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बीएचयू में छात्रों ने देशभक्ति, समलैंगिकता, मानवता विषय पर दिया संदेश - बीएचयू में सांस्कृतिक कार्यक्रम स्पंदन

बीएचयू में चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम स्पंदन का आयोजन किया गया है . यह कार्यक्रम 23 फरवरी से 29 फरवरी तक चलेगा. इसमें कई तरह की प्रतियोगिताएं रखी गई हैं.

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वाराणसी में स्पंदन का चौथा दिन.
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Published : Feb 26, 2020, 10:56 AM IST

Updated : Feb 26, 2020, 11:11 AM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में युवा महोत्सव "स्पंदन 2020 का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम के चौथे दिन पूर्व निर्धारित स्थलों पर विविध प्रतियोगिताएं प्रारंभ हुई. 23 फरवरी से प्रारंभ होकर 29 फरवरी तक चलने वाला यह विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा पर्व है, जिसमें लगभग 2000 से ज्यादा छात्र छात्राएं भाग लेते हैं.

बीएचयू में सांस्कृतिक कार्यक्रम.

कार्यक्रम के चौथे दिन स्वतंत्रता भवन सभागार में लघु नाटक कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें 7 टीमों ने भाग लिया. केएन उड्डपा सभागार में छात्र-छात्राओं द्वारा अभिनय के माध्यम से महिलाओं पर हो रहे यौन उत्पीड़न, घरों में बच्चियों के साथ हो रहे उत्पीड़न को दर्शाया गया.

इसके साथ ही छात्र-छात्राओं ने गांधारी, कर्ण, अश्वत्थामा के साथ-साथ समाज की कुरीतियों पर भी शानदार प्रस्तुति दी. ऐसा लगा कि मानों पूरा ऑडिटोरियम महाभारत के उस काल में पहुंच गया है, जहां पर गांधारी ने भगवान कृष्ण को श्राप दिया था.

स्पंदन का अर्थ ही होता है आपकी पूरी शरीर को स्पंदित कर देना, एक ऊर्जावान तरंग उत्पन्न कर देना, जिससे व्यक्ति खुद को जीवंत महसूस करने लगे. यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा फेस्टिवल है, जिसमें लगभग 2000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं हिस्सा लेते हैं.
शांभवी शुक्ला, छात्रा, बीएचयू

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में युवा महोत्सव "स्पंदन 2020 का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम के चौथे दिन पूर्व निर्धारित स्थलों पर विविध प्रतियोगिताएं प्रारंभ हुई. 23 फरवरी से प्रारंभ होकर 29 फरवरी तक चलने वाला यह विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा पर्व है, जिसमें लगभग 2000 से ज्यादा छात्र छात्राएं भाग लेते हैं.

बीएचयू में सांस्कृतिक कार्यक्रम.

कार्यक्रम के चौथे दिन स्वतंत्रता भवन सभागार में लघु नाटक कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें 7 टीमों ने भाग लिया. केएन उड्डपा सभागार में छात्र-छात्राओं द्वारा अभिनय के माध्यम से महिलाओं पर हो रहे यौन उत्पीड़न, घरों में बच्चियों के साथ हो रहे उत्पीड़न को दर्शाया गया.

इसके साथ ही छात्र-छात्राओं ने गांधारी, कर्ण, अश्वत्थामा के साथ-साथ समाज की कुरीतियों पर भी शानदार प्रस्तुति दी. ऐसा लगा कि मानों पूरा ऑडिटोरियम महाभारत के उस काल में पहुंच गया है, जहां पर गांधारी ने भगवान कृष्ण को श्राप दिया था.

स्पंदन का अर्थ ही होता है आपकी पूरी शरीर को स्पंदित कर देना, एक ऊर्जावान तरंग उत्पन्न कर देना, जिससे व्यक्ति खुद को जीवंत महसूस करने लगे. यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा फेस्टिवल है, जिसमें लगभग 2000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं हिस्सा लेते हैं.
शांभवी शुक्ला, छात्रा, बीएचयू

Last Updated : Feb 26, 2020, 11:11 AM IST
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