वाराणसी: पूरे देश में दीपावली की तैयारियां चल रही हैं. धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में भी और दीपावली का महापर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इसी की तरह इस बार बनारस के लोग इको फ्रेंडली तरीके से दीपावली मनाने की तैयारी में हैं. यहां भगवान गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति गोबर से बनाई जा रही है. घरों में सजाने वाली वस्तुएं भी गोबर से खास तरीके से तैयार की जा रही हैं.
खास बात यह है कि गोबर से तैयार की गई मूर्तियां बिल्कुल मिट्टी के मूर्ति जैसी ही लग रही हैं. हालांकि, लोग काफी ज्यादा इन मूर्तियों को भी पसंद कर रहे हैं. इसीलिए मार्केट में यह मूर्तियां आसानी से मिल रही हैं, कारीगर भी बहुत ही खुश हैं कि इस बार दीपावली में लोग गोबर से बनी मूर्ति ले रहे हैं जो हम लोग के लिए भविष्य में अच्छे संकेत हैं
उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिनके पास देशी गाय हैं, हम उनसे गोबर लेते हैं और इसके लिए उन्हें कीमत भी देते हैं. लोकल फॉर वोकल की तरह गांव में भी रोजगार मिल रहा है और बहुत से किसान परिवार हमसे जुड़ रहा है. गोबर में थोड़ा मिट्टी मिलाते हैं और आवश्यक चीजें मिलाकर इसको तैयार करते हैं. हमारे साथ अब तक 40 लोग कार्य को कर रहे हैं.
वहीं कारीगर, सुमन पाल ने बताया कि देशी गाय के गोबर से हम लोग दिए बनाते हैं. प्रधानमंत्री लगातार लोकल फॉर लोकल की बात कर रहे हैं. उन्हीं की प्रेरणा से हम लोग ये काम कर पा रहे हैं. उन्होंने ही गांव में ट्रेनिंग देकर हम लोगों को गोबर से दिए और मूर्ति बनाने सिखाया है.