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महाशिवरात्रि 2020: काशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब

महाशिवरात्रि के अवसर पर काशी में लोगों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की तरफ से जब मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए मंदिर के पट खोले गए तभी से लगभग तीन किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है.

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काशी में उमड़ा आस्था का जनसैलाब.
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Published : Feb 21, 2020, 11:55 AM IST

Updated : Feb 21, 2020, 12:03 PM IST

वाराणसी: आज देवों के देव महादेव के विवाह का पावन पर्व महाशिवरात्रि है. धर्म की नगरी काशी में इस पावन पर्व पर अपार जनसमूह उमड़ा है. चारों तरफ आस्था का जनसैलाब दिखाई दे रहा है. सुबह से ही भक्त बड़ी संख्या में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए आतुर दिखाई दे रहे हैं. भक्तों की लंबी कतार कई किलोमीटर होते हुए विश्वनाथ मंदिर तक पहुंची रही है.

काशी में उमड़ा आस्था का जनसैलाब.
वहीं विश्वनाथ मंदिर प्रशासन और न्यास की तरफ से भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उन्हें सुगम दर्शन कराने की कोशिश की जा रही है. मंदिर में वीआईपी दर्शन पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया गया है. इन सबके बीच भक्त हर-हर महादेव के जयघोष के साथ काशी में लगातार बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.

काशी में गूंजे बम-बम के नारे
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आज हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज रही है. कण-कण शिवमय हो गया है. महाशिवरात्रि के अवसर पर काशी में लोगों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की तरफ से भी मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए जब मंदिर के पट खोले गए तो उसके बाद से लगभग तीन किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है, जो लगातार बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आतुर दिखाई दे रही है.


दूर-दूर से लोगों का जनसमूह यहां पहुंच रहा है. मान्यता है कि आज के दिन बाबा विश्वनाथ या किसी भी ज्योतिर्लिंग या शिवलिंग पर एक लोटा जल या दूध चढ़ाने मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यही वजह है कि देश-विदेश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में लोग वाराणसी पहुंचे हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए लाइन में लगकर बाबा विश्वनाथ की एक झलक पाने का इंतजार कर रहे हैं.

पढ़ें- वाराणसी: वैदिक विज्ञान के कार्यशाला का समापन, वेद और विज्ञान पर हुआ मंथन

लोगों की ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति हुई थी. ज्योति प्रकाश से हुई उत्पत्ति की वजह से इन्हें ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है. काशी विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग की महिमा भी अद्भुत है. यही वजह है कि लोग दूर-दूर से बाबा विश्वनाथ की एक झलक पाने के लिए वाराणसी पहुंचे हैं. वैसे बाबा भोलेनाथ की पूजा भी बहुत ही सरल और सुगम मानी जाती है. एक लोटा जल या दूध, धतूरा, बेलपत्र और भांग चढ़ाने मात्र से ही बाबा विश्वनाथ लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. आज महाशिवरात्रि के मौके पर इन्हीं मनोकामनाओं को लेकर लोग बाबा के द्वार पहुंचे हुए हैं और दर्शन पूजा का सिलसिला लगातार जारी है.

वाराणसी: आज देवों के देव महादेव के विवाह का पावन पर्व महाशिवरात्रि है. धर्म की नगरी काशी में इस पावन पर्व पर अपार जनसमूह उमड़ा है. चारों तरफ आस्था का जनसैलाब दिखाई दे रहा है. सुबह से ही भक्त बड़ी संख्या में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए आतुर दिखाई दे रहे हैं. भक्तों की लंबी कतार कई किलोमीटर होते हुए विश्वनाथ मंदिर तक पहुंची रही है.

काशी में उमड़ा आस्था का जनसैलाब.
वहीं विश्वनाथ मंदिर प्रशासन और न्यास की तरफ से भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उन्हें सुगम दर्शन कराने की कोशिश की जा रही है. मंदिर में वीआईपी दर्शन पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया गया है. इन सबके बीच भक्त हर-हर महादेव के जयघोष के साथ काशी में लगातार बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.

काशी में गूंजे बम-बम के नारे
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आज हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज रही है. कण-कण शिवमय हो गया है. महाशिवरात्रि के अवसर पर काशी में लोगों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की तरफ से भी मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए जब मंदिर के पट खोले गए तो उसके बाद से लगभग तीन किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है, जो लगातार बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आतुर दिखाई दे रही है.


दूर-दूर से लोगों का जनसमूह यहां पहुंच रहा है. मान्यता है कि आज के दिन बाबा विश्वनाथ या किसी भी ज्योतिर्लिंग या शिवलिंग पर एक लोटा जल या दूध चढ़ाने मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यही वजह है कि देश-विदेश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में लोग वाराणसी पहुंचे हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए लाइन में लगकर बाबा विश्वनाथ की एक झलक पाने का इंतजार कर रहे हैं.

पढ़ें- वाराणसी: वैदिक विज्ञान के कार्यशाला का समापन, वेद और विज्ञान पर हुआ मंथन

लोगों की ऐसी मान्यता है कि आज ही के दिन ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति हुई थी. ज्योति प्रकाश से हुई उत्पत्ति की वजह से इन्हें ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है. काशी विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग की महिमा भी अद्भुत है. यही वजह है कि लोग दूर-दूर से बाबा विश्वनाथ की एक झलक पाने के लिए वाराणसी पहुंचे हैं. वैसे बाबा भोलेनाथ की पूजा भी बहुत ही सरल और सुगम मानी जाती है. एक लोटा जल या दूध, धतूरा, बेलपत्र और भांग चढ़ाने मात्र से ही बाबा विश्वनाथ लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. आज महाशिवरात्रि के मौके पर इन्हीं मनोकामनाओं को लेकर लोग बाबा के द्वार पहुंचे हुए हैं और दर्शन पूजा का सिलसिला लगातार जारी है.

Last Updated : Feb 21, 2020, 12:03 PM IST
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