वाराणसी : कोरोना की तीसरी लहर की आहट ने आम जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. इसके चलते व्यापार भी प्रभावित होना शुरू हो गया है. खासकर वाराणसी में लगातार कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के कारण सबसे ज्यादा खुदरा व्यापार, पीतल और एलुमिनियम के बाजारों पर असर पड़ता दिखाई दे रहा है.
गौरतलब है कि वाराणसी को पूर्वांचल मंडियों का हब माना जाता है. यहां के कई खुदरा सामान, खाद्य पदार्थ व अन्य वस्तुओं की पूरे पूर्वांचल में सप्लाई होती है. साथ ही देश और अन्य प्रदेशों में यहां के पीतल, तांबे, एल्युमिनियम के बर्तन, पूजन सामग्री की भी ख़ास डिमांड रहती है.
बीते 15 दिनों से लगातार कोरोना संक्रमितों के आंकड़े में वृद्धि होने के साथ ही लाॅकडाउन की आशंका में व्यापारियों के पुराने आर्डर भी रद्द होने लगे हैं. इसके चलते व्यापार लगभग 40 फ़ीसदी तक प्रभावित हुआ है.
अखिल भारतीय व्यापार मंडल के अध्यक्ष राकेश जैन ने बताया कि बीते दिनों काशी में बढ़े पर्यटन ने व्यापारियों में हौसला भरा था. उम्मीद थी कि व्यापार बेहतर चलेगा. लेकिन पर्यटकों के बड़ी संख्या में वाराणसी आने के क्रम ने संभवतः कोरोना की तीसरी लहर को दावत दे दिया है. बनारस में लगातार संक्रमितों के आंकड़े बढ़ रहे हैं.
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इसके कारण व्यापारियों ने स्टॉक रखना बंद कर दिया है. उन्हें डर है कि कहीं यह स्टॉक व्यापारियों के गले की फ़ांस न बन जाए. उन्होंने बताया कि आमतौर पर आने वाले लगन के सीजन को लेकर व्यापारियों में काफी उत्साह रहता था. हालांकि इस बार कोरोना की इस ताजा लहर से वह उत्साह पूरी तरह खत्म होता दिखाई दे रहा है. व्यापारी उसके नुकसान को झेलना शुरू कर चुका है.
कैंसल हो रहे ऑर्डरों ने लगभग 100 करोड़ का किया नुकसान
वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने कहा कि बढ़ते कोरोना संक्रमितों के आंकड़े हम सब को डरा रहे हैं. फिलहाल बाहर से मिलने वाले सभी ऑर्डर लगभग कैंसिल हैं. दावा किया कि बीते 15 दिनों में 100 करोड़ के व्यापार का नुकसान हो चुका है.
वाराणसी में ओमीक्रोन के अधिकाधिक मामले सामने आ रहे हैं. यह आंकड़े हर दिन लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आंकड़ों की बढ़ोतरी ने आम जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि व्यापार भी प्रभावित हो रहा है.