वाराणसीः हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है और इस प्रयास के मद्देनजर शनिवार को भारत सरकार की तरफ से एक बड़ा कदम उठाया गया. काशी सहित देश के जीआई टैग प्राप्त खिलौनों को बड़ी सौगात देते हुए सरकार ने अब क्वालिटी कंट्रोल स्टैंडर्ड मार्क से छूट दी है, जिसके बाद अब हस्तशिल्प से जुड़े पेशे के कारीगरों को बीआईएस से स्टैंडर्ड मार्क नहीं लेना होगा.
लोकल से ग्लोबल करने में होगी बड़ी मदद
पद्मश्री सम्मानित जीआई विषेशज्ञ डॉ. रजनीकांत ने भारत सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए बताया कि यह जीआई टैग प्राप्त खिलौना उद्योग को संजीवनी प्रदान करेगा. आत्मनिर्भर भारत अभियान में बिना किसी तकनीकी परेशानी के अब सामान्य खिलौना शिल्पी भी अपने उत्पाद को लोकल से ग्लोबल करेगा. पहले बहुत पेंच था और कई स्टैंडर्ड मार्क से क्वालिटी कंट्रोल सर्टिफिकेशन करना होता था. अब डीपीआईआईटी, वाणिज्य मंत्रालय के पहल पर 12 दिसंबर को गैजेट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया, जो जनवरी 2021 से लागू हो जाएगा.
लाखों शिल्पकारों को मिलेगा फायदा
रजनीकांत का कहना है कि इस कदम के बाद सामान्य शिल्पी भी जो हस्त शिल्प विभाग से जुड़ा होगा, उससे आर्टिजन कार्ड धारक को यह छूट प्राप्त रहेगी. इससे वाराणसी, गोरखपुर, चुनार सहित देश के 19 जीआई टैग प्राप्त खिलौना उद्योग से जुड़े लाखों शिल्पियों को सीधा फायदा होगा.
कुछ ही समय पूर्व प्रधानमंत्री ने भी अपने मन की बात में काशी सहित देश के कई खिलौनों का जिक्र विस्तारपूर्वक किया था और उसी का परिणाम अब दिखाई पड़ रहा है.