वाराणसी: 14 जुलाई से सावन (sawan 2022 start date) शुरू होने वाला है और इस बार विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) में पहले से कहीं ज्यादा भक्तों के आने की उम्मीद जताई जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से सुविधाएं पुख्ता करने के निर्देश भी आला अधिकारियों को दिए गए हैं, ताकि भक्तों को कोई परेशानी न हो. लेकिन, अभी विश्वनाथ मंदिर आने वाले भक्तों को बाबा के दर्शन के लिए अग्नि परीक्षा देनी पड़ रही है. घाट से विश्वनाथ मंदिर परिसर (Ganga Ghat to Kashi Vishwanath Temple) तक जाने वाला रास्ते में मार्बल और टाइल्स लगे हैं. इस कारण ये धूप में तप जाते है. ऐसे में लोगों को इस पर नंगे पैर चलने में बेहद परेशानी हो रही है.
पिछले महीने विश्वनाथ मंदिर में तपती धूप में भक्तों को काफी परेशानी हुई थी. कुछ भक्त बेसुध होकर गिर भी पड़े थे. कुछ को तो अस्पताल तक भेजने की नौबत आ गई थी. इन सब के बीच विश्वनाथ मंदिर परिसर में भले ही भक्तों के लिए रेड कारपेट बिछाकर पीने के पानी की अच्छी व्यवस्था और धूप से बचने के लिए शेड उपलब्ध करवाया जा रहा है, लेकिन गंगा घाट के रास्ते विश्वनाथ धाम तक आने के लिए तमाम मुश्किलों का सामना भक्तों को करना पड़ता है. कुछ दूर पर रेड कारपेट बिछाकर भक्तों को थोड़ी देर की राहत तो दी जा रही है. लेकिन, पूरे रास्ते पर यह कारपेट मौजूद नहीं है.
इस भीषण गर्मी, उमस और तेज धूप में छोटे-छोटे बच्चों के साथ बुजुर्ग और अन्य महिलाओं का दर्शन करने के लिए जाना बेहद कठिन होता जा रहा है. यहां दर्शन करने आने वाले लोगों का कहना है कि विश्वनाथ धाम का यह भव्य रूप देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है, लेकिन भक्तों के लिए दी जाने वाली सुविधाओं में विस्तार करने की जरूरत है.
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ईटीवी भारत की टीम ने यहां पहुंचकर जब भक्तों का हाल जाना, तो भक्त इस दिक्कत से काफी दुखी दिखाई दिए. साफ तौर पर भक्तों का कहना था कि नंगे पांव चलकर बाबा विश्वनाथ के मंदिर तक जाना मुश्किल है. इसमें सुधार की जरूरत है.
इस बारे में जब हमने मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा से बातचीत की तो उनका कहना था कि सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है. भक्तों को मुश्किलों से बचाने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं. गर्मी और उमस की वजह से दिक्कत न हो, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है और जल्द ही इन समस्याओं का निराकरण किया जाएगा. कई जगह पर कारपेट लगाए गए हैं और बाकी जगहों पर भी इस दिशा में काम करके भक्तों को परेशानी से बचाने का काम होगा.
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