वाराणसी: देवों की नगरी वाराणसी आज देवताओं के आगमन से बेहद ही हर्षोल्लास के साथ उत्सव के रंग में डूबी नजर आई. कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर देव दीपावली का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया गया. एक तरफ जहां गंगा घाटों को दीयों की रोशनी से सजाया गया तो वही काशी के कई घाटों पर मां गंगा की महाआरती का आयोजन किया गया. दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा सेवा निधि की नियमित गंगा आरती की भव्यता देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया.
यही वजह है कि यहां पर लाखों की भीड़ सिर्फ गंगा आरती देखने के लिए जुटी थी. इस आरती का मनोरम दृश्य देखने वाला हर कोई बस यही कह रहा था कि मानो देवता साक्षात धरती पर उतर रहे हों.
इस बार भी यह महाआरती 123 पुजारियों और 42 रिद्धि-सिद्धि कन्याओं के साथ संपन्न हुई. मां गंगा की पावन आरती से पहले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हुआ और गीत संगीत की महफिल भी जमी.
इतना ही नहीं गंगा सेवा निधि के तत्वावधान में मां गंगा के पावन तट पर शहीदों की स्मृति में बनाए गए इंडिया गेट के प्रतिरूप में अमर जवान ज्योति भी जलाई गई.
यहां पर जवानों ने सेना के बैंड की धुन पर अमर शहीदों को याद करते हुए. उन्हें नमन किया और सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की.
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मां गंगा की पावन आरती देखने के लिए उमड़ा आस्थावानों का जनसैलाब यह बताने के लिए काफी था, कि मां गंगा की पावन आरती देखने मात्र से ही सारे दुख दर्द दूर हो जाते हैं.
एक तरफ जहां गंगा घाट दीयों की रोशनी से जगमग आ रहे थे तो वही दश्वामेघ घाट पर गंगा आरती के लिए की गई सजावट स्वर्ग का अहसास करा रही थी. चारों तरफ रोशनी गीत संगीत के साथ मां गंगा की भव्य आरती का नजारा देखने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचे थे.
काशी में देव दीपावली का पर्व धूमधाम से संपन्न हुआ. गंगा घाटों से लेकर गंगा उस पार रेती पर 12 लाख से ज्यादा दीये जगमगाए और पहली बार बैलून फेस्टिवल में गंगा उस पार एंकर बैलून के जरिए देव दीपावली का नजारा आसमान से भी देखा गया.
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