों में 3 साल के विद्यार्थियों की उपाधि उनके घर भेजने का निर्देश दिया था. जिसके बाद सभी विश्वविद्यालय इस ओर काम करने लगे. इसी क्रम में वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में विश्वविद्यालय प्रशासन ने 4 साल की लंबित उपाधियों को तैयार करने का निर्णय लिया है. जिसके लिए विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की उपाधि का टेबुलेशन रजिस्टर से मिलान चल रहा है. लेकिन इन दिनों कोरोना संक्रमण के कारण ये काम प्रभावित हो रहा है. जिसके कारण उपाधियों को जारी करने में और विलंब हो सकता है.
साढ़े तीन लाख विद्यार्थियों की तैयार की गई हैं उपाधियां
विश्वविद्यालय के कुलसचिव एसएल मौर्य ने बताया कि 2020 तक साढ़े तीन लाख विद्यार्थियों की उपाधि तैयार कर ली गई हैं. इनकी टेबुलेशन का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि विद्यार्थी ऑनलाइन शुल्क जमा करेंगे, जिसके बाद डाक के माध्यम से उन तक डिग्री पहुंच जाएगी. संक्रमण के कारण इस काम को करने में थोड़ी दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन आगामी दिनों में यह दिक्कतें दूर हो जाएंगी. थोड़ी विलंब के साथ बच्चों को उपाधियां मिल जाएंगी.
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50 रुपये जमा करना होगा शुल्क
बता दें कि बीते दिनों विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टी एन सिंह की अध्यक्षता में वित्त समिति के बैठक में विद्यार्थियों से 200 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया था, परंतु बाद में 50 रुपये डाक शुल्क के साथ विद्यार्थियों को डिग्री देने की सहमति मिली थी.