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देव दीपावली पर काशी आने वाले पर्यटकों को ठहरने के लिए नहीं करनी होगी जद्दोजहद, यहां मिलेंगे कमरे

वाराणसी में इस बार देव दीपावली (Varanasi Dev Deepawali 2023) और भी भव्य तरीके से मनाई जाएगी. इस आयोजन को देखने के लिए देशभर से लाखों की संख्या में पर्यटक वाराणसी पहुंचने वाले है.वाराणसी में पर्यटकों की बढ़ती संख्या और होटल रूम्स की डिमांड को देखते हुए पर्यटन विभाग स्पेशल प्लान बना रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 11, 2023, 10:21 PM IST

पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने दी जानकारी

वाराणसी: देव दीपावली के आयोजन को देखने के लिए देशभर से लाखों की संख्या में पर्यटक वाराणसी पहुंचने वाले है. वहीं, करीब-करीब सभी होटल्स बुक हो चुके हैं. जबकि नाव इत्यादि भी पहले से ही बुक चल रहे हैं. ऐसे में वाराणसी में पर्यटकों की बढ़ती संख्या और होटल रूम्स की डिमांड को देखते हुए पर्यटन विभाग स्पेशल प्लान बना रहा है. इसके लिए विभाग के होटल्स को ठीक किया जा रहा है. साथ ही साथ उनमें सुविधाओं को भी बढ़ाया जा रहा है. कमरों की संख्या बढ़ाने के लिए भी प्रस्ताव भेजा जा चुका है. ऐसे में पर्यटकों को वाराणसी में रुकने के साथ ही उन्हें बेहतरीन सुविधा भी दी जा सकेगी.

पर्यटन विभाग होटलों में बनवा रहे नए कमरे: पर्यटन उप निदेशक आरके रावत ने बताया कि वाराणसी में पर्यटकों की संख्या को देखते हुए होटल की आवश्यकता है. टूरिस्ट्स की संख्या बहुत ज्यादा हो गई है. इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग के जो होटल्स हैं, उसमें जो पहले से ही कमरे उपलब्ध हैं, उन्हें रेनोवेट करा रहे हैं. इसके अतिरिक्त हम वहां पर पार्किंग की व्यवस्था को बढ़ा रहे हैं. साथ ही लाइटिंग की व्यवस्था कर रहे हैं. इसके साथ ही कमरों की संख्या कम हो रही थी तो एक नया प्रपोजल पास कराया है. जिसमें, करीब 20 से 30 नए कमरे बनेंगे. साथ ही डॉरमेटरी भी बनेगी. इसमें रेस्टोरेंट भी बनाया जाएगा.

टूरिज्म पॉलिसी के तहत होटल्स के रजिस्ट्रेशन: आरके रावत ने बताया कि आने वाले समय में जो टूरिस्ट यहां आ रहे हैं, उनकी संख्या को देखते हुए इस पूरी प्रक्रिया को प्लान किया गया है. टूरिज्म पॉलिसी के तहत भी कई रिजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिसमें नए होटल्स आ रहे हैं. पेइंग गेस्ट्स के लिए भी रजिस्ट्रेशन किया हुआ है. इसका मकसद यही है कि आने वाले समय में टूरिस्ट को अच्छी सुविधा प्रदान करें. राही टूरिज्म कैंट स्टेशन के पास है. साथ ही सारनाथ में भी विभाग का एक होटल है. उसे भी हम रेनोवेट कर रहे हैं.

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देव दीपावली को राजकीय मेला किया घोषित: काशी के अर्द्धचंद्राकार घाटों पर सजने वाले देव दीपावली की पहचान अब प्रदेश के मेले के रूप में होगी. प्रदेश सरकार ने देवताओं के उत्सव देव दीपावली को राजकीय मेला घोषित कर दिया है. इस फैसले के बाद इस आयोजन की भव्यता बढ़ जाएगी. सरकार के इस फैसले के बाद देव दीपावली के आयोजन पर होने वाला खर्च नगर विकास विभाग उठाएगा. मेला स्थलों पर सड़क, बिजली, शौचालय और आश्रय स्थल जैसी सुविधाओं का विकास अब आसानी से हो सकेगा. इस मेले का आयोजन जिलाधिकारी के प्रबंधन में किया जाएगा. देव दीपावली को राजकीय मेला घोषित करने का प्रस्ताव वाराणसी जिला प्रशासन ने 24 घंटे पहले भेजा था.

घरेलू पर्यटन में पहले स्थान पर है वाराणसी: वाराणसी देश की सांस्कृतिक राजधानी है. ऐसे में यह उत्तर प्रदेश में पर्यटन का बहुत बड़ा केंद्र बनता जा रहा है. यहां केवल देश से ही नहीं बल्कि, विदेशों से भी पर्यटक आ रहे हैं. पर्यटन विभाग के अनुसार प्रतिदिन वाराणसी आने वाले पर्यटकों की संख्या 2.5 लाख से 3 लाख पहुंच चुकी हैं, जो कि बीते सालों की तुलना में कहीं ज्यादा है. वहीं, सावन के महीने में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए 1.6 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे. घरेलू पर्यटन के मामले में सबसे आगे काशी है. साल 2022 में 7.12 करोड़ से ज्यादा लोग यहां पहुंचे थे. वहीं, प्रयागराज में 2.55 करोड़, अयोध्या में 2.39 करोड़ और वृंदावन में 1.76 करोड़ लोग पहुंचे थे. वाराणसी घरेलू पर्यटन के मामले में पहले स्थान पर आ चुका है.


