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वाराणसी: बीएचयू में ध्रुपद उत्सव का आयोजन, देश के कोने-कोने से पहुंचे कलाकार - बीएचयू में ध्रुपद उत्सव का आयोजन

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 22 जनवरी को ध्रुपद उत्सव का आयोजन किया गया. इसमें प्रतुति देने देश के कोने-कोने से कलाकार पहुंचे. ध्रुपद उत्सव का समापन 24 जनवरी को होगा.

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प्रस्तुति देते कलाकार.
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Published : Jan 24, 2020, 8:38 AM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत एवं मंच कला संकाय और पंडित श्रीकांत मिश्र झुपत फाउंडेशन ध्रुपद संस्थान भोपाल के संयुक्त तत्वाधान में छठवें ध्रुपद उत्सव का शुभारंभ किया गया. यह महोत्सव 22 जनवरी से शुरू होकर 24 जनवरी को समाप्त होगा.

ध्रुपद उत्सव में कलाकारों ने दी प्रस्तुति.

ध्रुपद महोत्सव के दूसरे दिन संगीत प्रस्तुतियों का आरंभ बिहार ब्रदर्स के ध्रुपद गायन से हुआ. झाला के उपरांत चौताल में ध्रुपद प्रस्तुत किया. इसके शब्द कुंजन में रची और राग अदिति गति के लिए गोपाल इसके पश्चात अपने सुर ताल में एक और रचना सुनाई, जिसे शब्द "शंभु हरे" साथ पखवाज पर काशी के युवा पखवाज वादक अंकित फाखरी ने संगीत दिया. दूसरा प्रस्तुति मनोज को लेने पखवाज वादन प्रस्तुत किया. इसके अंतर्गत उन्होंने चौपाल में परंपरागत बंदिश से प्रस्तुत किया. कार्यक्रम को देखने के लिए बीएचयू के छात्र-छात्राओं के साथ विदेशी दर्शक भी मौजूद रहे. गुरुवार बिहार ब्रदर्स ने अपनी प्रस्तुति दी. दूसरी प्रस्तुति संजीव झा ने किया. इन दोनों ने बहुत ही अच्छा जुगलबंदी प्रस्तुत किया. पद्मश्री उस्ताद वासित उदितनागर ध्रुपद गाया। देशी दर्शकों के साथ विदेशी दर्शक भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत एवं मंच कला संकाय और पंडित श्रीकांत मिश्र झुपत फाउंडेशन ध्रुपद संस्थान भोपाल के संयुक्त तत्वाधान में छठवें ध्रुपद उत्सव का शुभारंभ किया गया. यह महोत्सव 22 जनवरी से शुरू होकर 24 जनवरी को समाप्त होगा.

ध्रुपद उत्सव में कलाकारों ने दी प्रस्तुति.

ध्रुपद महोत्सव के दूसरे दिन संगीत प्रस्तुतियों का आरंभ बिहार ब्रदर्स के ध्रुपद गायन से हुआ. झाला के उपरांत चौताल में ध्रुपद प्रस्तुत किया. इसके शब्द कुंजन में रची और राग अदिति गति के लिए गोपाल इसके पश्चात अपने सुर ताल में एक और रचना सुनाई, जिसे शब्द "शंभु हरे" साथ पखवाज पर काशी के युवा पखवाज वादक अंकित फाखरी ने संगीत दिया. दूसरा प्रस्तुति मनोज को लेने पखवाज वादन प्रस्तुत किया. इसके अंतर्गत उन्होंने चौपाल में परंपरागत बंदिश से प्रस्तुत किया. कार्यक्रम को देखने के लिए बीएचयू के छात्र-छात्राओं के साथ विदेशी दर्शक भी मौजूद रहे. गुरुवार बिहार ब्रदर्स ने अपनी प्रस्तुति दी. दूसरी प्रस्तुति संजीव झा ने किया. इन दोनों ने बहुत ही अच्छा जुगलबंदी प्रस्तुत किया. पद्मश्री उस्ताद वासित उदितनागर ध्रुपद गाया। देशी दर्शकों के साथ विदेशी दर्शक भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे.

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत एवं मंच कला संकाय और पंडित श्रीकांत मिश्र झुपत फाउंडेशन ध्रुपद संस्थान भोपाल के संयुक्त तत्वाधान में छठवें ध्रुपद उत्सव का शुभारंभ बीएचयू के ओमकारनाथ सभागार में किया गया। 22 जनवरी से शुरू होकर 24 जनवरी तक तीन दिवसीय रूपक महोत्सव का कल समापन होगा।


Body:ध्रुपद महोत्सव के दूसरे दिन संगीत प्रस्तुतियों का आरंभ बिहार ब्रदर्स ने ध्रुपद गायन से हुआ आपने रात भीम पाली में अलाव जोड़ा है। झाला के उपरांत चौताल में झुपत प्रस्तुत किया। जिसके शब्द कुंजन में रची और राग अदिति गति के लिए गोपाल इसके पश्चात अपने सुर ताल में एक और रचना सुनाई। जिसे शब्द "शंभु हरे" साथ पखवाज पर काशी के युवा पखवाज वादक अंकित फाखरी ने संगीत दिया। दूसरा प्रस्तुति मनोज को लेने पखवाज वादन प्रस्तुत किया। इसके अंतर्गत उन्होंने चौपाल में परंपरागत बंदिश से प्रस्तुत किया। दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया वहीं बीएचयू के छात्र छात्राओं के साथ विदेशी दर्शक भी मौजूद रहे।


Conclusion:अखिलेश खुनदेचा आज के प्रस्तुति में बिहार ब्रदर्स ने अपनी प्रस्तुति दिया। दूसरी प्रस्तुति संजीव झा ने किया। इन दोनों ने बहुत ही अच्छा जुगलबंदी प्रस्तुत किया। पद्मश्री उस्ताद वासित उदितनागर द्रुपद गाया। देसी दर्शकों के साथ विदेशी दर्शक भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।

बाईट :-- अखिलेश खुनदेचा,कलाकार।

आशुतोष उपध्याय

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