वाराणसी : गुजरात के मोरबी पुल हादसे की तस्वीर अभी तक लोगों के जहन से उतर नहीं पाया है तो वहीं देशभर के तमाम ध्वस्त हुए फूलों की तस्वीर सामने आने लगी है. वाराणसी दनियालपुर गांव में भी लोग ध्वस्त पुल से आने-जाने के लिए मजबूर हैं. दनियालपुर गांव में वरुणा नदी को पार करने के लिए ग्रामीणों ने खुद से पुल बना रखा है, जो ध्वस्त होने के बाद बेहद ही खतरनाक हो गया है. मगर विकल्प नहीं होने के कारण लोग इस जर्जर पुल पर रोज अपनी जान जोखिम में डालते हैं. लकड़ी से बने इस पुल को पार करने के लिए लोगों को घुटने भर पानी से गुजरना पड़ता है.
दनियालपुर गांव की आबादी करीब 4000 है, मगर पिछले सत्तर साल वरुणा नदी पर पुल नहीं बना. नदी पार करने के लिए दूसरा रास्ता 6 से 7 किलोमीटर दूर है. ग्रामीण विजय कुमार और अमित कुमार साहनी ने बताया कि नदी को पार करने के लिए पुल बनावने की मांग कई वर्षो से की जा रही है लेकिन अधिकारी इस की सुध नहीं लेते, ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. हालत यह है कि अगर वरुणा नदी में जलस्तर बढ़ जाता है तो लकड़ी का यह पुल ही डूब जाता है.
वैसे तो इस जर्जर खतरनाक पुल से हर उम्र के लोगों को परेशानी होती है मगर स्कूल जाने वाली दनियालपुर की छात्राएं इसे सबसे बड़ी मुसीबत मानती हैं. छात्रा साधना ने बताया कि वह स्कूल के लिए इस पुल से प्रतिदिन आती जाती है. उन्हें आने जाने में बहुत डर लगता है लेकिन वो मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि यदि वो दूसरे रास्ते का प्रयोग करेंगी तो उन्हें पैदल करीब 7 किलोमीटर जाना पड़ेगा.