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BHU की महिला प्रोफेसर ने साथी प्रोफेसर और दो छात्रों पर लगाया शोषण करने का आरोप, मुकदमा दर्ज

बीएचयू के पत्रकारिता विभाग की प्रोफेसर ने अपने साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर और 2 शोध छात्रों पर शोषण करने का आरोप लगाया है. पुलिस ने महिला प्रोफेसर की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर जांच पड़ताल कर रही है.

Accused of exploitation against fellow professor and research students
Accused of exploitation against fellow professor and research students
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 30, 2023, 8:03 PM IST

वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय का पत्रकारिता विभाग इन दोनों एक दूसरे के ऊपर शोषण का आरोप लगाने का अखाड़ा बना हुआ है. बीते दिनों जहां छात्रों ने विभागाध्यक्ष के ऊपर शोषण और अभद्रता का आरोप लगाते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया था, तो वहीं, अब पत्रकारिता विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शोभना नार्लीकर ने साथी असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सुवर्ण सुमन और 2 शोध छात्र अंकित पांडेय और प्रिंस पांडेय के खिलाफ शोषण का आरोप लगाते हुए एससी, एसटी एक्ट के तहत लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया है.

महिला प्रोफेसर ने पुलिस को बताया कि साथी प्रोफेसर और दोनों शोध छात्रों द्वारा उन्हें दलित प्रोफेसर होने के नाते उन्हें परेशान किया जाता है. विभाग के सवर्ण कर्मचारी गोलबंदी करके उनके साथ अभद्रता करते हैं. 22 मई को भी कुछ छात्र उनके चेंबर में आकर उनको जान से मारने की धमकी देने लगे. इसके बाद उन्होंने मुकदमा दर्ज करवाया. महिला प्रोफेसर ने अपने आरोपों में यह भी कहा कि विभाग के लोगों ने उनके साथ आपत्तिजनक व्यवहार किया है. इस दौरान कुछ प्रोफेसर उसकी रिकॉर्डिंग कर रहे थे. इसके बाद उन्हें हाथ और पैर से मारा पीटा गया. इस मामले में पुलिस को सारा फुटेज उपलब्ध करा दिया गया है. उन्होंने इस मामले की विश्वविद्यालय प्रशासन से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला.


विभागाध्यक्ष और छात्रों का विवाद
हालांकि आरोपित साथी प्रोफेसर और छात्रों ने महिला प्रोफेसर के इन आरोपों का खंडन किया है. प्रोफेसर और छात्रों का कहना है कि प्रोफेसर नार्लीकर मानसिक रूप से पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं. उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है. जिसका कोई तथ्य नहीं है. वह छात्रों और साथी प्रोफेसर के साथ अभद्र व्यवहार करती आई हैं. लोगों पर मुकदमा करना उनका शौक हो चुका है. अब तक वह 18 से ज्यादा लोगों पर फर्जी केस दर्ज करा चुकी हैं. जिसमें किसी भी मामले में कोई भी रिकॉर्डिंग नहीं मिली है.


विवाद हाथापाई तक पहुंचा
गौरतलब है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय का पत्रकारिता विभाग बीते एक साल से इसी तरीके से विवादों में चल रहा है. यह विवाद दिन-प्रतिदिन अंतर्कलह के रूप में बढ़ता जा रहा है. जिस वजह से विभाग के शोधार्थी छात्र और छात्र प्रभावित हो रहे हैं. विश्वविद्यालय में कभी प्रोफेसर को बंधक बना लिया जाता है तो कभी छात्र धरने पर बैठकर के कक्षाएं रद्द कर देते हैं. मामला यहीं नहीं रुकता कई बार आरोप प्रत्यारोप के दौर में विवाद हाथापाई तक पहुंच जाती है. हालांकि इस अंदरूनी विवाद को लेकर के विश्वविद्यालय अभी तक चुप्पी साधे हुए है. लंका थाना प्रभारी अश्वनी पांडेय ने बताया कि महिला प्रोफेसर की तहरीर पर तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जांच के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


