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नवरात्रि का दूसरा दिन आज, मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़

नवरात्रि के दूसरे दिन आज मां के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी माता की उपासना का विधान है. वाराणसी के सप्तसागर कर्णघंटा क्षेत्र में स्थित प्राचीन मां ब्रह्मचारिणी मंदिर (Brahmacharini Temple) में भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है. मां के दर्शन के लिए लंबी कतारों में लोग खड़े हैं और मां के दर्शन कर कृपा प्राप्त कर रहे हैं.

मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़
मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़
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Published : Oct 8, 2021, 9:11 AM IST

वाराणसी: शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) का आज यानि शुक्रवार को दूसरा दिन है. आज के दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना (Brahmacharini Worship) का विधान है. देश के सभी देवी मंदिरों व शक्तिपीठों में इन दिनों भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है. शिव की नगरी काशी में भी मां आदिशक्ति की आराधना श्रद्धा और विश्वास से पूरे विधि विधन से किया जाता है.

मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का यह रूप भक्तों और साधकों को अनंत कोटी फल प्रदान करने वाला है. इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है. काशी के सप्तसागर कर्णघंटा क्षेत्र में प्राचीन मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर स्थित है. इन दिनों यहां भक्तों की खासी भीड़ देखने को मिल रही है. मां के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी देवी का दर्शन पूजन बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है.

मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़
काशी के गंगा किनारे बालाजी घाट पर स्थित मां ब्रह्मचारिणी के मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है. श्रद्धालु लाइन में लगकर मां का दर्शन प्राप्त कर रहे हैं. मां की एक झलक पाने के लिए भक्त घंटो लाइन में खड़े हैं और हाथों में नारियल, चुनरी , माला फूल आदि लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अनंत भव्य है. मां के दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल रहता है. मान्यता है कि जो देवी के इस स्वरूप की आराधना करता है. उसे साक्षात् परम ब्रह्म की प्राप्ति होती है. मां के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं को यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है.मंदिर के पुजारी राजेश्वर ने बताया कि शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी पूजन का विधान है. प्राचीन काल से ब्रह्मचारिणी मंदिर में मां की विशेष पूजा-अनुष्ठान होता आ रहा है. मां का दर्शन करने से संपदा प्राप्त होती है. शुक्रवार के दिन इस बार ब्रह्मचारिणी देवी का दर्शन पड़ा है यह अच्छा संयोग है. शुक्र वैभव का कारक होता है वैभव मतलब सुख सुविधा मिलता है.आज के दिन पूरे विधि-विधान से मां का पूजन करने से वैभव की प्राप्ति होती है. मां दुर्गा के स्वरूप ब्रह्मचारिणी का दर्शन करने से लक्ष्मी की भी प्राप्ति होती है. महालक्ष्मी महाकाली महा दुर्गा के तीन महाशक्ति मिलकर संसार का कल्याण करें. मां ब्रह्मचारिणी जब ब्रह्मा ने सृष्टि का रचना किया तो सृष्टि की रचना नहीं हो पा रही थी. तब त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ने मिलकर शक्ति की उपासना की और जिस स्वरूप की उपासना किया वही ब्रह्मचारिणी हैं. उसके बाद सृष्टि की रचना हुई.इसे भी पढ़ें-Navratri 2nd Day: आज होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, इस विधि से करेंगे पूजा तो माता बनाएंगी सभी बिगड़े काम

वाराणसी: शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) का आज यानि शुक्रवार को दूसरा दिन है. आज के दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना (Brahmacharini Worship) का विधान है. देश के सभी देवी मंदिरों व शक्तिपीठों में इन दिनों भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है. शिव की नगरी काशी में भी मां आदिशक्ति की आराधना श्रद्धा और विश्वास से पूरे विधि विधन से किया जाता है.

मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का यह रूप भक्तों और साधकों को अनंत कोटी फल प्रदान करने वाला है. इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है. काशी के सप्तसागर कर्णघंटा क्षेत्र में प्राचीन मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर स्थित है. इन दिनों यहां भक्तों की खासी भीड़ देखने को मिल रही है. मां के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी देवी का दर्शन पूजन बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है.

मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़
काशी के गंगा किनारे बालाजी घाट पर स्थित मां ब्रह्मचारिणी के मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है. श्रद्धालु लाइन में लगकर मां का दर्शन प्राप्त कर रहे हैं. मां की एक झलक पाने के लिए भक्त घंटो लाइन में खड़े हैं और हाथों में नारियल, चुनरी , माला फूल आदि लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अनंत भव्य है. मां के दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल रहता है. मान्यता है कि जो देवी के इस स्वरूप की आराधना करता है. उसे साक्षात् परम ब्रह्म की प्राप्ति होती है. मां के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं को यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है.मंदिर के पुजारी राजेश्वर ने बताया कि शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी पूजन का विधान है. प्राचीन काल से ब्रह्मचारिणी मंदिर में मां की विशेष पूजा-अनुष्ठान होता आ रहा है. मां का दर्शन करने से संपदा प्राप्त होती है. शुक्रवार के दिन इस बार ब्रह्मचारिणी देवी का दर्शन पड़ा है यह अच्छा संयोग है. शुक्र वैभव का कारक होता है वैभव मतलब सुख सुविधा मिलता है.आज के दिन पूरे विधि-विधान से मां का पूजन करने से वैभव की प्राप्ति होती है. मां दुर्गा के स्वरूप ब्रह्मचारिणी का दर्शन करने से लक्ष्मी की भी प्राप्ति होती है. महालक्ष्मी महाकाली महा दुर्गा के तीन महाशक्ति मिलकर संसार का कल्याण करें. मां ब्रह्मचारिणी जब ब्रह्मा ने सृष्टि का रचना किया तो सृष्टि की रचना नहीं हो पा रही थी. तब त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ने मिलकर शक्ति की उपासना की और जिस स्वरूप की उपासना किया वही ब्रह्मचारिणी हैं. उसके बाद सृष्टि की रचना हुई.इसे भी पढ़ें-Navratri 2nd Day: आज होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, इस विधि से करेंगे पूजा तो माता बनाएंगी सभी बिगड़े काम
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