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वाराणसी के दनियालपुर का जर्जर पुल, जहां रोज खतरों से खेलते हैं लोग

दनियालपुर गांव के चार हजार लोग वरुणा नदी पर बने खतरनाक पुल से आना-जाना कर रहे हैं. पुल की जर्जर हालत इस मॉनसून में नहीं हुई है, बल्कि कई साल से यह खतरे को निमंत्रण दे रहा है. अगर ग्रामीण इस पुल का सहारा नहीं ले तो मामूली दूरी तय करने के लिए उन्हें सात किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ेगा. इस क्षेत्र के विधायक अनिल राजभर जैसे कद्दावर नेता हैं, जो प्रदेश सरकार में मंत्री हैं.

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वाराणसी के दनियालपुर का जर्जर पुल
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Published : Nov 8, 2022, 11:00 PM IST

वाराणसी : गुजरात के मोरबी पुल हादसे की तस्वीर अभी तक लोगों के जहन से उतर नहीं पाया है तो वहीं देशभर के तमाम ध्वस्त हुए फूलों की तस्वीर सामने आने लगी है. वाराणसी दनियालपुर गांव में भी लोग ध्वस्त पुल से आने-जाने के लिए मजबूर हैं. दनियालपुर गांव में वरुणा नदी को पार करने के लिए ग्रामीणों ने खुद से पुल बना रखा है, जो ध्वस्त होने के बाद बेहद ही खतरनाक हो गया है. मगर विकल्प नहीं होने के कारण लोग इस जर्जर पुल पर रोज अपनी जान जोखिम में डालते हैं. लकड़ी से बने इस पुल को पार करने के लिए लोगों को घुटने भर पानी से गुजरना पड़ता है.

दनियालपुर गांव की आबादी करीब 4000 है, मगर पिछले सत्तर साल वरुणा नदी पर पुल नहीं बना. नदी पार करने के लिए दूसरा रास्ता 6 से 7 किलोमीटर दूर है. ग्रामीण विजय कुमार और अमित कुमार साहनी ने बताया कि नदी को पार करने के लिए पुल बनावने की मांग कई वर्षो से की जा रही है लेकिन अधिकारी इस की सुध नहीं लेते, ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. हालत यह है कि अगर वरुणा नदी में जलस्तर बढ़ जाता है तो लकड़ी का यह पुल ही डूब जाता है.

वैसे तो इस जर्जर खतरनाक पुल से हर उम्र के लोगों को परेशानी होती है मगर स्कूल जाने वाली दनियालपुर की छात्राएं इसे सबसे बड़ी मुसीबत मानती हैं. छात्रा साधना ने बताया कि वह स्कूल के लिए इस पुल से प्रतिदिन आती जाती है. उन्हें आने जाने में बहुत डर लगता है लेकिन वो मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि यदि वो दूसरे रास्ते का प्रयोग करेंगी तो उन्हें पैदल करीब 7 किलोमीटर जाना पड़ेगा.

वाराणसी के दनियालपुर का जर्जर पुल
बता दें कि यह इलाका शिवपुर विधानसभा क्षेत्र का है. जहां के विधायक कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर हैं. यह केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे के संसदीय क्षेत्र में आता है. गांव में रहने वालों की आबादी तकरीबन 4000 है. दोनों कैबिनेट मंत्रियों का इलाका होने के बावजूद भी यहां के लोग अवस्था में जीने को मजबूर हैं. वाराणसी के दनियालपुर के ग्रामीण इस खतरनाक पुल से आने जाने के लिए मजबूर तो है लेकिन अधिकारी इसकी सुध नहीं ले रहे हैं ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.जब इस बारे में वाराणसी मण्डलायुक्त से बातचीत की गई तो उन्होने बताया कि मामला संज्ञान में आया है,जल्द ही निरीक्षण कर आगे की कार्यवाही की जाएगी. ऐसे में अब देखना यही है कि कब अधिकारी इन ग्रामीणों की गुहार को सुनते हैं और उनके लिए नदी पार करने के लिए पुल की व्यवस्था करते हैं. जिससे ग्रामीण इस खतरनाक पुल से होकर आने जाने के लिए मजबूर न हो सके.पढ़ें : वाराणसी: IIT BHU बनाएगा डिफेंस इक्विपमेंट्स, संस्थान ने DRDO को भेजे 25 प्रपोजल