यह भी पढ़ें- Kashi Hindu University : शिक्षा के मंदिर से भड़की थी देश को आजाद कराने की चिंगारी

यह भी पढ़ें- राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह और पत्रकार के खिलाफ दी गई तहरीर, न्यूज चैनल पर चलाई थी यह खबर

वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय का पत्रकारिता विभाग इन दोनों एक दूसरे के ऊपर शोषण का आरोप लगाने का अखाड़ा बना हुआ है. बीते दिनों जहां छात्रों ने विभागाध्यक्ष के ऊपर शोषण और अभद्रता का आरोप लगाते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया था, तो वहीं, अब पत्रकारिता विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शोभना नार्लीकर ने साथी असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सुवर्ण सुमन और 2 शोध छात्र अंकित पांडेय और प्रिंस पांडेय के खिलाफ शोषण का आरोप लगाते हुए एससी, एसटी एक्ट के तहत लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया है.

महिला प्रोफेसर ने पुलिस को बताया कि साथी प्रोफेसर और दोनों शोध छात्रों द्वारा उन्हें दलित प्रोफेसर होने के नाते उन्हें परेशान किया जाता है. विभाग के सवर्ण कर्मचारी गोलबंदी करके उनके साथ अभद्रता करते हैं. 22 मई को भी कुछ छात्र उनके चेंबर में आकर उनको जान से मारने की धमकी देने लगे. इसके बाद उन्होंने मुकदमा दर्ज करवाया. महिला प्रोफेसर ने अपने आरोपों में यह भी कहा कि विभाग के लोगों ने उनके साथ आपत्तिजनक व्यवहार किया है. इस दौरान कुछ प्रोफेसर उसकी रिकॉर्डिंग कर रहे थे. इसके बाद उन्हें हाथ और पैर से मारा पीटा गया. इस मामले में पुलिस को सारा फुटेज उपलब्ध करा दिया गया है. उन्होंने इस मामले की विश्वविद्यालय प्रशासन से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला.


विभागाध्यक्ष और छात्रों का विवाद
हालांकि आरोपित साथी प्रोफेसर और छात्रों ने महिला प्रोफेसर के इन आरोपों का खंडन किया है. प्रोफेसर और छात्रों का कहना है कि प्रोफेसर नार्लीकर मानसिक रूप से पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं. उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है. जिसका कोई तथ्य नहीं है. वह छात्रों और साथी प्रोफेसर के साथ अभद्र व्यवहार करती आई हैं. लोगों पर मुकदमा करना उनका शौक हो चुका है. अब तक वह 18 से ज्यादा लोगों पर फर्जी केस दर्ज करा चुकी हैं. जिसमें किसी भी मामले में कोई भी रिकॉर्डिंग नहीं मिली है.


विवाद हाथापाई तक पहुंचा
गौरतलब है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय का पत्रकारिता विभाग बीते एक साल से इसी तरीके से विवादों में चल रहा है. यह विवाद दिन-प्रतिदिन अंतर्कलह के रूप में बढ़ता जा रहा है. जिस वजह से विभाग के शोधार्थी छात्र और छात्र प्रभावित हो रहे हैं. विश्वविद्यालय में कभी प्रोफेसर को बंधक बना लिया जाता है तो कभी छात्र धरने पर बैठकर के कक्षाएं रद्द कर देते हैं. मामला यहीं नहीं रुकता कई बार आरोप प्रत्यारोप के दौर में विवाद हाथापाई तक पहुंच जाती है. हालांकि इस अंदरूनी विवाद को लेकर के विश्वविद्यालय अभी तक चुप्पी साधे हुए है. लंका थाना प्रभारी अश्वनी पांडेय ने बताया कि महिला प्रोफेसर की तहरीर पर तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जांच के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


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