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कल का फैसला तय करेगा ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले का भविष्य - ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामला

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले का फैसला (Gyanvapi Shringar Gauri case verdict) 12 सितंबर को होगा. इस फैसले से पहले ईटीवी भारत ने 7 रूल 11 को लेकर हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी (Hindu side lawyer Subhash Nandan Chaturvedi) से खास बातचीत की. देखिए ये रिपोर्ट...

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हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी से बातचीत करती संवाददाता प्रतिमा तिवारी
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Published : Sep 11, 2022, 3:54 PM IST

Updated : Sep 11, 2022, 5:04 PM IST

वाराणसी: जिला अदालत में मई से शुरू हुए ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस (Gyanvapi Shringar Gauri case verdict) में अब 12 सितंबर को फैसला आने वाला है. इस फैसले का सभी को इंतजार है. इस फैसले में क्या होगा. 7 रूल 11 (7 Rule 11 hearing) को लेकर हो रही सुनवाई क्या है, इन तमाम विषयों को लेकर के ईटीवी भारत ने हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी (Hindu side lawyer Subhash Nandan Chaturvedi) से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

हिन्दू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि 12 सितंबर को 7 रूल 11 के मामले पर फैसला आने वाला है. यह फैसला इस बात को निर्धारित करेगा कि यह वाद सुनने योग्य है या नहीं. उन्होंने बताया कि सबसे पहले हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर वाद दाखिल किया था, जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 7 रूल 11 का एक प्रार्थना पत्र लगाया और यह कहा कि यह वाद सुनने योग्य नहीं हैं. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज को यह आदेश दिया कि इस मामले पर सुनवाई की जाए और इसकी पोषणीयता निर्धारित की जाए.

हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी से बातचीत करती संवाददाता प्रतिमा तिवारी

यह भी पढ़ें: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में सोमवार को आएगा फैसला, धर्म यात्रा निकालने की तैयारी में हिंदू पक्ष

उन्होंने बताया कि 1991 के तहत वर्शिप एक्ट वह है, जिसके तहत नरसिम्हा राव की सरकार में यह निर्धारित किया गया था कि 1947 से पहले बने देश के सभी धरोहरों को उसकी यथास्थिति में संरक्षित किया जाएगा. उसमें किसी भी तरीके का परिवर्तन नहीं होगा. मुस्लिम पक्ष इसी बिंदु को लेकर आगे बढ़ रहा है लेकिन हमारे द्वारा ज्ञानवापी परिसर में किसी भी तरीके के संरचनात्मक परिवर्तन होने की बात नहीं कही जा रही है. हमारी मांग बस श्रृंगार गौरी के दर्शन पूजन और अब शिवलिंग के दर्शन पूजन को लेकर हैं.

यह भी पढ़ें: वाराणसी कमिश्नरेट एरिया में धारा 144 लागू, संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च होगा

वाराणसी: जिला अदालत में मई से शुरू हुए ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस (Gyanvapi Shringar Gauri case verdict) में अब 12 सितंबर को फैसला आने वाला है. इस फैसले का सभी को इंतजार है. इस फैसले में क्या होगा. 7 रूल 11 (7 Rule 11 hearing) को लेकर हो रही सुनवाई क्या है, इन तमाम विषयों को लेकर के ईटीवी भारत ने हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी (Hindu side lawyer Subhash Nandan Chaturvedi) से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

हिन्दू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि 12 सितंबर को 7 रूल 11 के मामले पर फैसला आने वाला है. यह फैसला इस बात को निर्धारित करेगा कि यह वाद सुनने योग्य है या नहीं. उन्होंने बताया कि सबसे पहले हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर वाद दाखिल किया था, जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 7 रूल 11 का एक प्रार्थना पत्र लगाया और यह कहा कि यह वाद सुनने योग्य नहीं हैं. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज को यह आदेश दिया कि इस मामले पर सुनवाई की जाए और इसकी पोषणीयता निर्धारित की जाए.

हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी से बातचीत करती संवाददाता प्रतिमा तिवारी

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उन्होंने बताया कि 1991 के तहत वर्शिप एक्ट वह है, जिसके तहत नरसिम्हा राव की सरकार में यह निर्धारित किया गया था कि 1947 से पहले बने देश के सभी धरोहरों को उसकी यथास्थिति में संरक्षित किया जाएगा. उसमें किसी भी तरीके का परिवर्तन नहीं होगा. मुस्लिम पक्ष इसी बिंदु को लेकर आगे बढ़ रहा है लेकिन हमारे द्वारा ज्ञानवापी परिसर में किसी भी तरीके के संरचनात्मक परिवर्तन होने की बात नहीं कही जा रही है. हमारी मांग बस श्रृंगार गौरी के दर्शन पूजन और अब शिवलिंग के दर्शन पूजन को लेकर हैं.

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Last Updated : Sep 11, 2022, 5:04 PM IST
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