वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के कोविड-19 अस्पताल पर परिजनों ने मरीज को गायब करने का आरोप लगाया है. परिजनों का आरोप है कि उनका मरीज कोरोना संक्रमित होने के बाद से लापता है. वहीं इस संबंध में अस्पताल के डाॅक्टर और कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है. परिजनों ने इसकी शिकायत लंका थाने में की है.
लंका थाना अंतर्गत डाफी निवासी 23 वर्षीय युवक का 5 दिन पहले बीएचयू परिसर में एक्सीडेंट हुआ था. उसे इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान उसकी कोरोना जांच की गई, जिसमें वह पाॅजिटिव पाया गया. इसके बाद युवक को इलाज के लिए कोविड अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया. अब मरीज का कोई पता नहीं चल रहा है. रविवार को परिजनों ने अस्पताल पर युवक के लापता होने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. परिजनों ने पुलिस को बुलाया और मामले की शिकायत की.
पहले भी लगे हैं आरोप
बीएचयू के कोविड-19 अस्पताल पर लगातार आरोप लग रहे हैं. यह कोई पहली घटना नहीं है, जब मरीज के परिजनों ने अस्पताल के डाॅक्टरों पर आरोप लगाया हो. इसके पहले शव की अदला-बदली, कोरोना मरीज को कई घंटे एंबुलेंस में इंतजार कराने, मरीज का सही से इलाज न करने का आरोप भी लग चुका है. इसके अलावा एक मरीज का ऑडियो वायरल हुआ था और इसके 24 घंटे बाद उसकी मौत हो गई थी.
लापता मरीज के भाई ने बताया कि 12 अगस्त को मेरे भाई का एक्सीडेंट हुआ था. सिर में चोट लगने के बाद उसे बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था. चार दिन तक वहां पर भर्ती रहने के बाद उसकी कोरोना जांच की गई, जिसमें वह पाॅजिटिव आया. इसके बाद उसे रात 1.30 बजे कोविड अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया. उसने बताया कि अब डाॅक्टर बता रहे हैं कि तुम्हारा भाई अस्पताल से फरार हो गया है. परिजनों का कहना है कि बार-बार कहने के बाद भी अस्पताल का सीसीटीवी फुटेज नहीं दिखाया जा रहा है. इसकी शिकायत लंका थाने में की गई है.