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एकादशी में स्नान का है खास महत्व, दूर होते हैं सारे कष्ट

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Published : Nov 8, 2019, 1:25 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एकादशी पर्व पर हजारों लोगों ने गंगा नदी में डुबकी लगाई और बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया. ये नजारा अस्सी घाट से लेकर काशी के सभी घाटों में दिखा. हिंदू धर्म में देवोत्थान एकादशी पर्व का खास महत्व है.

स्नान करते श्रद्धालु

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में शुक्रवार का दिन खास रहा. इस दिन एकादशी पर्व होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे. गंगा स्नान करके भगवान श्रीहरि का ध्यान किया. काशी नरेश के दर्शन करके आशीर्वाद लिया.

एकादशी पर्व पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया

आज के दिन गंगा स्नान का बड़ा महत्व

काशी में शुक्रवार को सुबह से ही गंगा स्नान के लिए घाटों में भीड़ जुटने लगी. अस्सी घाट, दशाश्वमेध केदार घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट समेत सभी घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. हिंदू धर्म में एकादशी का खास महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन स्नान के बाद संकल्प कर भगवान श्रीहरि को यथासंभव दान का महत्व है. इसके पीछे धार्मिक तर्क यह है कि भगवान श्रीहरि 4 महीनों की निद्रा के बाद आज उठते हैं. इस दिन लोग भगवान को नमन करते हैं और स्नान से ही सारे पाप ताप मिट जाते हैं.

पढ़ेः- आज है देवोत्थान एकादशी, शालिग्राम के साथ तुलसी विवाह के लिए यह है शुभ मुहूर्त

श्रद्धालु कविता ने बताया कि एकादशी के दिन लोग गंगा नदी में स्नान करके पूरे विधि-विधान से भगवान तुलसी और शालिग्राम की पूजा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन स्नान करने से भगवान श्रीहरि प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं. ऐसी भी मान्यता है कि जिनके घरों में तुलसी का पौधा नहीं है. वे आज के दिन स्नान कर तुलसी शालिग्राम का विवाह करने के उपरांत अपने घरों में तुलसी का पौधा ले जाते हैं.

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में शुक्रवार का दिन खास रहा. इस दिन एकादशी पर्व होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे. गंगा स्नान करके भगवान श्रीहरि का ध्यान किया. काशी नरेश के दर्शन करके आशीर्वाद लिया.

एकादशी पर्व पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया

आज के दिन गंगा स्नान का बड़ा महत्व

काशी में शुक्रवार को सुबह से ही गंगा स्नान के लिए घाटों में भीड़ जुटने लगी. अस्सी घाट, दशाश्वमेध केदार घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट समेत सभी घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. हिंदू धर्म में एकादशी का खास महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन स्नान के बाद संकल्प कर भगवान श्रीहरि को यथासंभव दान का महत्व है. इसके पीछे धार्मिक तर्क यह है कि भगवान श्रीहरि 4 महीनों की निद्रा के बाद आज उठते हैं. इस दिन लोग भगवान को नमन करते हैं और स्नान से ही सारे पाप ताप मिट जाते हैं.

पढ़ेः- आज है देवोत्थान एकादशी, शालिग्राम के साथ तुलसी विवाह के लिए यह है शुभ मुहूर्त

श्रद्धालु कविता ने बताया कि एकादशी के दिन लोग गंगा नदी में स्नान करके पूरे विधि-विधान से भगवान तुलसी और शालिग्राम की पूजा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन स्नान करने से भगवान श्रीहरि प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं. ऐसी भी मान्यता है कि जिनके घरों में तुलसी का पौधा नहीं है. वे आज के दिन स्नान कर तुलसी शालिग्राम का विवाह करने के उपरांत अपने घरों में तुलसी का पौधा ले जाते हैं.

Intro:धर्म और अध्यात्म के शहर काशी में आज एकादशी के दिन सभी घाटों पर श्रद्धालुओं का भीड़ जमा रहा श्रद्धालुओं में मां गंगा में स्नान करके भगवान श्री हरि का ध्यान किया यही नजारा वाराणसी के लगभग सभी घाटों पर रहा अस्सी घाट से लेकर दशाश्वमेध केदार घाट राजेंद्र प्रसाद घाट सभी घाटों पर श्रद्धालुओं से पटा रहा।Body:महिला और पुरुष में स्नान के बाद संकल्प कर भगवान श्रीहरि को यथासंभव दान किया आज के दिन स्नान का महत्व है क्योंकि भगवान श्रीहरि 4 महीनों के निद्रा के बाद आज उठते हैं और लोग भगवान को नमन करते हैं आज स्नान से सारे पाप ताप मिट जाते हैं।Conclusion:कविता ने बताया आज के दिन हम लोग मां गंगा में स्नान करके पूरे विधि-विधान से भगवान तुलसी और शालिग्राम का पूजा करते हैं मान्यता यह है कि आज के दिन स्नान करने से भगवान श्रीहरि प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं। ऐसी मान्यता है कि जिनके घरों में तुलसी का पौधा नहीं है वह आज के दिन स्नान कर मा तुलसी का विवाह करने के उपरांत अपने घरों में तुलसी का पौधा ले जाते हैं।
बाईट :-- कविता श्रद्धालु

आशुतोष उपाध्याय

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