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बीएचयू में रविदास जयंती पर किया गया राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन

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Published : Feb 9, 2020, 7:53 PM IST

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संत शिरोमणि रविदास जी के जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं सहित प्रोफेसर और अन्य लोगों ने भी हिस्सा लिया.

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बीएचयू में रविदास जयंती पर किया गया राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन.

वाराणसी: सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाली काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संत शिरोमणि रविदास के 643वी जयंती के अवसर पर कला संकाय की प्रेक्षा गृह में राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बहुजन समाज के छात्र-छात्राओं सहित प्रोफेसर और अन्य लोगों ने भी हिस्सा लिया.

बीएचयू में रविदास जयंती पर किया गया राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन.
संत रविदास के बेगमपुरा के सपने पर हुआ चर्चाबहुजन समाज के छात्रों द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का मात्र एक ही मकसद रहा कि संत रविदास के बेगमपुरा को समझा जाए. मानव-मानव एक समान इस बात को समझा जाए रविदास जी ने पूरे समाज को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया था. उनकी अमृतवाणी आज के वर्तमान समय में हर सभी को जानना और समझना चाहिए. इस कार्यक्रम में छात्र और छात्राओं ने सम्मिलित होकर रविदास के बनाए पथ पर चलने का संकल्प लिया.रविदास जी के जयंती के अवसर पर किया गया परिचर्चा का आयोजन रविंद्र कुमार भारती ने बताया कि रविदास जी के जयंती के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें सामाजिक चर्चाएं हैं हुई. उसको किस तरह से अपने जीवन में उतार सकते हैं. कार्यक्रम में देश विदेश से सम्मानित अतिथि अपनी बात सबके सामने रख रहे हैं. सभी एक समान रहे सभी को एक समान सारी सुख सुविधाएं मिले इसकी जो संकल्पना थी. उसको वर्तमान समय किस तरह अपने जीवन में उतारा जाए इसके बारे में चर्चा की गई.

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वाराणसी: सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाली काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संत शिरोमणि रविदास के 643वी जयंती के अवसर पर कला संकाय की प्रेक्षा गृह में राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बहुजन समाज के छात्र-छात्राओं सहित प्रोफेसर और अन्य लोगों ने भी हिस्सा लिया.

बीएचयू में रविदास जयंती पर किया गया राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन.
संत रविदास के बेगमपुरा के सपने पर हुआ चर्चाबहुजन समाज के छात्रों द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का मात्र एक ही मकसद रहा कि संत रविदास के बेगमपुरा को समझा जाए. मानव-मानव एक समान इस बात को समझा जाए रविदास जी ने पूरे समाज को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया था. उनकी अमृतवाणी आज के वर्तमान समय में हर सभी को जानना और समझना चाहिए. इस कार्यक्रम में छात्र और छात्राओं ने सम्मिलित होकर रविदास के बनाए पथ पर चलने का संकल्प लिया.रविदास जी के जयंती के अवसर पर किया गया परिचर्चा का आयोजन रविंद्र कुमार भारती ने बताया कि रविदास जी के जयंती के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें सामाजिक चर्चाएं हैं हुई. उसको किस तरह से अपने जीवन में उतार सकते हैं. कार्यक्रम में देश विदेश से सम्मानित अतिथि अपनी बात सबके सामने रख रहे हैं. सभी एक समान रहे सभी को एक समान सारी सुख सुविधाएं मिले इसकी जो संकल्पना थी. उसको वर्तमान समय किस तरह अपने जीवन में उतारा जाए इसके बारे में चर्चा की गई.

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Intro:सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाली काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संत शिरोमणि रविदास के 643 वी जयंती के अवसर पर कला संकाय की प्रेक्षा गृह में राष्ट्रीय परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बहुजन समाज के छात्र-छात्राओं सहित प्रोफेसर और अन्य लोगों ने भी हिस्सा लिया।






Body:बहुजन समाज द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का मात्र एक ही मकसद रहा कि संत रविदास के बेगमपुरा को समझा जाए। मानव मानव एक समान इस बात को समझा जाए रविदास जी ने पूरे समाज को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया। उनकी अमृतवाणी आज के वर्तमान समय में हर सभी को जानना और समझना चाहिए।इस कार्यक्रम में छात्र और छात्राओं ने सम्मिलित होकर रविदास के बनाए पथ पर चलने का संकल्प लिया।



Conclusion:रविंद्र कुमार भारती ने बताया आज रविदास जी के जयंती के अवसर पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें जो उनकी सामाजिक चर्चाएं हैं। उसको किस तरह से अपने जीवन में उतार सकते हैं। कार्यक्रम में देश विदेश से सम्मानित अतिथि अपनी बात सबके सामने रख रहे हैं। संत शिरोमणि ने किस तरह मानववाद को स्थापित करने के लिए तर्क और ज्ञान के आधार पर लोगों को एक दूसरे से प्रेम और सद्भाव रहने के लिए बेगमपुरा की जो संकल्पना है। सभी एक समान रहे सभी को एक समान सारी सुख सुविधाएं मिले इसकी जो संकल्पना थी।उसको वर्तमान समय किस तरह अपने जीवन में उतारा हुआ।
बाईट :-- रविंद्र कुमार भारती, शोध छात्र, बीएचयू

आशुतोष उपाध्याय
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