वाराणसी: वाराणसी में मधोपुरा तिराहे के पास एक बैग में नवजात बरामद हुआ था. उसे एक तौलिए में लपेटकर फेंका गया था. लोगों ने उसके रोने की आवाज सुनी तो पुलिस को बुलाया गया. पुलिस ने उसे महिला अस्पताल में भर्ती कराया था. बुधवार को उस नवजात की इलाज के दौरान मौत हो गई है. नवजात की मौत के बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है आखिर इसे किसने फेंका था. सीसीटीवी के आधार पर पुलिस उस बैग को लेकर आने वाले की पहचान में जुटी हुई है. बता दें कि इसी महीने में नवजात को फेंकने के कई मामले सामने आ चुके हैं.
दरअसल, बुधवार को माधोपुर तिराहे के पास राहगीरों को सड़क ने किनारे झाड़ियों में किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनी थी. जब एक राहगीर ने झाड़ियों के पास जाकर देखा तो एक बैग में नवजात बच्चे को तौलिया में लपेटकर फेंका गया था. वह दर्द से तड़प रही थी और रोए जा रही थी. इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी. सूचना पाकर सिगरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची. मौके पर पता चला कि बच्ची की हालत बहुत अधिक खराब थी. वहीं सड़क किनारे नवजात के मिलने का मामला तेजी से चर्चा का विषय बन गया.
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस: जानकारी के मुताबिक, पुलिस टीम ने नवजात बच्चे को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं आज इलाज के दौरान उस नवजात की अस्पताल में मौत हो गई है. वहीं दूसरी तरफ इस मामले की जानकारी करते हुए पुलिस जांच में जुट गई है. आसपास के सीसीटीवी फुटेज और उस रंग का बैग लेकर जाने वाले की शिनाख्त की जा रही है. बताया जा रहा है कि इस मामले में जांच के लिए एक दारोगा और दो सिपाहियों को अलग से जिम्मेदारी दी गई है.
बीएचयू अस्पताल में भी हुआ ऐसा मामला: इस महीने में नवजात को फेंके जाने के कई मामले सामने आ चुके हैं. वहीं नवरात्र शुरू होने से एक दिन पहले ही काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अस्पताल परिसर में ऐसा ही मामला सामने आया था. किसी ने तीन दिन की नवजात बच्ची को फेंक दिया था. नजता बच्ची को वहां पर बने टिनशेट के नीचे कुर्सी पर रखकर उसके परिजन चले गए थे. एक महिला सफाई कर्मी की निगाह उस पर पड़ी थी, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई. बताया गया कि करीब तीन घंटे से नवजात कुर्सी पर पड़ी थी. (Crime New UP)