यह भी पढ़े-तस्वीरों में देखिए अयोध्या दीपोत्सव का मनमोहक नजारा, रोशनी में नहा उठी राम की नगरी

पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने दी जानकारी

वाराणसी: देव दीपावली के आयोजन को देखने के लिए देशभर से लाखों की संख्या में पर्यटक वाराणसी पहुंचने वाले है. वहीं, करीब-करीब सभी होटल्स बुक हो चुके हैं. जबकि नाव इत्यादि भी पहले से ही बुक चल रहे हैं. ऐसे में वाराणसी में पर्यटकों की बढ़ती संख्या और होटल रूम्स की डिमांड को देखते हुए पर्यटन विभाग स्पेशल प्लान बना रहा है. इसके लिए विभाग के होटल्स को ठीक किया जा रहा है. साथ ही साथ उनमें सुविधाओं को भी बढ़ाया जा रहा है. कमरों की संख्या बढ़ाने के लिए भी प्रस्ताव भेजा जा चुका है. ऐसे में पर्यटकों को वाराणसी में रुकने के साथ ही उन्हें बेहतरीन सुविधा भी दी जा सकेगी.

पर्यटन विभाग होटलों में बनवा रहे नए कमरे: पर्यटन उप निदेशक आरके रावत ने बताया कि वाराणसी में पर्यटकों की संख्या को देखते हुए होटल की आवश्यकता है. टूरिस्ट्स की संख्या बहुत ज्यादा हो गई है. इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग के जो होटल्स हैं, उसमें जो पहले से ही कमरे उपलब्ध हैं, उन्हें रेनोवेट करा रहे हैं. इसके अतिरिक्त हम वहां पर पार्किंग की व्यवस्था को बढ़ा रहे हैं. साथ ही लाइटिंग की व्यवस्था कर रहे हैं. इसके साथ ही कमरों की संख्या कम हो रही थी तो एक नया प्रपोजल पास कराया है. जिसमें, करीब 20 से 30 नए कमरे बनेंगे. साथ ही डॉरमेटरी भी बनेगी. इसमें रेस्टोरेंट भी बनाया जाएगा.

टूरिज्म पॉलिसी के तहत होटल्स के रजिस्ट्रेशन: आरके रावत ने बताया कि आने वाले समय में जो टूरिस्ट यहां आ रहे हैं, उनकी संख्या को देखते हुए इस पूरी प्रक्रिया को प्लान किया गया है. टूरिज्म पॉलिसी के तहत भी कई रिजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिसमें नए होटल्स आ रहे हैं. पेइंग गेस्ट्स के लिए भी रजिस्ट्रेशन किया हुआ है. इसका मकसद यही है कि आने वाले समय में टूरिस्ट को अच्छी सुविधा प्रदान करें. राही टूरिज्म कैंट स्टेशन के पास है. साथ ही सारनाथ में भी विभाग का एक होटल है. उसे भी हम रेनोवेट कर रहे हैं.

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देव दीपावली को राजकीय मेला किया घोषित: काशी के अर्द्धचंद्राकार घाटों पर सजने वाले देव दीपावली की पहचान अब प्रदेश के मेले के रूप में होगी. प्रदेश सरकार ने देवताओं के उत्सव देव दीपावली को राजकीय मेला घोषित कर दिया है. इस फैसले के बाद इस आयोजन की भव्यता बढ़ जाएगी. सरकार के इस फैसले के बाद देव दीपावली के आयोजन पर होने वाला खर्च नगर विकास विभाग उठाएगा. मेला स्थलों पर सड़क, बिजली, शौचालय और आश्रय स्थल जैसी सुविधाओं का विकास अब आसानी से हो सकेगा. इस मेले का आयोजन जिलाधिकारी के प्रबंधन में किया जाएगा. देव दीपावली को राजकीय मेला घोषित करने का प्रस्ताव वाराणसी जिला प्रशासन ने 24 घंटे पहले भेजा था.

घरेलू पर्यटन में पहले स्थान पर है वाराणसी: वाराणसी देश की सांस्कृतिक राजधानी है. ऐसे में यह उत्तर प्रदेश में पर्यटन का बहुत बड़ा केंद्र बनता जा रहा है. यहां केवल देश से ही नहीं बल्कि, विदेशों से भी पर्यटक आ रहे हैं. पर्यटन विभाग के अनुसार प्रतिदिन वाराणसी आने वाले पर्यटकों की संख्या 2.5 लाख से 3 लाख पहुंच चुकी हैं, जो कि बीते सालों की तुलना में कहीं ज्यादा है. वहीं, सावन के महीने में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए 1.6 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे. घरेलू पर्यटन के मामले में सबसे आगे काशी है. साल 2022 में 7.12 करोड़ से ज्यादा लोग यहां पहुंचे थे. वहीं, प्रयागराज में 2.55 करोड़, अयोध्या में 2.39 करोड़ और वृंदावन में 1.76 करोड़ लोग पहुंचे थे. वाराणसी घरेलू पर्यटन के मामले में पहले स्थान पर आ चुका है.


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