वाराणसी: काशी में देव दीपावली का पर्व धूमधाम के साथ मनाए जाने की तैयारियां चल रही हैं. प्रशासन की ओर से काशी के घाटों पर 11 लाख दीये जलाए जाने की तैयारी की गई है. राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर इस आयोजन को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की बात कही है. इन सबके बीच घाटों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने को लेकर भी विशेष रूप से तैयारियां की जा रही हैं.
देव दीपावली के दौरान पानी में सुरक्षा के लिए तैयार की गई सेना की विशेष टुकड़ी के साथ पीएसी के गोताखोरों और एनडीआरएफ की टीमों को अभी से लगाया जा चुका है. ये 84 घाटों की लंबी श्रृंखला पर लगातार नावों से गस्त कर रही हैं. कुल मिलाकर देव दीपावली पर्व पर जल, थल और वायु तीनों जगहों से सुरक्षा की निगरानी की जाएगी.
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देव दीपावली पर सुरक्षा को लेकर की गई प्लानिंग के बारे में एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि जल, थल और वायु तीनों जगहों से इसकी निगरानी की जाएगी. जल में निगरानी के लिए एनडीआरएफ, पीएसी और सेना की स्पेशल टुकड़ियां लगाई गई हैं, जो लगातार पानी में गश्त करती रहेंगी. इसके अलावा घाटों पर लगभग 5,000 से ज्यादा पुलिस और पीएसी के जवानों की तैनाती की जा रही है. सड़कों पर भी पुलिस के जवान तैनात किए जा रहे हैं, जो ट्रैफिक को रोकने और घाटों पर जमा भीड़ को कम करने पर ध्यान देंगे. वहीं आसमान से दो ड्रोन कैमरों के जरिए सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की जाएगी.
इसके अलावा सड़कों पर डायवर्जन भी लागू किया जा रहा है. अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट समेत अन्य मुख्य घाटों की तरफ ज्यादा भीड़ होने की स्थिति में इसे डायवर्ट कर दूसरे घाटों पर ले जाने की तैयारी की गई है. बता दें कि इस दिन गंगा में भी नाव संचालन की वजह से जबरदस्त तरीके से जाम लगता है. ऐसे में कोई अप्रिय घटना न हो इसे दृष्टिगत रखते हुए अस्सी घाट से राजघाट के बीच गंगा में वनवे ट्रैफिक प्लान भी लागू किया जा रहा है.