वाराणसी: पांच बार विधायक रह चुके अजय राय की सुरक्षा हटाए जाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है. सोमवार को कांग्रेस और वरिष्ठ अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन हरिशंकर सिंह और कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में डीआईजी/एसएसपी अमित पाठक से मिला. इस दौरान उन्होंने सुरक्षा वापस करने की मांग की.
डीआईजी/एसएसपी ने दिया आश्वासन
बता दें कि अजय राय के भाई की हत्या में मुख्तार अंसारी मुख्य आरोपी है. अजय राय बराबर इस केस में गवाही के लिए एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज जाते हैं. ऐसे में सुरक्षा वापसी पर कांग्रेसजनों ने सवालिया निशान लगाया है. डीआईजी/एसएसपी अमित पाठक ने इस पूरे प्रकरण पर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने की मांग
इस संबंध में महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ पूर्व विधायक अजय राय वादी मुकदमा हैं. इसकी गवाही के लिए प्रयागराज स्पेशल कोर्ट में उनका आना-जाना होता है. संविधान में प्रदत्त है कि ऐसे पूर्व विधायक या जनप्रतिनिधि, जिनको जान माल का खतरा हो, उनके 10 प्रतिशत के निजी खर्च पर प्रशासन उन्हें सुरक्षा मुहैया कराता है. सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बावजूद न जाने किन कारणों से रविवार को अजय राय की सुरक्षा वापस ले ली गई.
राघवेंद्र चौबे ने कहा कि हम सब डीआईजी/एसएसपी से मिले हैं. उन्होंने इस मामले पर अपनी अनभिज्ञता ज़ाहिर की और कहा कि मैं इसकी जांच कराऊंगा. पूर्व विधायक की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी बनती है. हम उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएंगे.