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वाराणसी: भक्त मंदिर में प्रसाद के रूप में बांट रहे हैं मास्क

यूपी के वाराणसी में कुछ युवा भगवान को मास्क चढ़ा रहे हैं और फिर इसी मास्क को वो प्रसाद के रूप में लोगों में बांट रहे हैं.

वाराणसी के मंदिर
वाराणसी के मंदिर
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Published : Jul 16, 2020, 6:36 PM IST

वाराणसी: कोरोना महामारी के चलते मंदिरों में पहले जैसे दर्शन पूजन नहीं देखने को मिल रहा है. मंदिरों में प्रसाद चढ़ाने और प्रसाद के वितरण पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. अब धर्म की नगरी काशी में कुछ युवा मंदिर में दर्शन पूजन के दौरान प्रसाद की जगह भगवान को मास्क अर्पित कर रहे हैं और इसी मास्क को वह प्रसाद के रूप में लोगों को दे रहे हैं.

वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण मंदिरों में फूल-माला और प्रसाद चढ़ाने पर पूर्णतया प्रतिबंध है. काशी के मंदिरों में भी भगवान पर फूल माला नहीं चढ़ाई जा रही हैं. इसके साथ ही भक्तों के प्रसाद चढाने पर भी मनाही है. यही वजह है कि कुछ युवाओं ने मंदिर में पूजन के दौरान अब भगवान को प्रसाद के रूप में मास्क चढ़ाना शुरू कर दिया है. इसके बाद मास्क को प्रसाद के रूप में लोगों के बीच वितरित करने की भी ठानी है.

मंदिर में भक्त भगवान को चढ़ा रहे मास्क.

मंदिर में सबसे पहले कपड़े के बने फोर लेयर मास्क को भगवान को समर्पित कर प्रार्थना की गई. इसके बाद मास्क प्रसाद के रूप में मंदिर के आस-पास मौजूद लोगों के बीच वितरित किए गए. इन युवाओं का कहना है कि आज के दौर में ये बेहद जरूरी है कि भगवान का आशीर्वाद सभी के साथ रहे. पहले प्रसाद के रूप में लोगों को आशीर्वाद मिलता था जिसे ग्रहण करने के बाद लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते थे.

अब मंदिरों में प्रसाद नहीं मिल रहा है और न ही प्रसाद भक्तों को मिल रहा है. कोरोना महामारी के चलते इस वक्त लोगों की सुरक्षा के लिए मास्क बेहद जरूरी है. इसलिए मास्क को भगवान को चढ़ाने के बाद लोगों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जा रहा है. जिससे लोगों के मन में प्रसाद पाने की बात भी रहे और मास्क पहनकर लोग इस महामारी से खुद को सुरक्षित भी रख सकें.

ये भी पढ़ें: वाराणसी: अब ऐसे होंगे बाबा विश्वनाथ के लाइव दर्शन

वाराणसी: कोरोना महामारी के चलते मंदिरों में पहले जैसे दर्शन पूजन नहीं देखने को मिल रहा है. मंदिरों में प्रसाद चढ़ाने और प्रसाद के वितरण पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. अब धर्म की नगरी काशी में कुछ युवा मंदिर में दर्शन पूजन के दौरान प्रसाद की जगह भगवान को मास्क अर्पित कर रहे हैं और इसी मास्क को वह प्रसाद के रूप में लोगों को दे रहे हैं.

वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण मंदिरों में फूल-माला और प्रसाद चढ़ाने पर पूर्णतया प्रतिबंध है. काशी के मंदिरों में भी भगवान पर फूल माला नहीं चढ़ाई जा रही हैं. इसके साथ ही भक्तों के प्रसाद चढाने पर भी मनाही है. यही वजह है कि कुछ युवाओं ने मंदिर में पूजन के दौरान अब भगवान को प्रसाद के रूप में मास्क चढ़ाना शुरू कर दिया है. इसके बाद मास्क को प्रसाद के रूप में लोगों के बीच वितरित करने की भी ठानी है.

मंदिर में भक्त भगवान को चढ़ा रहे मास्क.

मंदिर में सबसे पहले कपड़े के बने फोर लेयर मास्क को भगवान को समर्पित कर प्रार्थना की गई. इसके बाद मास्क प्रसाद के रूप में मंदिर के आस-पास मौजूद लोगों के बीच वितरित किए गए. इन युवाओं का कहना है कि आज के दौर में ये बेहद जरूरी है कि भगवान का आशीर्वाद सभी के साथ रहे. पहले प्रसाद के रूप में लोगों को आशीर्वाद मिलता था जिसे ग्रहण करने के बाद लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते थे.

अब मंदिरों में प्रसाद नहीं मिल रहा है और न ही प्रसाद भक्तों को मिल रहा है. कोरोना महामारी के चलते इस वक्त लोगों की सुरक्षा के लिए मास्क बेहद जरूरी है. इसलिए मास्क को भगवान को चढ़ाने के बाद लोगों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जा रहा है. जिससे लोगों के मन में प्रसाद पाने की बात भी रहे और मास्क पहनकर लोग इस महामारी से खुद को सुरक्षित भी रख सकें.

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