वाराणसी: धार्मिक व पौराणिक ग्रंथों में अलग-अलग महीने और अलग-अलग ऋतुएं होती हैं. हर महीने और हर ऋतु का अपना एक अलग स्थान होता है और इन सबमें सबसे पवित्र महीना माना जाता है. कार्तिक के महीने की शुरुआत 21 अक्टूबर से हो चुकी है. यह महीना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि चातुर्मास के दौरान भगवान श्री हरि विष्णु जब क्षीरसागर में योग निद्रा में जाते हैं, तो कार्तिक मास में ही वह योग निद्रा से बाहर आते हैं और शुभ एवं पवित्र कार्यों की शुरुआत भी होती है. कार्तिक मास अपने आप में इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस पूरे महीने में सनातन धर्म के कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ते हैं, जिनमें दीपावली डाला छठ का के पूर्णिमा भी शामिल है, लेकिन क्या आपको पता है कि कार्तिक के महीने में तीन ऐसे काम हैं, जिनको करने से आपकी जिंदगी बदल सकती है. आप पर धन वर्षा हो सकती है.
पूरे कार्तिक महीने करना है यह तीन काम
पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि कार्तिक का महीना तीन चीजों के लिए महत्वपूर्ण है. स्नान, ध्यान और दान यानी यदि आप इन तीन चीजों को अपने नियमित दिनचर्या में 1 महीने तक शामिल करते हैं, तो आपको पूरे वर्ष का पुण्य सिर्फ 1 महीने में मिलेगा. पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है की सुबह मौन होकर स्नान करने के साथ ही कार्तिक के महीने में दान का विशेष महत्व है. दान वैसे तो अनाज रुपये या वस्त्र का होता है, लेकिन कार्तिक के महीने में इन चीजों का दान नहीं करते, बल्कि दान होता है.
दीप दीपदान अपने आप में कार्तिक माह का सबसे महत्वपूर्ण दान है. इसके लिए रोज शाम को किसी भी देवालय में जाकर दीप जरूर दान करने चाहिए. इसके अतिरिक्त कार्तिक के महीने में आकाशदीप भी जलाए जाते हैं. आकाशदीप उन आत्माओं की शांति के लिए जो हमारे अपने थे, उनके मार्ग पर व्याप्त अंधकार को मिटाने के लिए और परम ब्रह्म परमात्मा को जो नीले आसमान में व्याप्त हैं, उनको दीप जलाने के लिए आकाश दीप दान का भी विशेष महत्व बताया गया है. यानी कार्तिक के महीने में यह तीन काम नियमित रूप से करने से जीवन के सारे दुख दर्द और तकलीफों से निजात मिल जाती है. इसलिए कार्तिक का यह महीना अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.
कार्तिक के महीने में क्या करें और क्या न करें
पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कार्तिक के महीने में कुछ चीजें करने के लिए बताई गई हैं, तो कुछ चीजें नहीं भी करने के लिए बताई गई है. करने की अगर बात करें तो काला तिल और आंवले का चूर्ण लगाकर स्नान करने से पापों का नाश होता है. ब्रम्हचर्य का नियम पालन करना आपको फायदा पहुंचाता है. वहीं कार्तिक मास में व्रत का भी विधान बताया गया है, लेकिन कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका परित्याग इस 1 महीने करना चाहिए. इन में किसी का जूठा भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए. चना, मटर, उड़द, मूंग, लौकी, बैगन और बासी भोजन का परित्याग इस महीने में करना चाहिए. इसके अलावा प्याज, लहसुन, मदिरा और मांसाहारी चीजों का प्रयोग भी इस महीने में बिल्कुल नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह महीना भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है. कोई भी गलती भगवान को नाराज कर सकती है. वहीं सबसे बड़ी बात यह है कि इस महीने में हिंदू त्योहारों की लंबी श्रंखला होती है.
कार्तिक महीने में पड़ने वाले पर्व एवं त्यौहार
- 24 अक्टूबर संकटी गणेश चतुर्थी, करवा चौथ
- 25 अक्टूबर को कोकिला पंचमी
- 28 अक्टूबर अहोई अष्टमी व्रत, कालाष्टमी व्रत
- 29 अक्टूबर श्री राधा अष्टमी व्रत
- 1 नवंबर रंभा एकादशी
- 2 नवंबर धनत्रयोदशी धनतेरस
- 3 नवंबर नरक चतुर्दशी, हनुमान जयंती, छोटी दीपावली
- 4 नवंबर दीपावली पर्व
- 5 नवंबर गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट
- 6 नवंबर भैया दूज, यम द्वितीया, चित्रगुप्त पूजन
- 8 नवंबर विनायकी गणेश चतुर्दशी
- 9 नवंबर सूर्य षष्टि व्रत का द्वितीय संयम
- 10 नवंबर सूर्य षष्टि डाला छठ का तृतीय संयम
- 11 नवंबर सूर्य षष्टि व्रत का पारण, दुर्गा अष्टमी, गोपाष्टमी अन्नपूर्णा अष्टमी व्रत
- 12 नवंबर अक्षय नवमी व्रत
- 15 नवंबर देव प्रबोधिनी एकादशी
- 16 नवंबर भीम प्रदोष व्रत
- 17 नवंबर बैकुंठ चतुर्दशी
- 19 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक जयंती, देव दीपावली