वाराणसी : गुजरात के मोरबी पुल हादसे की तस्वीर अभी तक लोगों के जहन से उतर नहीं पाया है तो वहीं देशभर के तमाम ध्वस्त हुए फूलों की तस्वीर सामने आने लगी है. वाराणसी दनियालपुर गांव में भी लोग ध्वस्त पुल से आने-जाने के लिए मजबूर हैं. दनियालपुर गांव में वरुणा नदी को पार करने के लिए ग्रामीणों ने खुद से पुल बना रखा है, जो ध्वस्त होने के बाद बेहद ही खतरनाक हो गया है. मगर विकल्प नहीं होने के कारण लोग इस जर्जर पुल पर रोज अपनी जान जोखिम में डालते हैं. लकड़ी से बने इस पुल को पार करने के लिए लोगों को घुटने भर पानी से गुजरना पड़ता है.

दनियालपुर गांव की आबादी करीब 4000 है, मगर पिछले सत्तर साल वरुणा नदी पर पुल नहीं बना. नदी पार करने के लिए दूसरा रास्ता 6 से 7 किलोमीटर दूर है. ग्रामीण विजय कुमार और अमित कुमार साहनी ने बताया कि नदी को पार करने के लिए पुल बनावने की मांग कई वर्षो से की जा रही है लेकिन अधिकारी इस की सुध नहीं लेते, ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. हालत यह है कि अगर वरुणा नदी में जलस्तर बढ़ जाता है तो लकड़ी का यह पुल ही डूब जाता है.

वैसे तो इस जर्जर खतरनाक पुल से हर उम्र के लोगों को परेशानी होती है मगर स्कूल जाने वाली दनियालपुर की छात्राएं इसे सबसे बड़ी मुसीबत मानती हैं. छात्रा साधना ने बताया कि वह स्कूल के लिए इस पुल से प्रतिदिन आती जाती है. उन्हें आने जाने में बहुत डर लगता है लेकिन वो मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि यदि वो दूसरे रास्ते का प्रयोग करेंगी तो उन्हें पैदल करीब 7 किलोमीटर जाना पड़ेगा.

वाराणसी के दनियालपुर का जर्जर पुल
बता दें कि यह इलाका शिवपुर विधानसभा क्षेत्र का है. जहां के विधायक कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर हैं. यह केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे के संसदीय क्षेत्र में आता है. गांव में रहने वालों की आबादी तकरीबन 4000 है. दोनों कैबिनेट मंत्रियों का इलाका होने के बावजूद भी यहां के लोग अवस्था में जीने को मजबूर हैं. वाराणसी के दनियालपुर के ग्रामीण इस खतरनाक पुल से आने जाने के लिए मजबूर तो है लेकिन अधिकारी इसकी सुध नहीं ले रहे हैं ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.जब इस बारे में वाराणसी मण्डलायुक्त से बातचीत की गई तो उन्होने बताया कि मामला संज्ञान में आया है,जल्द ही निरीक्षण कर आगे की कार्यवाही की जाएगी. ऐसे में अब देखना यही है कि कब अधिकारी इन ग्रामीणों की गुहार को सुनते हैं और उनके लिए नदी पार करने के लिए पुल की व्यवस्था करते हैं. जिससे ग्रामीण इस खतरनाक पुल से होकर आने जाने के लिए मजबूर न हो सके.पढ़ें : वाराणसी: IIT BHU बनाएगा डिफेंस इक्विपमेंट्स, संस्थान ने DRDO को भेजे 25 प्रपोजल
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