वाराणसी: गुरुवार को मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का एक परंपरागत और अलग चलन है. पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में मकर संक्रांति के मौके पर पतंगबाजी जमकर होती है और बाजार में एक से बढ़कर एक पतंग हर साल आती है. कभी कोई राजनेता तो कभी कोई कार्टून कैरेक्टर की पतंगे हर साल खूब धूम मचाती हैं, लेकिन इस बार बीते 2020 में कोविड-19 के आतंक के बाद इस साल आई वैक्सीन और कोरोना की भिड़ंत इस बार संक्रांति के मौके पर आसमान में होने जा रही है, क्योंकि बाजार में कोरोना और वैक्सीन की पतंगें मौजूद हैं.
कागज और प्लास्टिक दोनों में उपलब्ध
वाराणसी के औरंगाबाद और दाल मंडी क्षेत्र में पतंग की सबसे ज्यादा बिक्री होती हैं. इन दोनों इलाकों में पतंग बाज संक्रांति से पहले ही पहुंच कर तरह-तरह की पतंगे खरीदते हैं, लेकिन इस बार बाजार में मौजूद गो कोरोना गो और मास्क लगाए बच्चों के साथ कोरोना वायरस प्रिंट वाली पतंगें खूब पसंद आ रही हैं. प्लास्टिक और कागज दोनों मैटेरियल में यह पतंगें उपलब्ध हैं. तीन रुपये से लेकर 7 रुपये तक की रेंज की हैं. ये पतंगें लोगों को खूब पसंद आ रही हैं.