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E Rickshaw Charging में खेल, गलती वाराणसी नगर निगम की और नुकसान बिजली विभाग का - लोकल रूटों पर ई रिक्शा

यूपी के शहरों में हजारों ई रिक्शा लोकल रूट पर दौड़ रहे हैं. ई रिक्शा को चलाने के लिए चार्ज करने की जरूरत होती है. अधिकतर शहरों पर आधिकारिक तौर पर चार्जिंग सेंटर (E Rickshaw Charging Station Varanasi ) नहीं हैं. वाराणसी में आलम यह है कि ई-रिक्शा चार्जिंग के लिए चोरी की बिजली इस्तेमाल के मामले सामने आए हैं. चार्जिंग के खेल में नुकसान बिजली विभाग को हो रहा है.

Etv Bharat E Rickshaw Charging Station Varanasi
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Published : Jan 17, 2023, 7:40 PM IST

Updated : Jan 17, 2023, 10:58 PM IST

ई-रिक्शा चार्जिंग को की व्यवस्था को लेकर जानकारी देते नगर आयुक्त प्रणय सिंह

वाराणसी : यूपी के शहरों में पल्यूशन को कम करने के लिए लोकल रूटों पर ई रिक्शा चलाने की इजाजत दी गई. वाराणसी के गली मुहल्लों में ई-रिक्शा चल रहे हैं. अब तक वाराणसी में 18,445 से ज्यादा ही देख से रजिस्टर्ड तो हो चुके हैं, लेकिन इन ई रिक्शों के चार्जिंग की कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है. नतीजा यह है कि कई जगहों पर चोरी की बिजली से ई-रिक्शा चार्ज किए जा रहे हैं. इस घालमेल का दूसरा पहलू यह है कि वाराणसी में रजिस्टर्ड संख्या से भी ज्यादा गैर रजिस्टर्ड ई रिक्शा भी दौड़ रहे हैं. अगर शहर में चार्जिंग पॉइंट होता तो बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे ई-रिक्शों की पहचान भी आसान हो जाती. नगर आयुक्त प्रणय सिंह का दावा है कि ई रिक्शा के चार्जिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं, मगर बिजली चोरी रोकना बिजली विभाग की जिम्मेदारी है.

वाराणसी नगर निगम ने पिछले साल 11 जगहों पर चार्जिंग पॉइंट बनाने का प्रस्ताव रखा था. नगर निगम वाराणसी ने बनारस के डीएलडब्ल्यू गेट के सामने, पीली कोठी स्थित एक तालाब के पास, चितईपुर इंदिरा नगर कॉलोनी, नक्खी घाट पर रेलवे फाटक के समीप, संक्रामक रोग अस्पताल के पास और नगर निगम समेत रामलीला मैदान नदेसर और कैंट रेलवे स्टेशन के अलावा कुछ अन्य स्पॉट पर चार्जिंग पॉइंट बनाए जाने की तैयारी की थी. प्रस्ताव तो बन गया मगर चार्जिंग पॉइंट अब तक धरातल पर नहीं उतरे हैं. इस कमी का फायदा रिक्शा चालक और ठेकेदार उठा रहे हैं.

E Rickshaw Charging Station
वाराणसी में आधिकारिक तौर पर 18,445 से ज्यादा ई रिक्शा सड़कों पर मौजूद है.

ज्यादातर रिक्शा ड्राइवर घरेलू कनेक्शन चार्ज कर कमर्शियल फायदा कमा रहे हैं. कई ई रिक्शा संचालक अपने चार्जिंग के लिए उन ठेकेदारों पर डिपेंड हो चुके हैं, जो बिजली विभाग से एक घरेलू कनेक्शन लेते हैं और हजारों की संख्या में रिक्शा चार्ज करते हैं. इस तरह चार्जिंग के ठेकेदार हर महीने न सिर्फ मोटी धनराशि कमाते हैं, बल्कि विभाग को चूना भी लगाते हैं. एक ही रिक्शा चार्ज करने के एवज में 100 रुपये की प्रतिदिन के हिसाब से वसूली की जाती है. एक ई रिक्शा की बैटरी 650 वॉट की होती है, जिसे चार्ज करने में 6 घंटे लगते हैं. इस हिसाब से चार यूनिट के हिसाब से 1 महीने में 12 सौ यूनिट बिजली की खपत सिर्फ एक ई रिक्शा में हो रही है.

नगर आयुक्त प्रणय सिंह का कहना है कि बिजली विभाग को इस दिशा में कार्रवाई करनी चाहिए. चार्जिंग पॉइंट बनाने की दिशा में कार्य शुरू हुआ है. अभी तीन स्पॉट को चयनित किया गया है. जिनमें कैंट रेलवे स्टेशन फ्लाईओवर के नीचे बेनियाबाग के साथ एक अन्य स्थान पर चार्जिंग पॉइंट बनाए जाने का काम शुरू होने वाला है. इसके लिए एक राजस्थान की कंपनी से टाईअप भी किया गया है. नगर निगम इन्हें स्थान उपलब्ध करवा कर ही चार्जिंग प्वाइंट की व्यवस्था जल्द सुनिश्चित करवाएगा.

