वाराणसी: खाना देने में देरी होने पर पत्नी की गैर इरादत्तन हत्या के मामले में आरोपी पति को दोषी करार देते हुए 7 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, 22 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने नहीं जमा करने पर अभियुक्त को 6 महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. यह फैसला फास्टट्रैक कोर्ट (द्वितीय) अवधेश कुमार ने दिया. अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी राजीव सिंहा एवं पवन जायसवाल ने पैरवी किया.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के अरका कंसरायपुर गांव निवासी अभियुक्त मनोज बिंद की 2010 में पूजा से शादी हुई थी. दोनों के दो बच्चे भी हुए. चार फरवरी 2020 को सुबह दस बजे मनोज ने अपनी पत्नी पूजा से खाना परोसने के लिए कहा. काम में व्यस्तता के कारण खाना देने में देरी कर दी, जिसपर मनोज ने गुस्से में लाठी से पूजा के सिर पर हमला कर दिया. गंभीर रूप से जख्मी पूजा को कछवां स्थित हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. बाद में साक्ष्य नष्ट करने की नियत से शव को ले जाकर दाह संस्कार कर दिया गया.
धोखाधड़ी व गबन के मामले में बिल्डर को मिली अग्रिम जमानत: एक अन्य मामले में फ्लैट देने के नाम पर धोखाधड़ी कर महिला से साढ़े 35 लाख रुपये हड़पने के मामले में आरोपी को कोर्ट से राहत मिल गई. प्रभारी जिला जज देवकांत शुक्ला की अदालत ने नेवादा, मंडुआडीह निवासी आरोपित बिल्डर अविनाश उपाध्याय को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की दशा में 50-50 हजार रुपये की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व गौरव उपाध्याय ने पक्ष रखा।
वहीं, अभियोजन पक्ष के अनुसार चंदौली जनपद के फुटिया (छितो) गांव निवासी वादिनी जया द्विवेदी ने मंडुआडीह थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. आरोप था कि उसने अपने रिश्तेदार प्रमेंद्र उपाध्याय के माध्यम से प्रत्यक्ष इंफ्रा डेवलपर्स प्रा. लि. के डायरेक्टर अविनाश उपाध्याय, बीना राय से फ्लैट खरीदने के बाबत वार्ता कराई थी. इस पर उन लोगों ने बताया कि उक्त बिल्डिंग जमीन के मालिक धर्मराज, देवराज, रामराज एवं उनकी मां रामा देवी की जमीन पर बन रही है. इसका रजिस्टर्ड एग्रीमेंट हुआ है और बिल्डिंग का वीडीए से नक्शा पास कराकर उसका निर्माण अविनाश उपाध्याय, कालिंदी उपाध्याय, एवं बीना राय द्वारा कराया जा रहा है. वहीं बातचीत के बाद तीसरी मंजिल पर 35.56 लाख रुपये में फ्लैट देने की बात तय हुई. इसके बाद एक नोटरियल एग्रीमेंट तैयार करके वादिनी से 23 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से और शेष रुपये अलग-अलग खाते में जमा करा लिया गया. जब पैसे लेने और फ्लैट का निर्माण होने के बाद भी उक्त लोगों ने वादिनी को फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं की और टालमटोल करने लगे।
वहीं, कई बार दौड़ने के बाद जब वादिनी ने फरवरी 2023 में बिल्डर अविनाश उपाध्याय को फोन मिलाया तो बार-बार फोन करने के बाद भी उसने फोन नहीं उठाया. फिर उसे विश्वास हो गया कि सभी लोगों ने उसके साथ धोखाधड़ी करते हुए उसके पैसे हड़प लिए हैं. इस मामले में मंडुआडीह थाने में बिल्डर अविनाश उपाध्याय, कालिंदी उपाध्याय, बीना राय, देवराज, रामराज, रामा देवी व रवि कुमार शर्मा के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.
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