वाराणसी: मेडिकल स्टोर से लोगों के सामने कंडोम खरीदने में जिन लोगों को संकोच या हिचकिचाहट होती थी, उनके लिए राहत की बात है. इसके लिए सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कंडोम पेटिका की व्यवस्था की गई है. यहां से कभी भी निशुल्क कंडोम प्राप्त किया जा सकता है. इस व्यवस्था से जहां एक ओर लोगों को शर्म और संकोच का सामना नहीं करना पड़ेगा, वहीं उनकी जेब भी ढीली नहीं होगी और महिलाओं को अनचाहे गर्भ से छुटकारा भी मिलेगा. जी हां वाराणसी जनपद के प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लकड़ी के बने बॉक्स में कंडोम के पैकेट भरकर ऐसी जगह लगाए गए हैं, जहां सभी की पहुंच भी हो और उनकी गोपनीयता भी बनी रहे. यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध है. कंडोम बॉक्स खाली होने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुनः इसे भर देते हैं और यह चक्र चलता रहता है.
147 स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है कंडोम पेटिका
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी का कहना है कि गर्भावस्था को रोकने के साथ ही संक्रमण को रोकना और यौन व प्रजनन स्वच्छता में सुधार करना पुरुष की भी जिम्मेदारी है. इसके लिए परिवार नियोजन का एक मात्र अस्थायी साधन 'कंडोम' अधिकतर लोगों के लिए उपयुक्त है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है. इसकी उपलब्धता आमजन तक आसान हो, इसके लिए जनपद के 147 स्वास्थ्य केंद्रों पर कंडोम पेटिका की व्यवस्था की गई है. शेष स्वास्थ्य केंद्रों पर इसकी स्थापना के निर्देश दे दिए गए हैं.
कंडोम पेटिका को बताया उपयोगी
सेवापुरी ब्लॉक के 30 वर्षीय अमरेश की शादी को तीन साल हो गए हैं. उनका एक साल का एक बच्चा है और अभी वह बच्चा नहीं चाहते हैं. इसके लिए वह पिछले दो वर्षों से कंडोम का उपयोग कर रहे हैं. उनका कहना है कि कभी-कभी दुकान या मेडिकल स्टोर पर कंडोम खरीदने में हिचकिचाहट होती थी तो कभी पैसे न होने पर इसे खरीद नहीं पाता था. ऐसे में गर्भधारण का जोखिम बना रहता था. अस्पताल में कंडोम पेटिका लग जाने से इसे 24 घंटे में कभी भी प्राप्त किया जा सकता है और गोपनीयता भी बनी रहती है.
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क्या है कंडोम
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. राजेश प्रसाद ने बताया कि कंडोम परिवार नियोजन का अस्थायी साधन है. यह रबड़ का एक आवरण है जो शुक्राणुओं को महिला के गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकता है. यह गर्भधारण को रोकने में 75 से 90 प्रतिशत तक कारगर है. इसके साथ ही यह यौन रोग व एड्स से भी बचाता है. उन्होंने बताया कि अधिकतर कंडोम लेटेक्स से बने होते हैं. जिनको लेटेक्स से एलर्जी होती है वह पॉलीयूरेथीन से बने कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं. डॉ. प्रसाद ने बताया कि जनपद में वित्तीय वर्ष 2018-19 में जहां 3.94 लाख कंडोम की खपत थी, वहीं 2019-20 में बढ़कर 6.11 लाख से अधिक हो गई. वहीं, 2020-21 में 5.3 लाख और वर्ष 2021-22 में 7.2 लाख कंडोम का उपयोग हुआ.
कंडोम के लाभ
- बीस वर्ष से पहले यानि किशोर गर्भावस्था से बचाव
- अनचाहे गर्भ से बचाव
- दो बच्चों के जन्म के बीच तीन साल का अंतर रखने में सहायक
- उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था से बचाव
- मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने में सहायक
- यौन संचारित रोग से बचाव
- पुरुष की सहभागिता सुनिश्चित होती है
ऐसे करें उपयोग
- हर बार नए कंडोम का इस्तेमाल करें
- पैकेट पर एक्स्पायरी डेट देख लें
- पैकेट से निकालते समय कंडोम फटना नहीं चाहिए
- इस्तेमाल के बाद कंडोम को गड्ढे में दबा दें या सुरक्षित निस्तारण करें
- यौन संबंध के दौरान यदि कंडोम फट जाए या फिसल जाय तो 24 घंटे के अंदर आपातकालीन गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करें
- कंडोम ठंडे, शुष्क स्थान में, धूप से बचाकर रखें
- पुराने और फटे पैकेट में रखे कंडोम टूट सकते हैं
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