वाराणसी: नगर निगम मुख्यालय के बनारस रिक्शा चालक के संगठन कार्यालय में भारतीय रिक्शा चालक फोरम और बनारस रिक्शा चालक की एक संयुक्त बैठक संपन्न हुई. बैठक में प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन परिवहन कार्यालय कराए जाने का विरोध किया गया. साथ ही साथ फोरम के सदस्यों द्वारा यह निर्णय लिया गया कि 10 अक्टूबर को एक विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा.
भारतीय रिक्शा चालक फोरम और बनारस रिक्शा वन महासभा तथा ई-रिक्शा मालिकों व चालकों की एक संयुक्त बैठक, फोरम के संस्थापक अध्यक्ष एवं महासभा के उपाध्यक्ष राजेश आजाद की अध्यक्षता में नगर निगम मुख्यालय के संगठन कार्यालय में संपन्न हुई. जिसमें ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग द्वारा कराए जाने पर गहरी आपत्ति जताते हुए नियम विरुद्ध एवं ई-रिक्शा मालिकों, चालकों को अनायास शोषित करने का विरोध किया गया. बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन नगर निगम से पुनः प्रारंभ कराने की नगर निगम और जिला प्रशासन तथा शासन से जोरदार मांग को लेकर आगामी 10 अक्टूबर को शास्त्री घाट पर धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया. वहीं सदस्यों ने इस मुद्दे को नगर निगम के मिनी सदन में उठाने की जरूरत और शासन पर दबाव बनाने की जरूरत पर बल दिया गया.
बैठक की अध्यक्षता कर रहे भारतीय रिक्शा चालक फोरम के संस्थापक अध्यक्ष राजेश आजाद ने कहा की ई रिक्शा के रजिस्ट्रेशन का कार्य उसी तरह शुरू किया जाए, जिस तरह पहले बनारस में किया जाता था. क्योंकि पहले ई-रिक्शा रजिस्ट्रेशन का काम वाराणसी नगर निगम द्वारा किया जाता था. जिससे रिक्शा मालिकों और रिक्शा चालकों को सुविधा थी. लेकिन अब नियम विरुद्ध कथित साजिश के वजह से यह काम अब परिवहन विभाग कर रहा है. परिवहन विभाग द्वारा ई-रिक्शा रजिस्ट्रेशन करने के दरमियान कई सारी अनियमितताएं और भ्रष्टाचार का बोलबाला हो गया है. उन्होंने कहा कि हम लोगों की शासन प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन फिर से वाराणसी नगर निगम में शुरू कराया जाए.