वाराणसी: अब से कुछ दिन पहले वाराणसी के चौकाघाट इलाके में सीवर की सफाई के लिए नीचे उतरे एक मजदूर की जान चली गई. यह कोई पहला मामला नहीं था 2019, 2018 और इसके पहले भी सीवर की सफाई की वजह से कई जाने जा चुकी है. वाराणसी में नाला नाली और सीवर की सफाई में लगने वाले मजदूरों की मौत कहीं ना कहीं से कई सवाल भी खड़े करती है. लगातार पूरे देश में ऐसी घटनाओं के होने की वजह से 2022 में हाईकोर्ट ने यह निर्देश जारी किया था कि सीवर की सफाई में किसी की जान जाए, इसके लिए मैकेनिकल तरीके से इस काम को पूरा किया जाए.
वाराणसी में सीवर और नालों-नाली की सफाई में लगातार हो रही मौत के बाद जिला प्रशासन और नगर निगम जागा है. इसके लिए बनारस में जी-20 सम्मेलन की तैयारियों के शहर के नालों और सीवर की सफाई के लिए नगर निगम अब ऐसी दो मशीनें खरीदने जा रहा है. जो किसी व्यक्ति को सीवर में नीचे भेजे बिना ही मेकेनिकल तरीके से ही सफाई को अंजाम देगी.
वाराणसी नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह ने बताया कि यह बहुत अमानवीय लगता है कि सीवर और नाले नाले की सफाई के लिए किसी व्यक्ति को लगाया जाए और ऐसी स्थिति में कई बार इनकी जान भी चली जाती है. इसे लेकर हाईकोर्ट की तरफ से निर्देश मिले थे कि 2023 से सीवर सफाई में किसी भी तरह की जान न जाए और इसे मैकेनिकल तरीके से पूरा किया जाए.
अप्रैल से शुरू हो रहे जी-20 सम्मेलन से पहले वाराणसी में सीवर सफाई की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए खास तरह की मशीन एसक्यूबेटर को नगर निगम ने खरीदने की प्लानिंग की है. नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि इस मशीन के आने के बाद मानसून से पहले साफ सफाई की व्यवस्था बेहतर तरीके से आगे बढ़ाई जा सकेगी. इसके साथ ही हर साल जो किसी न किसी की जान सफाई के दौरान जाती है, उसे रोकने में भी बड़ी मदद मिलेगी. फिलहाल इस मशीन की अनुमानित कीमत 20 लाख रुपये के आसपास है. इस संदर्भ में कंपनी से बातचीत हुई है और माना जा रहा है कि अप्रैल से पहले यह मशीनें नगर निगम वाराणसी में आ जाएंगी.
यह भी पढ़ें:Lucknow News : 400 साल पुराने मंदिर में सवा लाख हनुमान जी, पूरी होती है मुराद