वाराणसी: कभी उदया तिथि तो कभी तिथि में भिन्नता, हर त्यौहार दो दिन मनाए जाने की वजह से आ रही दिक्कतों को देखते हुए वाराणसी में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी चल रही है. धर्म की नगरी काशी में एक ऐसा पंचांग तैयार करने पर विचार किया जा रहा है. जिसमें व्रत त्योहार और तिथियां से भ्रम की स्थिति दूर होगी. इसकी शुरुआत वाराणसी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की तरफ से की जा रही है. जिसके तहत न्यास परिषद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने BHU के ज्योतिषाचार्यों व तमाम धर्माचायर्यों के साथ मिलकर कश्मीर से केरल तक एकरूपता लेकर एक नया पंचांग निकालने का निर्णय लिया है.
उत्तर से दक्षिण तक की परंपराओं व शास्त्रों का समावेश होगाः प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने बताया कि पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण तक की परंपराओं और धर्म शास्त्रों का समावेश करते हुए इस स्मृति पंचांग को तैयार किया जाएगा. आज अलग-अलग पंचांग और अलग-अलग ज्योतिषियों की तरफ से चीज बताए जाने की वजह से दीपावली, होली, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी जैसे पर्व विवाद की वजह से 2 दिन मनाए जाने लगे हैं, जो सही नहीं है. काशी विद्वत परिषद प्रदोष व्यापिनी तिथि का समर्थन करती है. उनका कहना है 2 दिन पड़ रहा कोई भी त्यौहार दिक्कत की वजह बनता है. इसलिए इन चीजों को आधार बनाकर निर्णय करने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि स्मृति का तात्पर्य धर्म, दर्शन आचार व्यवहार आदि से संबंध रखने वाले प्राचीन हिंदू धर्म शास्त्र जिनकी रचना ऋषि मुनियों ने की थी. इस प्राचीन हिंदू विधि संहिता भी कहा जाता है. इसके आधार पर तिथि त्योहार और व्रत का निर्धारण किया जाता है.
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