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आज से शुरू हो गए शादी और मांगलिक कार्य के शुभ मुहूर्त, जानिए किस महीने में कितने दिन हैं अच्छे - शादी के शुभ मुहूर्त

Devotthan Ekadashi 2023 : हरिप्रबोधिनी या देवउठनी एकादशी घर-घर और मठ-मंदिरों में भगवान शालीग्राम संग तुलसी महारानी का परिणय बंधन हुआ. इसके बाद से ही शुभ मुहूर्त शुरू हो गए.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 23, 2023, 3:52 PM IST

वाराणसी: देवशयनी एकादशी के चार माह के बाद आज भगवान श्री हरि विष्णु के उठने का दिन है. भगवान श्री हरि विष्णु के योग निद्रा से जागने के बाद अब शुभ कार्यों की शुरुआत होने जा रही है. शहनाइयां बजेंगी, नाच गाना होगा और लंबे वक्त से बंद पड़े शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे. सबसे महत्वपूर्ण शादियों का सीजन अब शुरू होने जा रहा है. 24 नवंबर से ही सदियों का जबरदस्त सिलसिला लगभग चार महीने तक चलता रहेगा. लेकिन, इसमें भी कुछ महीने ऐसे हैं जिसमें गिने चुने और कुछ महीने ऐसे हैं जिसमें जबरदस्त लगन है. यानी शादियां इन महीनों में ताबड़तोड़ तरीके से होंगी और खूब शहनाइयां भी बजेंगी.

ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल एकादाशी (देवशयनी एकादशी) पर 29 जून को क्षीरसागर में योग निद्रा में लीन रहने के बाद श्री हरि कार्तिक शुक्ल एकादशी पर गुरुवार को जांगेगे. तिथि विशेष पर हरिप्रबोधिनी या देवउठनी एकादशी का विशेष पर्व मनाया जाएगा और धार्मिक विधानों का भी निर्वहन होगा.

घर-घर और मठ-मंदिरों में भगवान शालीग्राम संग तुलसी महारानी का परिणय बंधन होगा. तुलसी विवाह का मुख्य उत्सव पंचगंगा घाट पर होता है. एकादशी का गंगा स्नान व व्रत-पूजन भी इसी तिथि को होगा. श्रीहरि के जागने के साथ ही लगन मुहूर्त शुरू हो जाएंगे. इस बार सहालग का सीजन दो चरणों में है, जिसमें कुल 81 दिन में 55 विवाह मुहूर्त मिल रहे हैं. सर्वाधिक मुहूर्त फरवरी में हैं, जबकि सबसे कम मुहूर्त नवम्बर में. इसी बीच 16 दिसम्बर से 30 दिन का खरमास भी शुरू हो जाएगा. इस वर्ष 24 नवंबर से 16 दिसम्बर तक 15 लगन-मुहूर्त हैं. जबकि अगले साल 2024 में खरमास खत्म होने के बाद 16 जनवरी से 12 मार्च तक 40 विवाह मुहूर्त हैं.

सूर्यदव के राशि परिवर्तन संग खरमास आरंभ होगा. 16 दिसम्बर को रात 01:26 बजे सूर्यदेव वृश्चिक से धुन में प्रवेश करेंगे और इसके साथ ही समस्त मांगलिक कार्यों पर एक माह प्रतिबंध लग जाएगा. खरमास का समापन 15 जनवरी, 2024 को सुबह 09:13 बजे सूर्यदेव के धनु से मकर राशि में प्रवेश के साथ होगा. इसके बाद एक बार फिर लगन-मुहूर्त होंगे, जबकि 14 मार्च को दिन में 03:12 बजे सूर्यदेव कुंभ से मीन राशि में विराजमान होंगे और खरमास लग जाएगा. इसके कारण विवाहादि मांगलिक आयोजन पुन: बंद हो जाएंगे, जिसकी शुरुआत नव सवंत में होगी.

ये भी पढ़ेंः गंगाघाट पर सपनों की पाठशाला: घरेलू हिंसा झेली, ताने सहे, अब 100 बच्चे-बच्चियों का भविष्य संवार रहीं

वाराणसी: देवशयनी एकादशी के चार माह के बाद आज भगवान श्री हरि विष्णु के उठने का दिन है. भगवान श्री हरि विष्णु के योग निद्रा से जागने के बाद अब शुभ कार्यों की शुरुआत होने जा रही है. शहनाइयां बजेंगी, नाच गाना होगा और लंबे वक्त से बंद पड़े शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे. सबसे महत्वपूर्ण शादियों का सीजन अब शुरू होने जा रहा है. 24 नवंबर से ही सदियों का जबरदस्त सिलसिला लगभग चार महीने तक चलता रहेगा. लेकिन, इसमें भी कुछ महीने ऐसे हैं जिसमें गिने चुने और कुछ महीने ऐसे हैं जिसमें जबरदस्त लगन है. यानी शादियां इन महीनों में ताबड़तोड़ तरीके से होंगी और खूब शहनाइयां भी बजेंगी.

ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल एकादाशी (देवशयनी एकादशी) पर 29 जून को क्षीरसागर में योग निद्रा में लीन रहने के बाद श्री हरि कार्तिक शुक्ल एकादशी पर गुरुवार को जांगेगे. तिथि विशेष पर हरिप्रबोधिनी या देवउठनी एकादशी का विशेष पर्व मनाया जाएगा और धार्मिक विधानों का भी निर्वहन होगा.

घर-घर और मठ-मंदिरों में भगवान शालीग्राम संग तुलसी महारानी का परिणय बंधन होगा. तुलसी विवाह का मुख्य उत्सव पंचगंगा घाट पर होता है. एकादशी का गंगा स्नान व व्रत-पूजन भी इसी तिथि को होगा. श्रीहरि के जागने के साथ ही लगन मुहूर्त शुरू हो जाएंगे. इस बार सहालग का सीजन दो चरणों में है, जिसमें कुल 81 दिन में 55 विवाह मुहूर्त मिल रहे हैं. सर्वाधिक मुहूर्त फरवरी में हैं, जबकि सबसे कम मुहूर्त नवम्बर में. इसी बीच 16 दिसम्बर से 30 दिन का खरमास भी शुरू हो जाएगा. इस वर्ष 24 नवंबर से 16 दिसम्बर तक 15 लगन-मुहूर्त हैं. जबकि अगले साल 2024 में खरमास खत्म होने के बाद 16 जनवरी से 12 मार्च तक 40 विवाह मुहूर्त हैं.

सूर्यदव के राशि परिवर्तन संग खरमास आरंभ होगा. 16 दिसम्बर को रात 01:26 बजे सूर्यदेव वृश्चिक से धुन में प्रवेश करेंगे और इसके साथ ही समस्त मांगलिक कार्यों पर एक माह प्रतिबंध लग जाएगा. खरमास का समापन 15 जनवरी, 2024 को सुबह 09:13 बजे सूर्यदेव के धनु से मकर राशि में प्रवेश के साथ होगा. इसके बाद एक बार फिर लगन-मुहूर्त होंगे, जबकि 14 मार्च को दिन में 03:12 बजे सूर्यदेव कुंभ से मीन राशि में विराजमान होंगे और खरमास लग जाएगा. इसके कारण विवाहादि मांगलिक आयोजन पुन: बंद हो जाएंगे, जिसकी शुरुआत नव सवंत में होगी.

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