पढ़ें : G-20 Conference के लिए वाराणसी को दिया जा रहा नया रूप, टूरिस्ट गाइड को भी सिखाई जा रहीं विदेशी भाषाएं

ई-रिक्शा चार्जिंग को की व्यवस्था को लेकर जानकारी देते नगर आयुक्त प्रणय सिंह

वाराणसी : यूपी के शहरों में पल्यूशन को कम करने के लिए लोकल रूटों पर ई रिक्शा चलाने की इजाजत दी गई. वाराणसी के गली मुहल्लों में ई-रिक्शा चल रहे हैं. अब तक वाराणसी में 18,445 से ज्यादा ही देख से रजिस्टर्ड तो हो चुके हैं, लेकिन इन ई रिक्शों के चार्जिंग की कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है. नतीजा यह है कि कई जगहों पर चोरी की बिजली से ई-रिक्शा चार्ज किए जा रहे हैं. इस घालमेल का दूसरा पहलू यह है कि वाराणसी में रजिस्टर्ड संख्या से भी ज्यादा गैर रजिस्टर्ड ई रिक्शा भी दौड़ रहे हैं. अगर शहर में चार्जिंग पॉइंट होता तो बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे ई-रिक्शों की पहचान भी आसान हो जाती. नगर आयुक्त प्रणय सिंह का दावा है कि ई रिक्शा के चार्जिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं, मगर बिजली चोरी रोकना बिजली विभाग की जिम्मेदारी है.

वाराणसी नगर निगम ने पिछले साल 11 जगहों पर चार्जिंग पॉइंट बनाने का प्रस्ताव रखा था. नगर निगम वाराणसी ने बनारस के डीएलडब्ल्यू गेट के सामने, पीली कोठी स्थित एक तालाब के पास, चितईपुर इंदिरा नगर कॉलोनी, नक्खी घाट पर रेलवे फाटक के समीप, संक्रामक रोग अस्पताल के पास और नगर निगम समेत रामलीला मैदान नदेसर और कैंट रेलवे स्टेशन के अलावा कुछ अन्य स्पॉट पर चार्जिंग पॉइंट बनाए जाने की तैयारी की थी. प्रस्ताव तो बन गया मगर चार्जिंग पॉइंट अब तक धरातल पर नहीं उतरे हैं. इस कमी का फायदा रिक्शा चालक और ठेकेदार उठा रहे हैं.

E Rickshaw Charging Station
वाराणसी में आधिकारिक तौर पर 18,445 से ज्यादा ई रिक्शा सड़कों पर मौजूद है.

ज्यादातर रिक्शा ड्राइवर घरेलू कनेक्शन चार्ज कर कमर्शियल फायदा कमा रहे हैं. कई ई रिक्शा संचालक अपने चार्जिंग के लिए उन ठेकेदारों पर डिपेंड हो चुके हैं, जो बिजली विभाग से एक घरेलू कनेक्शन लेते हैं और हजारों की संख्या में रिक्शा चार्ज करते हैं. इस तरह चार्जिंग के ठेकेदार हर महीने न सिर्फ मोटी धनराशि कमाते हैं, बल्कि विभाग को चूना भी लगाते हैं. एक ही रिक्शा चार्ज करने के एवज में 100 रुपये की प्रतिदिन के हिसाब से वसूली की जाती है. एक ई रिक्शा की बैटरी 650 वॉट की होती है, जिसे चार्ज करने में 6 घंटे लगते हैं. इस हिसाब से चार यूनिट के हिसाब से 1 महीने में 12 सौ यूनिट बिजली की खपत सिर्फ एक ई रिक्शा में हो रही है.

नगर आयुक्त प्रणय सिंह का कहना है कि बिजली विभाग को इस दिशा में कार्रवाई करनी चाहिए. चार्जिंग पॉइंट बनाने की दिशा में कार्य शुरू हुआ है. अभी तीन स्पॉट को चयनित किया गया है. जिनमें कैंट रेलवे स्टेशन फ्लाईओवर के नीचे बेनियाबाग के साथ एक अन्य स्थान पर चार्जिंग पॉइंट बनाए जाने का काम शुरू होने वाला है. इसके लिए एक राजस्थान की कंपनी से टाईअप भी किया गया है. नगर निगम इन्हें स्थान उपलब्ध करवा कर ही चार्जिंग प्वाइंट की व्यवस्था जल्द सुनिश्चित करवाएगा.

पढ़ें : G-20 Conference के लिए वाराणसी को दिया जा रहा नया रूप, टूरिस्ट गाइड को भी सिखाई जा रहीं विदेशी भाषाएं

Last Updated : Jan 17, 2023, 10:58 PM IST
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