वाराणसी: शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) का आज यानि शुक्रवार को दूसरा दिन है. आज के दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना (Brahmacharini Worship) का विधान है. देश के सभी देवी मंदिरों व शक्तिपीठों में इन दिनों भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है. शिव की नगरी काशी में भी मां आदिशक्ति की आराधना श्रद्धा और विश्वास से पूरे विधि विधन से किया जाता है.
मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का यह रूप भक्तों और साधकों को अनंत कोटी फल प्रदान करने वाला है. इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है. काशी के सप्तसागर कर्णघंटा क्षेत्र में प्राचीन मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर स्थित है. इन दिनों यहां भक्तों की खासी भीड़ देखने को मिल रही है. मां के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी देवी का दर्शन पूजन बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है.
नवरात्रि का दूसरा दिन आज, मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़
नवरात्रि के दूसरे दिन आज मां के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी माता की उपासना का विधान है. वाराणसी के सप्तसागर कर्णघंटा क्षेत्र में स्थित प्राचीन मां ब्रह्मचारिणी मंदिर (Brahmacharini Temple) में भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है. मां के दर्शन के लिए लंबी कतारों में लोग खड़े हैं और मां के दर्शन कर कृपा प्राप्त कर रहे हैं.
वाराणसी: शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) का आज यानि शुक्रवार को दूसरा दिन है. आज के दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना (Brahmacharini Worship) का विधान है. देश के सभी देवी मंदिरों व शक्तिपीठों में इन दिनों भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिल रही है. शिव की नगरी काशी में भी मां आदिशक्ति की आराधना श्रद्धा और विश्वास से पूरे विधि विधन से किया जाता है.
मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का यह रूप भक्तों और साधकों को अनंत कोटी फल प्रदान करने वाला है. इनकी उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है. काशी के सप्तसागर कर्णघंटा क्षेत्र में प्राचीन मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर स्थित है. इन दिनों यहां भक्तों की खासी भीड़ देखने को मिल रही है. मां के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी देवी का दर्शन पूजन बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है.