अनाज क्रय केंद्रों पर लगीं ई-पॉप मशीनें. वाराणसी: किसानों के साथ जालसाजी के मामले सबसे अधिक होते रहे हैं. बीज क्रय से लेकर अनाज बेचने तक किसानों को जालसाजों द्वारा कहीं न कहीं ठगा जाता रहा है. इसका हल निकलते-निकलते किसान अपनी फसल की लागत तक नहीं वसूल पाता था. ऐसे में एक नई व्यवस्था लागू की गई है, जिससे न सिर्फ किसान ठगों से बचाए जा सकेंगे बल्कि उनके अधिकारों की सुरक्षा भी की जा सकेगी. किसानों को बस अपने अंगूठे का प्रयोग करना होगा और उनके साथ किसी भी तरह का खेल नहीं किया जा सकेगा. जी हां! ये सब संभव हो सकेगा ई-पॉप मशीन से.
अंगूठा लगाते ही किसान की मिलती है डिटेलः इस बारे में खाद्य विपणन अधिकारी सुनील भारती ने बताया कि 'एक ई-पॉप मशीन आई हुई है, जिसमें अंगूठा लगाने पर किसान की फसल खरीद हो जाती है. मशीन में एक कैमरा भी लगा हुआ है. कैमरे में किसान जब अपना अंगूठा लगाता है तो उसकी एक वीडियो बनती है. उसमें यह दिखाई देता है कि यह वही किसान है, जिसकी फसल खरीद की जा रही है. अंगूठा लगाते ही मशीन में मशीन में किसान का नाम, उसके पिता का नाम, वह कहां का रहने वाला है, उपज कितनी है, उसके पास जमीन कितनी है ये सब डिटेल मशीन पर आ जाती है.'
पैसा सीधा किसान के खाते में जाएगाः सुनील भारती ने बताया कि 'पारदर्शी तरीके से का होने के लिए इन व्यवस्थाओं को शुरू किया गया है. किसानों के हित में मशीन आ आना बहुत ही लाभदायक है. पहले बीच में घुसपैठिए आ जाते थे. दलाल जैसे लोग इसमें शामिल हो जाते थे. अब ऐसे लोगों की कोई इंट्री नहीं हो रही है. वही किसान आ रहे हैं, जिनका डाटा मशीन में फीड है. उनको अपनी उपज का लाभ मिल रहा है. पहले क्रय केंद्रों आदि पर किसानों के नाम से कोई दूसरा खरीद-बिक्री कर सकता था. ऐसे में किसानों को मिलना वाला लाभ बिचौलियों को मिल जाता था. मशीन के माध्यम से ऐसे लोगों की पहचान हो सकेगी और पैसा सीधा किसान के खाते में जाएगा.
धांधली रोकने के लिए क्रय केंद्रों पर लगी मशीनेंः सुनील भारती ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के साथ गेहूं खरीद आदि में हो रही धांधली को रोकने के लिए ई-पॉप मशीनों को क्रय केंद्रों पर उपलब्ध कराया गया है. इसका उद्देश्य है कि कोई दूसरा व्यक्ति इस खरीद प्रक्रिया में धांधली न करने पाए. इस मशीन के माध्यम से किसानों के और व्यापारी किसानों के माल-अनाज को तौल में हो रहे घटतौल आदि की समस्या से भी निजात पाया जा सकेगा. किसान आसानी से अपनी बिक्री और उसकी कीमत के बारे में जान सकेंगे. साथ ही सरकारी रेट के हिसाब से उनके खाते में पैसे सीधे भेज दिए जाएंगे. सभी क्रय केंद्रों पर गेंहू खरीद के लिए इस मशीन का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं. अधिकारियों की जवाबदेही भी तय कर दी गई है.
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