वाराणसी : शिवपुर इलाके के वीडीए कॉलोनी में रविवार की दोपहर दो बदमाश चाकू लेकर एक घर में घुस गए थे. उन्होंने मां और बच्ची को कब्जे में लेकर 10 लाख रुपये की डिमांड की थी. बेटी की जान बचाने के लिए मां छह लाख रुपये देने को तैयार हो गई थी. इस बीच परिवार की सूझबूझ से पुलिस की एंट्री हो गई. पुलिस ने दोनों बदमाशों को पकड़ लिया. सोमवार को महिला ने खौफ में बीते दो घंटों की दास्तां सुनाई.
मां ने सुनाई आपबीती : सोमवार को ढाई साल की बच्ची मैत्री की मां सोनी गौतम ने बताया कि वह वीडीए कॉलोनी में परिवार के साथ रहती हैं. उनके ससुर भाई लाल निर्माण विभाग में इंजीनियर हैं. शुक्रवार को वह मैत्री के साथ सो रहे थे. इस दौरान दो बदमाश घर में चाकू लेकर घुस गए. इसके बाद मैत्री को उठा लिया. सोनी ने बताया कि मुझे लगा कि मैं और मेरी बच्ची अब नहीं रह पाएंगे. मैं अपने घर के पहले फ्लोर पर थी. नीचे बच्ची के दादा और बच्ची सो रहे थे. अचानक चिल्लाने की आवाज आई. मुझे लगा कि ससुर हार्ट के पेशेंट है. उन्हें कोई परेशानी हुई होगी, घबराकर हम लोग नीचे गए तो देखा कि सीढ़ी के नजदीक दरवाजे पर दो बदमाशों में से एक ने बच्ची की गर्दन पर चाकू रख रखा है. ससुर डंडा हाथ में लिए हुए थे. वे मारने जा रहे थे लेकिन मैंने उन्हें मना किया.
छह लाख पर मान गए थे बदमाश : सोनी ने बताया कि उसने दोनों बदमाशों से हाथ जोड़कर निवेदन किया कि बच्ची को छोड़ दो. वे कह रहे थे कि पहले सबको यहां से हटाओ. मैंने सबको हटाया. इसके बाद बदमाशों ने अपने सामने बैठाया. एक ने कहा कि बाहर जाकर देखो कि कोई पुलिसवाला तो नहीं है. इसके बाद 10 लाख की डिमांड करने लगे. मैंने उनसे कहा कि इतना पैसा नहीं है. हम लोग परेशान हैं. इसके बाद बच्ची रोने लगी. बदमाश कह रहे थे कि पैसा दे दो हम बच्ची को कुछ नहीं करेंगे. दोनों बदमाश हम लोगों को अंदर कमरे में ले गए. मैंने उनसे कहा कि मेरे पास जमा पूंजी पांच लाख है. वह फोन पर किसी से बात कर रहे थे, कह रहे थे बॉस नहीं मान रहे. मैंने दया की भीख मांगी तो छह लाख पर मान गए.
एसीपी का जताया आभार : सोनी ने बताया कि मैंने पति को आवाज दी. वह आए तो मैंने उनसे कहा कि 6 लाख लेकर आइए. मेरे पति ने कहा कि थोड़ा समय दो मैं पैसे लेकर आता हूं. इस बीच ससुर ने बदमाशों की नजरों से बचकर पुलिस को फोन कर दिया. एक बदमाश मेरे पीछे बैठकर मुझ पर चाकू लगाए था. वह खिड़की से देख भी रहा था. दरवाजे पर बैग के साथ मेरे पति आए. उन्होंने दरवाजा खुलावाया. मैं अपनी बच्ची को गोद में लिए हुई थी. वह सो गई थी.अचानक से कई लोग आए और दोनों बदमाशों को दबोच लिया. पुलिस ने मुझे और बच्ची को बचा लिया. एसीपी अतुल अंजान त्रिपाठी का मैं जीवनभर आभारी रहूंगी. उन्होंने हमें बचाया. उन्हें कुछ चोट भी आई है. कुछ पुलिसकर्मियों को भी चोट लगी है. मैं वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस का बहुत आभार जताती हूं.
यह भी पढ़ें : चाकू के दम पर बच्ची और मां को बदमाशों ने बनाया बंधक, मांगी 10 लाख की फिरौती
वाराणसी में ढाबा संचालक की चाकू से गला रेतकर हत्या का आरोपी गिरफ्तार